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हरदा

जेल परिसर में घर में घुसकर प्रहरी से राडऔर लकड़ी से मारपीट

आरोपी प्रहरी ने बाहर से लोगों को बुलवाकर दिया घटना को अंजाम, जेल प्रशासन ने प्रहरी को निलंबित किया

हरदाFeb 09, 2019 / 10:32 pm

sanjeev dubey

patrika

Assault in district jail premises

हरदा. बीती रात को जिला जेल परिसर में एक प्रहरी नेे अपने दो साथियों को बुलाकर दूसरे प्रहरी के घर में घुसकर उस पर लोहे की राड और लकड़ी से मारपीटकी। इसमें प्रहरी गंभीर रूप से घायल हो गया। पड़ौसी कर्मचारियों द्वारा घायल प्रहरी को जिला अस्पताल में भती किया गया। पीडि़त प्रहरी की रिपोर्ट पर आरोपी प्रहरी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
फरियादी प्रहरी राजीव पिता राम अवतार तोमर ने बताया कि शुक्रवार-शनिवार की रात लगभग 2 बजे वह जेल परिसर में राउंड ले रहा था। इसी दौरान प्रहरी बसंत कुमार पिता ओमप्रकाश यदुवंशी ने उसके साथ गाली-गलौज की थी। जिस पर उसने समझाया, लेकिन वह धमकाते हुए चला गया। राजीव ने बताया कि उक्त घटना के बाद वह जेल परिसर स्थित घर में सोने के लिए गया। रात्रि लगभग 3 बजे बसंत उसके घर पर गाली-गलौज करते हुए आया और दरवाजे पर लात मारता रहा, जिसमें दरवाजा खुल गया। इसके बाद बसंत के दो साथियों ने लोहे की राड और लकड़ी से उन्हें मारना शुरू कर दिया। उन्होंने बचाने के लिए पड़ौसियों से गुहार लगाईतो मनीष कुमार ने आकर बीच-बचाव किया। राजीव के हाथ, पैरों एवं सिर में गंभीर चोंटे आईं। इसके बाद रात्रि में ही घायल प्रहरी को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। पुलिस ने प्रहरी राजीव की रिपोर्ट पर आरोपी बसंत के खिलाफ धारा ४५२, २९४, ३२३, ५०६, ३४ का मामला दर्ज किया।
इनका कहना है
गत रात्रि को दो प्रहरियों में झगड़ा हो गया था। एक को हाथ, पैरों में चोंटे आई हैं। प्रहरी बसंत यदुवंशी को निलंबित कर दिया है। प्रहरी राजीव के साथ मारपीट करने के दौरान बाहर से आए दो लोगों के बारे में पूछताछ की जा रही है। उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
आईएस नागर, जेलर, जिला जेल, हरदा
युवती से बलात्कार के आरोपी को दस साल का सश्रम कारावास
हरदा। रहटगांव थाना क्षेत्र के एक गांव में 14 अक्टूबर 2017 की रात युवती को घर में अकेला पाकर बलात्कार करने वाले आरोपी को कोर्ट ने दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। उसे अर्थदण्ड से भी दंडित किया गया है। सहायक अभियोजन अधिकारी विनोद कुमार अहिरवार ने बताया कि पीडि़ता के पिता और मांग घर के काम से अलग-अगल गांव गए थे। घटना की रात वह रोज की तरह खाना खाकर पलंग पर लेटी थी। इसी दौरान उसकी नींद लग गई। वह बल्व बंद करना तथा दरवाजे की सांकल लगाना भी भूल गई। तभी आरोपी धीरज भीतर घुसा और अश्लील हरकत करने लगा। उसने दरवाजा बंद कर पीडि़ता से बलात्कार किया। इस दौरान आरोपी ने किसी को यह बात बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। पीडि़ता ने अगले दिन थाना पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने केस की जांच के बाद चालान न्यायालय में पेश किया। जिला लोक अभियोजक एआर रोहित एवं अतिरिक्त सहायक लोक अभियोजक विपिन सोनकर ने कोर्ट में अभियोजन की ओर से पैरवी की। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद धीरज कोरकू पर दोषसिद्ध पाया। उसे भादंवि की धारा 376 के तहत 10 साल सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई। आरोपी को अन्य धाराओं में भी दंडित किया गया है।
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