शुरू हुई थी कवायद, लेकिन नहीं हो सकी सफल
पूर्व में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की व्यवस्था एक दो जगह बनाई गई थी, लेकिन वह सफल नहीं हो सकी। एक दो माह के बाद ही बंद हो गयी। पुलिस प्रशासन द्वारा नगर के व्यापारियों के सहयोग से कुछ स्थानों पर कैमरे लगाए गए थे, वहीं दुकानों के बाहर कैमरे लगाने की पहल भी की गई थी, लेकिन यह पहल सफल नहीं हो सकी। इसके तहत मुख्य चौराहे पर कैमरा लगाए गए थे, जो कुछ दिनों बाद बन्द हो गए। नगर मे शासकीय व्यवस्थाओं के तहत सभी चौक-चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने एवं उनके बेहतर संचालन और रखरखाव के लिए व्यवस्था किए जाने की आवश्यकता है।
पूर्व में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की व्यवस्था एक दो जगह बनाई गई थी, लेकिन वह सफल नहीं हो सकी। एक दो माह के बाद ही बंद हो गयी। पुलिस प्रशासन द्वारा नगर के व्यापारियों के सहयोग से कुछ स्थानों पर कैमरे लगाए गए थे, वहीं दुकानों के बाहर कैमरे लगाने की पहल भी की गई थी, लेकिन यह पहल सफल नहीं हो सकी। इसके तहत मुख्य चौराहे पर कैमरा लगाए गए थे, जो कुछ दिनों बाद बन्द हो गए। नगर मे शासकीय व्यवस्थाओं के तहत सभी चौक-चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने एवं उनके बेहतर संचालन और रखरखाव के लिए व्यवस्था किए जाने की आवश्यकता है।
दिन में हो चुकी है कई बड़ी वारदात
नगर में पूर्व में कई बार दिनदहाड़े ही वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है जिनके आरोपियों के संबंध में कोई सुराग नहीं लग पाया है। जनवरी माह में मुख्य मार्ग से आरोपियों द्वारा नगर के रामनारायन ढाकरिया की चेन लूट ले गए। वहीं छीपाबड़ में दिन दहाड़े दंपत्ति को घर में कैद कर चोरी की घटना को अंजाम दिया गया था। इसके बाद व्यवसायी के घर से दिन में ही सोना चमकाने के नाम पर चेन उड़ा ले गए हैं। मामले में अभी तक आरोपियों की कोई निशानदेही नहीं हो सकी। यदि कैमरे होते तो शायद आरोपियों की गतिविधि व हुलिए कैमरे में कैद हो जाते। ऐसे में पुलिस भी आरोपियों का पता लगाने में नाकाम रहती है। कैमरों से पुलिस को भी घटनाओ के सम्बंध में काफी साक्ष्य मिलते।
नगर में पूर्व में कई बार दिनदहाड़े ही वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है जिनके आरोपियों के संबंध में कोई सुराग नहीं लग पाया है। जनवरी माह में मुख्य मार्ग से आरोपियों द्वारा नगर के रामनारायन ढाकरिया की चेन लूट ले गए। वहीं छीपाबड़ में दिन दहाड़े दंपत्ति को घर में कैद कर चोरी की घटना को अंजाम दिया गया था। इसके बाद व्यवसायी के घर से दिन में ही सोना चमकाने के नाम पर चेन उड़ा ले गए हैं। मामले में अभी तक आरोपियों की कोई निशानदेही नहीं हो सकी। यदि कैमरे होते तो शायद आरोपियों की गतिविधि व हुलिए कैमरे में कैद हो जाते। ऐसे में पुलिस भी आरोपियों का पता लगाने में नाकाम रहती है। कैमरों से पुलिस को भी घटनाओ के सम्बंध में काफी साक्ष्य मिलते।
अपराधियों का पकडऩे में कारगर सिद्ध होते हैं कैमरे
पूर्व में कुछ स्थानों पर हुई आपराधिक घटनाओं में कैमरे काफी मददगार भी साबित हुए हैं जिसमें हत्या जैसी बड़ी व संगीन वारदात भी शामिल है। खेड़ीपुरा की एक घटना में आँगनबाड़ी कार्यकर्ता बन महिला ने बच्चे की जान ली थी। वहीं छीपाबड़ में स्टेट हाईवे पर एक दामाद द्वारा चार पहिया वाहन से कुचलकर अपनी सास की हत्या कर दी गई थी। इन घटनाओं में व्यवसायिक प्रतिष्ठान पर लगे कैमरे से ही आरोपियों तक पहुंचनेे में पुलिस को सफलता मिली है। कैमरे के चलते ही इनमे सफलता मिली है, नही तो यह भी और घटनाओ की तरह अबूझ पहली बनकर ही रह जाती।
पूर्व में कुछ स्थानों पर हुई आपराधिक घटनाओं में कैमरे काफी मददगार भी साबित हुए हैं जिसमें हत्या जैसी बड़ी व संगीन वारदात भी शामिल है। खेड़ीपुरा की एक घटना में आँगनबाड़ी कार्यकर्ता बन महिला ने बच्चे की जान ली थी। वहीं छीपाबड़ में स्टेट हाईवे पर एक दामाद द्वारा चार पहिया वाहन से कुचलकर अपनी सास की हत्या कर दी गई थी। इन घटनाओं में व्यवसायिक प्रतिष्ठान पर लगे कैमरे से ही आरोपियों तक पहुंचनेे में पुलिस को सफलता मिली है। कैमरे के चलते ही इनमे सफलता मिली है, नही तो यह भी और घटनाओ की तरह अबूझ पहली बनकर ही रह जाती।
यहां कैमरे लगाए जाने की है जरूरत
नगर के मुख्य चौराहा, गांधी चौक, बस स्टैंड, मुख्य मार्ग, खिरकिया किल्लोद मार्ग, मंडी गेट, पुरानी गल्ला मंडी चौराहा, स्टेट बैंक के समीप, छीपाबड़ थाना चौराहा, महाराणा प्रताप कैमरे , गांधी चौक छीपाबड़ सहित अनेक अतिव्यस्तम क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की आवश्यकता है।
नगर के मुख्य चौराहा, गांधी चौक, बस स्टैंड, मुख्य मार्ग, खिरकिया किल्लोद मार्ग, मंडी गेट, पुरानी गल्ला मंडी चौराहा, स्टेट बैंक के समीप, छीपाबड़ थाना चौराहा, महाराणा प्रताप कैमरे , गांधी चौक छीपाबड़ सहित अनेक अतिव्यस्तम क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की आवश्यकता है।
इनका कहना है
शहर के भीतर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के लिए पूर्व में प्रस्ताव लिए गए थे। फिलहाल यह व्यवस्था नहीं बनायी जा सकी है। पुन: प्रस्ताव लेकर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाऐंगे।
एआर सांवरे, सीएमओ, नपं खिरकिया
शहर के भीतर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के लिए पूर्व में प्रस्ताव लिए गए थे। फिलहाल यह व्यवस्था नहीं बनायी जा सकी है। पुन: प्रस्ताव लेकर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाऐंगे।
एआर सांवरे, सीएमओ, नपं खिरकिया