भाकिसं ने यह प्रमुख मांग उठाई
– लागत को कम करने के लिए सरकार 25000 रुपए प्रति हेक्टेयर प्रति वर्ष सीधे खाते में जमा कराए।
– मनरेगा को कृषि से जोड़कर पंचायतों से मजदूर उपलब्ध कराए जाएं। इनकी मजदूरी मनरेगा योजना से दी जाए।
– अज्ञात बीमारी से खराब हुई खरीफ फसल का सर्वे कराके मुआवजा दिया जाए।
– रबी सीजन में सिंचाई के लिए 15 घंटे लगातार बिजली दी जाए।
– कृषि कार्य एवं ट्रैक्टर में लगने वाले डीजल को जीएसटी के दायरे में लाकर मूल्य निर्धारित किया जाए।
– रबी सीजन में पर्याप्त मात्रा में खाद की उपलब्धता सुनिश्चित हो।
– तहसील की सभी छतिग्रस्त सड़कों का दुरुस्तीकरण किया जाए।
– लागत को कम करने के लिए सरकार 25000 रुपए प्रति हेक्टेयर प्रति वर्ष सीधे खाते में जमा कराए।
– मनरेगा को कृषि से जोड़कर पंचायतों से मजदूर उपलब्ध कराए जाएं। इनकी मजदूरी मनरेगा योजना से दी जाए।
– अज्ञात बीमारी से खराब हुई खरीफ फसल का सर्वे कराके मुआवजा दिया जाए।
– रबी सीजन में सिंचाई के लिए 15 घंटे लगातार बिजली दी जाए।
– कृषि कार्य एवं ट्रैक्टर में लगने वाले डीजल को जीएसटी के दायरे में लाकर मूल्य निर्धारित किया जाए।
– रबी सीजन में पर्याप्त मात्रा में खाद की उपलब्धता सुनिश्चित हो।
– तहसील की सभी छतिग्रस्त सड़कों का दुरुस्तीकरण किया जाए।
किसानों की मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
सिराली. भारतीय किसान संघ तहसील इकाई सिराली द्वारा कृषि उपज मंडी विश्राम गृह में बलराम जयंती उत्सव मनाया गया। किसानों की मांगों को लेकर प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार सिराली को ज्ञापन दिया गया । इसमें किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने, कृषि उपज विक्रय पर किसानों को 50 हजार तक की राशि नगद देने, खाद्यान्न की आयात निर्यात नीति किसान के हित को ध्यान में रखकर बनाने सहित किसानों की अन्य मांगों एवं समस्याओं का सामाधान करने की मांग की गई। इस मौके पर शैतानसिंह राजपूत, दुर्गेश चौहान, विनय पटेल, विजेश मुकाती, दिनेश राजपूत दिनेश खरबडिय़ा, गणेश राजपूत, अजय तोमर, हुकुमराजपूत आदि मौजूद थे।
सिराली. भारतीय किसान संघ तहसील इकाई सिराली द्वारा कृषि उपज मंडी विश्राम गृह में बलराम जयंती उत्सव मनाया गया। किसानों की मांगों को लेकर प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार सिराली को ज्ञापन दिया गया । इसमें किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने, कृषि उपज विक्रय पर किसानों को 50 हजार तक की राशि नगद देने, खाद्यान्न की आयात निर्यात नीति किसान के हित को ध्यान में रखकर बनाने सहित किसानों की अन्य मांगों एवं समस्याओं का सामाधान करने की मांग की गई। इस मौके पर शैतानसिंह राजपूत, दुर्गेश चौहान, विनय पटेल, विजेश मुकाती, दिनेश राजपूत दिनेश खरबडिय़ा, गणेश राजपूत, अजय तोमर, हुकुमराजपूत आदि मौजूद थे।
भाकिसं ने मनाई बलराम जयंती
खिरकिया. बलराम जयंती पर किसान दिवस उत्सव का आयोजन भारतीय किसान संघ द्वारा कृषि उपज मंडी विश्राम गृह में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला उपाध्यक्ष चिरोंजीलाल विश्नेाई ने की। उन्होंने भगवान बलराम के जीवन तथा कर्मों पर उद्बोधन देते हुए कि कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में यह पर्व हलछठ या हलपूजा के रूप में मनाया जाता है। तहसील अध्यक्ष कैलाष गुर्जर ने कहा कि भगवान बलराम ने उबड़ खाबड़ जमीन को खेती योग्य बनाया। समाज में चेतना जागृत कर संघर्ष तथा परिश्रम करने की प्रकृति का निर्माण, नव सृजन के लिए अच्छी व उन्नत खेती, बीज संरक्षण जल संरक्षण और खेती का आधार गौपालन की शिक्षा दी। इस दौरान तहसील प्रभारी यशवंत सिंह राजपूत, मुकेश गौर, रूपंिसंह राजपूत, मोहनलाल विश्नोई, नरेन्द्र खरबडिय़ा, अजय चौधरी आदि किसानों की मांगों एवं
समस्याओं के निराकरण को लेकर सौंपा ज्ञापन –
किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संघ द्वारा एसडीएम वीपी यादव को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री एवं कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें प्रधानमंत्री कृषि फसल बीमा की विसंगति को दूर कर प्रत्येक किसान को दावा राशि दिए जाने, उपज का लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य दिए जाने, उत्पादन अनुदान के रूप में 30 हजार रूपए प्रतिवर्ष दिए जाने, राज्य प्राकृतिक आपदा कोष की स्थापना करने, मोरंड गंजाल परियोजना का कार्य प्रारंभ करने, चने का भुगतान शीघ्र किए जाने, कृषि कार्य के लिए 15 घंटे बिजली दिए जाने सहित अन्य मांगों के निराकरण की मांग की गई। इस दौरान किसान संघ के पदाधिकारी, सदस्य एवं किसान मौजूद थे।
किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संघ द्वारा एसडीएम वीपी यादव को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री एवं कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें प्रधानमंत्री कृषि फसल बीमा की विसंगति को दूर कर प्रत्येक किसान को दावा राशि दिए जाने, उपज का लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य दिए जाने, उत्पादन अनुदान के रूप में 30 हजार रूपए प्रतिवर्ष दिए जाने, राज्य प्राकृतिक आपदा कोष की स्थापना करने, मोरंड गंजाल परियोजना का कार्य प्रारंभ करने, चने का भुगतान शीघ्र किए जाने, कृषि कार्य के लिए 15 घंटे बिजली दिए जाने सहित अन्य मांगों के निराकरण की मांग की गई। इस दौरान किसान संघ के पदाधिकारी, सदस्य एवं किसान मौजूद थे।