बार-बार मना करने पर भी लगाए 3 टीके
आशा ने स्वास्थ्य कर्मचारियों को बताया उसके बच्चे को बुखार है, ऐसे में टीका न लगाएं। आशा के बार-बार मना करने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बच्चे को लगातार 3 इंजेक्शन लगा दिए और बोले कि इससे बच्चे को जल्दी आराम आ जाएगा। बच्चे को कोई परेशानी नहीं होगी, इसकी जिम्मेदारी हमारी है।
आशा ने स्वास्थ्य कर्मचारियों को बताया उसके बच्चे को बुखार है, ऐसे में टीका न लगाएं। आशा के बार-बार मना करने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बच्चे को लगातार 3 इंजेक्शन लगा दिए और बोले कि इससे बच्चे को जल्दी आराम आ जाएगा। बच्चे को कोई परेशानी नहीं होगी, इसकी जिम्मेदारी हमारी है।
बच्चे के होंठ हो गए थे नीले
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दो टीके बच्चे के पैर में और एक टीका बच्चे के कंधे की जगह गर्दन में लगाया। इसके बाद से ही बच्चा दर्द से रोने लगा। करीब रात 10:30 बजे बच्चा एक दम से बेहोश हो गया और उसके होंठ भी नीले पड़ने लगे। बच्चे का पिता दीपांशु तुरंत ही बच्चे को एक निजी अस्पताल में ले गया। लेकिन वहां जाते ही मां की गोद में मासूम ने दम तोड़ दिया।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दो टीके बच्चे के पैर में और एक टीका बच्चे के कंधे की जगह गर्दन में लगाया। इसके बाद से ही बच्चा दर्द से रोने लगा। करीब रात 10:30 बजे बच्चा एक दम से बेहोश हो गया और उसके होंठ भी नीले पड़ने लगे। बच्चे का पिता दीपांशु तुरंत ही बच्चे को एक निजी अस्पताल में ले गया। लेकिन वहां जाते ही मां की गोद में मासूम ने दम तोड़ दिया।
मां-बाप दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहते हैं
इकलौती संतान की मौत से मां-बाप का रोकर बुरा हाल है। बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। पीड़ित परिवार ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
इकलौती संतान की मौत से मां-बाप का रोकर बुरा हाल है। बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। पीड़ित परिवार ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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डॉ. सुनील त्यागी, सीएमओ ने यूपी पत्रिका से बात करते हुए बताया, “बच्चे की मौत दुखद है। हमारे स्वास्थ्य कर्मचारी ने किट्टू के साथ 6 और बच्चों को इंजेक्शन लगाया गया था। बाकी 7 बच्चे पूरी सुरक्षित हैं। जो 3 टीके किट्टू को लगे उसमें 2 में वैक्सिन थी और 1 पोलियो टीका था। परिजन जिस तरह का आरोप लगा रहे हैं। वह गलत है।
परिजन खुद ही बच्चे को कैंप पर टीका लगवाने के लिए लेकर आए थे। हमने चिकित्सा अधिकारी से जांच कराई है। इसमें आया है कि बच्चे किट्टू को निमोनिया नहीं था। उसे पहले से कोई चर्म रोग था। और इलाज चल रहा था। जिससे उसकी मौत हो गई।”