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केंद्र प्रभारी और मुकद्दम गिरफ्तार, जेल भेजा

locationहरदाPublished: Oct 07, 2020 10:15:48 pm

Submitted by:

gurudatt rajvaidya

– सहकारी समिति चौकड़ी में चना खरीदी फर्जीवाड़े का मामला

केंद्र प्रभारी और मुकद्दम गिरफ्तार, जेल भेजा

केंद्र प्रभारी और मुकद्दम गिरफ्तार, जेल भेजा

खिरकिया। सहकारी समिति चौकड़ी में समर्थन मूल्य पर चना खरीदी में हुए फर्जीवाड़े के मामले में पुलिस ने बुधवार को केंद्र प्रभारी और मुकद्दम को गिरफ्तार किया। उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से दोनों को जेल भेजने के आदेश हुए। छीपावड़ थाना प्रभारी ज्ञानू जायसवाल ने बताया कि मुकद्दम सन्नी पिता किशोरकुमार मालवीय निवासी खिरकिया और मनोज उर्फ गोलू पिता संतोष राजपूत निवासी पाहनपाट को मामले में सहआरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया गया। दोनों का इस मामले में सीधा संबंध है। चना खरीदी में फर्जीवाड़ा इनकी जानकारी में था। ज्ञात हो कि पुलिस इस मामले में मुख्य आरोपी समिति प्रबंधक दिनेश पिता जगन्नाथ बघेला और उसके दोनों बेटों गब्बर उर्फ सुमित बघेला व बंटी उर्फ रोहित बघेला को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। ये तीनों आरोपी 10 अक्टूबर तक रिमांड पर हैं। इनके बयानों और निशानदेही के आधार पर पुलिस एक दिन पहले उन स्थानों पर पहुंची थी जहां तुलाई सहित फर्जीवाड़े से जुड़ी अन्य गतिविधियां हुई थी। इस मामले से जुड़े उन 38 किसानों में से 10 किसानों से पूछताछ हो चुकी है जिनके खाते में बगैर उपज बेचे राशि जमा हुई थी। पुलिस के मुताबिक इनमें से आधा दर्जन किसानों ने रुपए वापस समिति के खाते में जमा कराना शुरू कर दिए हैं। हालांकि सहकारी बैंक प्रबंधन इससे इंकार कर रहा है। प्रबंधन के मुताबिक अब तक एक किसान का पैसा ही वापस मिला है। ज्ञात हो कि समिति द्वारा 5183 क्विंटल चना की खरीदी फर्जी तरीके से की गई थी।
दूसरी बैंकों से राशि ट्रांसफर होगी
सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी सतीष सिटोके ने बताया कि बुधवार को किसी भी किसान ने पैसे जमा नहीं कराए। दो किसानों द्वारा 3 लाख 90 हजार रुपए जमा कराने की जानकारी मिली है। उन्होंने जहां से पैसे निकाले थे, संभवत: उसी बैंक से राशि वापस जमा कराई जाएगी। इसके चलते समय लग रहा है।
पैसे निकालने वाले किसानों पर कार्रवाई को लेकर असमंजस
इधर, जिन 38 किसानों ने बगैर उपज बेचे 54 लाख रुपए निकाले उन पर पुलिस कार्रवाई को लेकर असमंजस है। पुलिस का कहना है कि फर्जीवाड़े में उनकी संलिप्तता जांच रिपोर्ट में सामने आई है। जिसने पंजीयन कराया उसे पकड़ा जाएगा। वहीं बैंक के सूत्र बताते हैं कि कलेक्टर संजय गुप्ता द्वारा स्पष्ट किया जा चुका है कि जो किसान पैसे जमा कराते जा रहे हैं उन पर कानूनी कार्रवाई नहीं की जाए। हालांकि फिलहाल यह तय नहीं हो सका है कि ऐसे किसानों पर कार्रवाई होगी या नहीं।

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