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हरदा

स्वच्छता अभियानों को मुंह चिढ़ा रही गंदगी, कचरे के ढेर, सड़क पर बह रहा गंदा पानी

– लाख प्रयास के बावजूद स्वच्छ नहीं हो सके गांव, ग्राम पंचायतों की अनदेखी

हरदाSep 18, 2018 / 05:38 pm

sanjeev dubey

Cleanliness campaign

स्वच्छता अभियानों को मुंह चिढ़ा रही गंदगी, कचरे के ढेर, सड़क पर बह रहा गंदा पानी

खिरकिया. गांवों को साफ सुथरा किए जाने के लिए शासन द्वारा शहरों की तर्ज पर यहां भी स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान चलाया गया। फिलहाल गांवों में स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन भी हो रहा है। इसके बावजूद स्थिति में सुधार नहीं आ रहा। गांवों की गलियों में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं। नालियों का पानी सड़क पर बह रहा है।
स्वच्छता के नाम पर गांवों में अभियान तो चलाए जाते हंै, लेकिन जमीनी स्तर पर इनका असर देखने को नही मिलता। वर्तमान में कई ग्रामों में अस्वच्छता पसरी हुई है। कहीं पर सड़कों पर गंदा पानी बह रहा है, तो कही पर कूड़ा गांवो की सड़कों व सार्वजनिक स्थानों पर पसरा हुआ है। जानकारी के अनुसार विकासखंड में कई ग्रामों में गंदगी फैली हुई है। ग्राम पंचायत द्वारा साफ सफाई व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वही विभागीय अधिकारियों द्वारा भी केवल स्वच्छता सर्वेक्षण तक इस ओर ध्यान दिया गया। बाद मे स्वच्छता ध्यान नही दिया जा रहा है। विकासखंड के ग्राम पोखरनी, मुहाल, मरदानपुर सहित अनेक ऐसे गांव हैं, जहां पर अस्वच्छता के कारण ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विकासखंड मुख्यालय से करीबी गांवों में ही ऐसे हालात हैं। इस स्थिति में अंदाजा लगाया जा सकता है कि अन्य गांवों में क्या स्थिति रहती होगी।
पोखरनी में लगा गंदगी का अंबार
विकासखंड मुख्यालय के सबसे करीबी गांव पोखरनी में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। गांव के हर मोहल्ले में कूड़ा कचरा एवं कीचड़ के ढेर लगे हुए हंै। पंचायत द्वारा यहां कभीकभार सफाई कराई जाती है, लेकिन गंदगी बढ़ाने वालों से सख्ती से नहीं निपटा जाता। उन्हें रोका नहीं जाता। गांव में पं. बालकृष्ण दाधीच के घर के सामने लगे हैंडपंप के पास गंदगी का ढेर लगा हुआ है। इसके अलावा गांव के हर मोहल्ले में कूड़े कचरे के ढेर लगे हुए हंै। कुछ ग्रामीण अपने मवेशी को भी रास्ते पर बांधते हैं। जिससे गांव में गंदगी हो रही है। मच्छर प्रकोप बढऩे से लोग बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। पंचायत का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। पूर्व में भी कई बार गंदगी को लेकर शिकायत की जा चुकी है। सीएम हेल्पलाइन पर भी गांव की अस्वच्छता को लेकर शिकायत की जा चुकी है।। इसके बाद कुछ हद तक सफाई दिखी, लेकिन बाद में पुन: वही स्थिति बनी हुई है।
मुहाल में गंदे पानी के बीच करना पड़ता है आवागमन
विकासखंड मुख्यालय से सटे गांव मुहाल की भी यही स्थिति बनी हुई है। जहां स्वच्छता की तो कमी है ही, मार्ग भी साफ सुथरे नहीं है। गांव में मार्गों पर कीचड एवं गंदा पानी फैला हुआ है। गांव में मुख्य मार्गों की भी यही स्थिति बनी हुई है। गांव में कई स्थानों पर नाली नहीं होने के कारण घरों का निकासी पानी सड़कों पर बहता है। जिस पर से ग्रामीणों को आवागमन करना पड़ता है। कई बार ग्रामीणों द्वारा समस्याओं से अवगत कराया जा चुका है, लेकिन समस्याओ का निराकरण नहीं किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में ग्रामीणों को गंदे पानी और कीचड़ के बीच ही आवागमन करना पड़ता हैै। मार्गों की यह स्थिति अस्वच्छता को बढ़ावा दे रही है।
कई ग्रामो में पसरी है यह अव्यवस्था
विकासखंड के कई ग्रामों मे यह अव्यवस्थाएं पसरी हुई हैं, जिनकी स्थिति सुधारने के लिए विभागीय अधिकारियो को भी ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है, ताकि गांव भी शहरो की तरह साफ और स्वच्छ हो सकें। ग्रामीणों में जागरूकता की भी कमी है। वहीं कचरा फेंकने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है। ऐसे में ग्रामीणो द्वारा भी यहां वहंा कचरा फेंक दिया जाता है। गांवों में कचरा संग्रहण के लिए कचरा पेटियां, कचरा गाड़ी सहित अन्य व्यवस्थाएं किए जाने की जरूरी है।
इनका कहना है
स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान समाप्त हो चुका है। ग्राम पंचायतों में अस्वच्छता की सूचना मिलने पर संबंधित ग्राम पंचायत के माध्यम से स्वच्छता कार्यों में गति लाई जाएगी।
– शिवजी सोलंकी, सीईओ जनपद पंचायत, खिरकिया

और इधर, ग्रामीण खुद साफ कर रहे नाली और सड़क
टेमागांव। टिमरनी विकासखंड के भादूगांव में ग्राम पंचायत द्वारा नालियों का निर्माण तो किया गया, लेकिन इनकी साफसफाई नहीं कराई जाती। हालात बिगडऩे पर ग्रामीणों को खुद मैदान में उतरना पड़ रहा है। ग्रामीणों द्वारा सफाई का कहने पर सरपंच एवं सचिव द्वारा इसके लिए फंड एवं कर्मचारी ना होने की बात कह कर टाल दिया जाता है। मुख्य मार्ग एवं वार्ड क्रमांक 9 किरार मोहल्ला में चौकी से लेकर खाली पार तक गंदा पानी निकासी के लिए पूर्व में बनी नाली पूर्ण रूप से टूट चुकी व मलवे से भर गई है। जिससे गंदा पानी रोड पर बहता है। गंदगी एवं जलभराव से डेंगू एवं मलेरिया जैसी घातक बीमारियों के लारवा पनप रहे हैं। ग्रामीण बार-बार बीमार पड़ रहे हैं। पिछले दिनों महेश पिता भागीरथ कीर (28 ) डेंगू बुखार की चपेट में आ गया था। इलाज के लिए इंदौर ले जाने के दौरान उसने दम तोड़ दिया था। बीमारी फैलने के भय से ग्रामीण खुद नालियों की सफाई करने पर मजबूर हैं। गांव के विकास तिवारी, विवेक तिवारी, राकेश किरार एवं धर्मेंद्र किरार ने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर भी की, लेकिन हुआ कुद नहीं।

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