scriptस्वामी विवेकानंद ने आज से 129 साल पहले शिकागो में लहराया था भारतीय ज्ञान का परचम | Seminar organized on 129th anniversary of Swami Vivekananda Chicago speech | Patrika News

स्वामी विवेकानंद ने आज से 129 साल पहले शिकागो में लहराया था भारतीय ज्ञान का परचम

locationहापुड़Published: Sep 12, 2022 12:37:31 pm

Submitted by:

Kamta Tripathi

11 सितंबर 1893 को संत स्वामी विवेकानंद जी ने शिकागो में भाषण देकर इतिहास रच दिया था। इस दिन भारतीय ज्ञान का परचम पूरे विश्व में लहराया था। इस दिन को पावन चिंतन धारा आश्रम गत कई वर्षों से ज्ञान के अभ्युदय ‘ज्ञानोत्सव’ के रूप में मना रहा है। इसी के मौके पर 129 वीं वर्षगांठ पर, चिंतन धारा आश्रम में 12वें ज्ञानोत्सव पर एक सेमिनार का आयोजन किया। जिसका विषय था “स्वामी विवेकानंद एवं भारतीय सभ्यता”।

स्वामी विवेकानंद ने आज से 129 साल पहले शिकागो में लहराया था भारतीय ज्ञान का परचम

स्वामी विवेकानंद ने आज से 129 साल पहले शिकागो में लहराया था भारतीय ज्ञान का परचम

कार्यक्रम का शुभारंभ गुरुवन्दना तथा स्वामी विवेकानन्द के शिकागो में दिए गये भाषण की प्रस्तुति से हुआ। प्रो. संगीत रागी ने कहा कि स्वामी जी का व्यक्तित्त्व इतना महान है कि अध्यात्म को सिरे से खारिज करने वाले भी स्वामी जी को सुन कर अध्यात्म की शरण में आने को मजबूर हो जाते हैं। मेरे जीवन में जब कभी नैराश्रय का भाव आता है, जब कभी जीवन के लिय सोचता हूँ तो सबसे पहले स्वामी जी की गोद ढूंढता हूँ। राष्ट्रवाद, शिक्षा, अध्यात्म, मिशन अवेकनिंग, स्त्री दशा, विज्ञान, दरिद्र नारायण ये ऐसे विषय हैं जिसे आप स्वामी जी के जीवन मे देख कभी भी प्रेरणा पा सकते हैं।
रागी जी ने कहा कि अन्य धर्मों की तरह सनातन संस्कति बंधी हुई नही है अपितु अनंत है। हम अपने ईश्वर को केवल विश्वास के सहारे नहीं बल्कि आत्मसाक्षात्कार कर पा सकतें हैं। हम तलवार के बल पर नहीं, अध्यात्म के सहारे पूरे विश्व में अपनी पहचान रखते हैं। व्यास कर्ता डॉ. पवन सिन्हा ‘गुरूजी’ ने अमेरिका पर हुए हमले की तरफ इशारा करते हुए कहा कि सारी दुनिया 9/11 को जैसे याद करती है। हम सौभाग्यशाली है कि हम 9/11 को वैसे याद नहीं करते। हम स्वामी जी के लिए इस तिथि को याद रखते हैं।

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गुरूजी ने कहा कि जब तक धर्म का वास्तविक स्वरुप लोगों तक नहीं पहुंचेगा लोग पाखंड में फंसेगे। कार्यक्रम के अंत में यंग मूव्स के पुनर्संस्करण लांच हुआ और गुरुमां डॉ. कविता अस्थाना ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में जालंधर, फरीदाबाद, नॉएडा, गाज़ियाबाद, दिल्ली अनेक शहरों से लोग उपस्थित रहे तथा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आश्रम के फेसबुक तथा यूट्यूब चौनल पर भी किया गया जिसमें हजारों लोग लाइव जुड़े रहे।
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