अध्यक्ष नहीं सुनतीं, विकास कार्य रुके
अविश्वास जताने वाले सदस्यों का कहना था कि अध्यक्ष निधि राजपूत उनकी बातों पर ध्यान नहीं देते हुए मनमानी करती हैं। सदस्य उनकी कार्यप्रणाली से असंतुष्ट हैं। इसके चलते सदस्य अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास कार्य नहीं करा पाते। उन्हें जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ता है। अध्यक्ष के खिलाफ कई ऐसे मुद्दे हैं जिनसे सदस्यों में विरोध पनपा।
अविश्वास जताने वाले सदस्यों का कहना था कि अध्यक्ष निधि राजपूत उनकी बातों पर ध्यान नहीं देते हुए मनमानी करती हैं। सदस्य उनकी कार्यप्रणाली से असंतुष्ट हैं। इसके चलते सदस्य अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास कार्य नहीं करा पाते। उन्हें जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ता है। अध्यक्ष के खिलाफ कई ऐसे मुद्दे हैं जिनसे सदस्यों में विरोध पनपा।
अध्यक्ष के पति हैं विधायक प्रतिनिधि
उल्लेखनीय है कि जनपद अध्यक्ष निधि राजपूत के पति बद्रीनारायण राजपूत निकाय में विधायक संजय शाह के प्रतिनिधि हैं। सदस्य उन पर भी पहले यह आरोप लगा चुके हैं कि वे बैठकों में मनमाना रवैया अपनाते हैं। सदस्यों की बातों को नजरअंदाज किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि जनपद अध्यक्ष निधि राजपूत के पति बद्रीनारायण राजपूत निकाय में विधायक संजय शाह के प्रतिनिधि हैं। सदस्य उन पर भी पहले यह आरोप लगा चुके हैं कि वे बैठकों में मनमाना रवैया अपनाते हैं। सदस्यों की बातों को नजरअंदाज किया जाता है।
अपर कलेक्टर के यहां लंबित हैं जांच
कलेक्टर को दिए आवेदन में सदस्यों ने यह भी कहा कि अध्यक्ष के खिलाफ अन्य कुछ शिकायतें भी की गई थीं। अपर कलेक्टर के पास इनकी जांच लंबित है। सदस्यों ने अध्यक्ष राजपूत के वाहन संबंधी भी एक शिकायत सीईओ को की थी। इसमें वाहन के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था।
कलेक्टर को दिए आवेदन में सदस्यों ने यह भी कहा कि अध्यक्ष के खिलाफ अन्य कुछ शिकायतें भी की गई थीं। अपर कलेक्टर के पास इनकी जांच लंबित है। सदस्यों ने अध्यक्ष राजपूत के वाहन संबंधी भी एक शिकायत सीईओ को की थी। इसमें वाहन के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था।
हरदा में भी बने थे ऐसे हालात, कोरम ही पूरा नहीं हो सका था
मालूम हो कि जनपद पंचायत हरदा की अध्यक्ष फुंदाबाई व उपाध्यक्ष किरण पटेल के खिलाफ भी सदस्यों ने अविश्वास जताया था। कलेक्टर के निर्देश पर बुलाए गए साधारण सम्मेलन में कोरम ही पूरा नहीं हो सका था। प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले दो सदस्य ही इसमें शामिल नहीं हुए थे। जिसके चलते दोनों की कुर्सियां बच गई थीं।
मालूम हो कि जनपद पंचायत हरदा की अध्यक्ष फुंदाबाई व उपाध्यक्ष किरण पटेल के खिलाफ भी सदस्यों ने अविश्वास जताया था। कलेक्टर के निर्देश पर बुलाए गए साधारण सम्मेलन में कोरम ही पूरा नहीं हो सका था। प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले दो सदस्य ही इसमें शामिल नहीं हुए थे। जिसके चलते दोनों की कुर्सियां बच गई थीं।
भाजपा की कार्यप्रणाली पर फूटा सदस्य का गुबार
कलेक्ट्रेट पहुंचे सदस्यों में से एक सदस्य का गुबार उस समय फूट पड़ा जब उससे यह पूछा गया कि वे जिस दल भाजपा का समर्थन करते हैं उस मंच पर यह शिकायत क्यों नहीं लेकर गए? इसी दौरान वार्ड क्रमांक १३ के सदस्य नर्मदा प्रसाद चौरे ने कहा कि पिछली मर्तबा अध्यक्ष राजपूत की कार्यप्रणाली पर विरोध जताया था तो विधायक रेस्ट हाउस में भाजपा जिला प्रभारी संतोष पारिख, जिलाध्यक्ष अमरसिंह मीणा, विधायक संजय शाह सहित अन्य नेताओं ने पार्टी हित में शांत रहने की समझाईश देते हुए अध्यक्ष को हटाने का आश्वासन दिया था। लेकिन लंबे समय बाद भी ऐसा नहीं हो सका। इसके चलते यह निर्णय लेना पड़ा। चौरे का कहना था कि हर एक सदस्य करीब 10 हजार मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में पार्टी फोरम पर उनकी बात को नजरअंदाज किया जाना न्यायसंगत नहीं है।
कलेक्ट्रेट पहुंचे सदस्यों में से एक सदस्य का गुबार उस समय फूट पड़ा जब उससे यह पूछा गया कि वे जिस दल भाजपा का समर्थन करते हैं उस मंच पर यह शिकायत क्यों नहीं लेकर गए? इसी दौरान वार्ड क्रमांक १३ के सदस्य नर्मदा प्रसाद चौरे ने कहा कि पिछली मर्तबा अध्यक्ष राजपूत की कार्यप्रणाली पर विरोध जताया था तो विधायक रेस्ट हाउस में भाजपा जिला प्रभारी संतोष पारिख, जिलाध्यक्ष अमरसिंह मीणा, विधायक संजय शाह सहित अन्य नेताओं ने पार्टी हित में शांत रहने की समझाईश देते हुए अध्यक्ष को हटाने का आश्वासन दिया था। लेकिन लंबे समय बाद भी ऐसा नहीं हो सका। इसके चलते यह निर्णय लेना पड़ा। चौरे का कहना था कि हर एक सदस्य करीब 10 हजार मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में पार्टी फोरम पर उनकी बात को नजरअंदाज किया जाना न्यायसंगत नहीं है।