“एक बार तो ऎसा लगा, जैसे बम विस्फोट है”
कामायनी एक्सप्रेस से मुंबईसे इलाहबाद जा रहे यात्री बृजेश कुमार
पाल ने बताया कि वह एस-9 बोगी में बैठे हुए थे। रात साढे 11 बजे ट्रेन माचक नदी के
पुल को क्रास
हरदा से गुरूदत्त
राजवैद्य
कामायनी एक्सप्रेस से मुंबईसे इलाहबाद जा रहे यात्री बृजेश कुमार पाल ने बताया कि वह एस-9 बोगी में बैठे हुए थे। रात साढे 11 बजे ट्रेन माचक नदी के पुल को क्रास करते हुए आगे रवाना हो रही थी।इसी बीच कुछदूरी पर पुलिया से ट्रेन निकलते समय अचानक बारिश का पानी उफनता हुआ ट्रेन में से निकलने लगा। ट्रेन की सारी बोगियां पुलिया के ऊपर से निकल चुकी थी। एस-9 और महिला कोच के गुजरने के दौरान ही एस-9 कोच अचानक धंसने लगा। यह देखकर बोगी में बैठे लोगों में अफरा-तफरी मच गई। वहीं अप ट्रैक से जनता एक्सप्रेस भी जा रही थी।
धीरे-धीरे कामायनी ट्रेन की सभी बोगियां पानी में बहने लगी। लोग उतरकर जान बचाने के लिए जनता एक्सप्रेस में चढ़ गए। लेकिन तभी जनता एक्सप्रेस का इंजन पुलिया के ऊपर ही लटक गया और महिला कोच पानी में जलमग्न हो गया। कुछ देर बाद तीन बोगियां आड़ी होने लगी। अचानक पानी का तेज बहाव आने से चारों बोगियां आड़ी होकर कामायनी ट्रेन की बोगियों से चिपक गई। कामायनी की 10 और जनता की चार बोगियों में पानी भर गया। यात्री जान बचाकर दरवाजे से निकलकर भागने लगे।