मेरठ में एटीएस के अधिकारियों ने शनिवार को सत्येंद्र सिवाल से पूछताछ शुरू की। इसपर वह संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाया। उसने देश की खुफिया जानकारी हैंडलर को देने की बात स्वीकार की है। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस संबंध में लखनऊ स्थित एटीएस थाने में सत्येंद्र सिवाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 121 ए यानी देश के खिलाफ आपराधिक साजिश और शासकीय गुप्त अधिनियम 1923 के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है।
हापुड़ निवासी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट सत्येंद्र सिवाल की गिरफ्तारी के बाद यूपी के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने प्रदेश भर की पुलिस को अलर्ट किया है। इसके तुरंत बाद पुलिस अधिकारियों की एक टीम हापुड़ स्थित सत्येंद्र सिवाल के घर पहुंची है। बताया जा रहा है कि पुलिस सत्येंद्र सिवाल के घर में और कौन-कौन लोग आईएसआई के संपर्क में हैं। इसकी जांच करेगी। साथ ही सत्येंद्र के घर की तलाशी भी ली जा सकती है। बहरहाल पुलिस महानिदेशक इस मामले की पल-पल अपडेट ले रहे हैं।
दरअसल, यूपी एटीएस को इनपुट मिला था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के हैण्डलर्स हनी ट्रैप में फंसाकर भारतीय विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों को बहला फुसलाकर और धन का लालच देकर जासूसी करवा रहे हैं। इस इनपुट पर जब यूपी एटीएस ने छानबीन की तो पता चला कि सतेंद्र सिवाल ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को जो जानकारियां दीं। उसके एवज में उसे पैसे भी भेजे गए।
चर्चा है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI द्वारा एजेंट्स के जरिए भारतीय सेना से जुड़ी कई महत्वपूर्ण और गोपनीय जानकारियां ली जा रही थीं। गिरफ्तारी के दौरान सतेंद्र के पास दो मोबाइल, आधार कार्ड और पैन कार्ड बरामद हुए हैं। इसके साथ ही 600 रुपये भी मिले हैं। फिलहाल यूपी एटीएस पता लगा रही है कि सतेंद्र के अलावा कौन-कौन ISI के संपर्क में है।