जिले में 3495 आवारा गौवंशीय मवेशी, 500 को आसरा देने के लिए बन रही गौशाला, फिलहाल निर्माण अधूरा
हरदाPublished: Jun 30, 2020 09:03:58 pm
आवारा मवेशियों की धमाचौकड़ी से शहरी क्षेत्रों में आवागमन बाधित, गांवों में फसलों को नुकसान
जिले में 3495 आवारा गौवंशीय मवेशी, 500 को आसरा देने के लिए बन रही गौशाला, फिलहाल निर्माण अधूरा
हरदा। आवारा मवेशियों को आसरा देने के लिए लाखों रुपए खर्च कर बनाई जा रही गौशालाओं का निर्माण अधूरा है। जहां यह बन चुकी हैं, वहां लोकार्पण के इंतजार में मवेशियों को आश्रय देना शुरू नहीं किया गया। नतीजतन जिले के 3495 गौवंशीय आवारा मवेशी सड़कों पर धमाचौकड़ी मचाते हैं। गांवों में यह फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. राजेंद्र गौर ने बताया कि वर्ष 2019 में हुई पशु संगणना के अनुसार जिले में गौवंशीय मवेशियों की संख्या 1 लाख ५९ हजार ४८७ है। इनमें से ३४९५ निराश्रित यानि आवारा मवेशी है। इनके आश्रय के लिए मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना शुरू की गई है। इसके तहत मनरेगा के तहत टिमरनी ब्लाक के छिदगांव मेल, हरदा के मगरधा और खिरकिया के नीमसराय में गौशाला का निर्माण कराया जा रहा है। योजना के तहत करीब छह एकड़ रकबे में से एक एकड़ में गौशाला निर्माण हो रहा है। बचे पांच एकड़ में चारागाह के लिए रहेगी। वहीं नर्मदा सेवा मिशन के तहत हंडिया और चीराखान में 22-22 लाख रुपए से गौशालाओं का निर्माण हो रहा है। इनके निर्माण पूर्ण होने से आवारा मवेशियों से सामने आने वाली समस्या से निजात मिलने की उम्मीद है।
सड़कों पर पैदल चलना दूभर, वाहनों की आवाजाही में भी परेशानी
जिला मुख्यालय के अलावा टिमरनी व खिरकिया में आवारा मवेशियों के झुंड लोगों का पैदल निकलना मुश्किल कर रहे हैं। कई लोगों पर हमला कर ये घायल भी कर चुके हैं। बारिश के मौसम में इनसे समस्या और बढ़ जाती है। दरअसल उन्हें बैठने के लिए सूखी जगह नहीं होने से वे सड़कों पर अपना डेरा जमा लेते हैं। स्टेट और नेशनल हाईवे पर इनके जमघट होने से आवागमन बाधित होता है। वहीं हादसों का भी अंदेशा रहता है।
नौ गौशालाओं में 2221 को मिल रही पनाह
पशु चिकित्सा विभाग के अनुसार जिले में नौ पंजीकृत गौशाला हंै। इनमें हरदा शहर की दो, चारुवा (खिरकिया) की एक तथा बाकी छह टिमरनी ब्लॉक के भादूगांव में दो एवं पोखरनी, चारखेड़ा, धनपाड़ा व चिचोट में एक-एक गौशाला है। यहां संचालन समितियों द्वारा करीब 2221 गौवंशीय मवेशियों को आश्रय दिया गया है।
पांच में से एक में ही दिया जा रहा आसरा
भवन खड़ा हुआ, भूसे की व्यवस्था नहीं
हंडिया। नर्मदा सेवा मिशन के तहत हंडिया तथा चीराखान में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा है। मार्च में इनका निर्माण पूर्ण कर गौसेवा संचालन समितियों को प्रभार सौंपा जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। हंडिया में 100 मवेशियों को आश्रय देने के लिए शेड बन चुके हैं, लेकिन बाउंड्रीवॉल नहीं होने से यहां मवेशियों को रखकर पालन करना समिति सदस्यों को बड़ी चुनौती लग रहा है।
नीमसराय में निर्माण पूर्ण, लोकार्पण का इंतजार
खिरकिया। ब्लाक के नीमसराय में 27 लाख 71 हजार की लागत से मनरेगा के तहत गौशाला का निर्माण पूर्ण हो चुका है। फिलहाल केवल बिजली व्यवस्था अधूरी है। इसके लोकार्पण का इंतजार है। यहां मवेशियों के लिए शेड के अतिरिक्त चारागाह भूमि की व्यवस्था की गई है। इसके संचालन के लिए ग्राम पंचायत के माध्यम से स्वसहायता समूह का चयन भी कर लिया गया है। गाय के गोबर के लिए 2 कम्पोस्ट एवं नाडेप यूनिट लगाई जाना है।
छिदगांव मेल में 50 मवेशियों को रखा जा रहा
छिदगांव मेल। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत बनी गौशाला का निर्माण पूर्ण हो चुका है। सौ मवेशियों की क्षमता वाली गौशाला में फिलहाल 50 मवेशियों को आश्रय दिया गया है। ग्राम पंचायत की ओर से यहां करीब 60 टैंक भूसे की व्यवस्था की गई है। ग्वाला विजय भिलाला मवेशियों की देखभाल करता है।
इनका कहना है
चीराखान व हंडिया में गौशाला का निर्माण अंतिम चरण में है। यह 10 जुलाई तक पूर्ण हो जाएगा। गौशालाओं में पशु व भूसा शेड के अलावा पानी की व्यवस्था की गई है।
– प्रियंका मेहरा, कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग, हरदा
मनरेगा के तहत जिले के तीनों ब्लाक में एक-एक गौशाला का निर्माण कराया जा रहा है। तीनों स्थानों पर निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। टिमरनी ब्लाक के छिदगांव मेल में इसका उपयोग शुरू हो गया है। अन्य दो स्थानों पर भी जल्द ही लोकार्पण कराया जाएगा।
– दिलीप कुमार यादव, सीईओ, जिला पंचायत हरदा।