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नगर के नालों का नहीं हुआ गहरीकरण व सफाई

locationहरदाPublished: May 20, 2020 08:13:41 pm

Submitted by:

gurudatt rajvaidya

बारिश में पानी निकासी नहीं होने से होगी आफत ,नगर परिषद नहीं दे रही ध्यान

नगर के नालों का नहीं हुआ गहरीकरण व सफाई

नगर के नालों का नहीं हुआ गहरीकरण व सफाई

खिरकिया. समूचा नगर नालों से घिरा है। इन नालों की साफ सफाई और गहरीकरण बारिश के पूर्व जरूरी है। बावजूद इसके अभी तक नगर परिषद ने नालों का गहरीकरण व सफाई कार्य शुरू नहीं किया है। इससे पानी की निकासी नहीं होने से बारिश में नालों से लगी बस्तियां जलमग्न हो सकती है। नालों के गहरीकरण के लिए नगर परिषद की कोई तैयारी नहीं दिख रही है। खिरकिया-छीपाबड़ मुख्य मार्ग पर स्थित सिंध वाले बाबा नाला, कोदियाखाल नाला, भट्टी नाला एवं लक्ष्मीकुंड नाले का गहरीकरण नहीं कराया जा रहा है।
अस्तित्व खो रहा सिंध वाला नाला-
खिरकिया-छीपाबड़ मुख्य मार्ग के मध्य स्थित सिंध वाला नाला अस्तित्व खो रहा है। नाले पर पुल निर्माण होने से पानी का बहाव तेज गति से होता है। लेकिन नाला पुल की अपेक्षा कम चौड़ा होने से क्षतिग्रस्त हो चुका है। नाले का पिंचिंग कार्य कराया जाना जरूरी है। आसपास खेतों से पानी बहकर नाले में पहुंचता है। इससे पिंचिंग के अभाव में पाले ऊपर से भी क्षतिग्रस्त हो रही है। नाले की पाल से लगा हुआ छीपाबड़ मुक्तिधाम मार्ग नाले की पाल टूटने से क्षतिग्रस्त होने के साथ सिकुड़ गया है। मार्ग पर लगाई गई टाइल्स पानी में बह चुकी है। नाले की रिटर्निंग वॉल के अभाव में मार्ग निर्माण भी अटका है। बारिश के बहाव में आने वाली मिट्टी जमा हो गई। इससे नाले का स्वरूप भी बिगड़ रहा है। नगर के वार्ड क्रमांक 10 एवं 11 के रहवासी क्षेत्र मेंं बारिश का पानी भरा जाता है।
लक्ष्मीकुंड नाले का बिगड़ रहा स्वरूप-
खिरकिया-चौकड़ी मार्ग से होकर गुजरने वाला लक्ष्मीकुंड नाला नगर के महत्वपूर्ण नालों में है। इस नाले का स्वरूप बिगड़ते जा रहा है। कई स्थानों से नाला क्षतिग्रस्त हो गया है। नाले की पाल कई स्थानों से कट गई है। बावजूद इसके नाले की साफ सफाई एवं गहरीकरण नहीं किया जा रहा है। थोड़ी ही बारिश में मार्ग बंद हो जाता है। नाले के आसपास के वार्ड क्रमांक १ एवं ५ के घरों में पानी भरा जाता है।
कोदियाखाल एवं भट्टी नाला पर बनी रहती है हादसे की आशंका-
खिरकिया एवं किल्लौद विकासखंड को जोडऩे वाले कोदियाखाल एवं भट्टी वाला नाले पर हादसे की आशंका बनी रहती है। नाले में बहने से मौत भी चुकी है। कई स्थानों पर पानी निकासी के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। इससे बारिश में पुलिया डूबी रहती है। घंटों मार्ग बंद रहता है। इस नाले का गहरीकरण व चौड़ीकरण करना जरूरी हो गया है। हालांकि कोदियाखाल नाले पर पुल व भट्टी नाले पर पुलिया का निर्माण जारी है, बावजूद इसके सफाई की आवश्यकता है।
वर्षों से नहीं हुआ नालों का गहरीकरण-
छीपाबड़ नाले का लगभग चार वर्ष पूर्व नगर पंचायत ने जेसीबी के माध्यम से गहरीकरण कराया था। लेकिन दो अन्य नालों का गहरीकरण हुए वर्षों हो गए है। इससे बारिश में नगरवासियों को परेशानियां उठानी पड़ सकती है। बारिश प्रारंभ होने में कुछ दिन शेष है। ऐसे में नालों की सफाई, गहरीकरण व चौड़ीकरण कार्य जरूरी हो गया है। पानी निकासी नहीं होने से कृषकों से खेतों में पानी भरा जाता है। फसलें जलमग्न हो जाती हैं। छीपाबड़ नाला होशंगाबाद खंडवा राजमार्ग से जुड़ा है। खिरकिया पोखरनी के मध्य नाला मार्ग को पार करता है, लेकिन अधिक बारिश होने पर मार्ग पर जाम लग जाता है।
इनका कहना है-
नालों की साफ सफाई के लिए योजना बनाई जा रही है। बारिश के पूर्व शहर के सभी नालों की साफ सफाई एवंं गहरीकरण कराया जाएगा।
एआर सांवरे, सीएमओ, नपं खिरकिया
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