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डायलिसिस आरओ रूम के सामने बहाया जा रहा ओटी का खून और गंदगी

locationहरदाPublished: Dec 07, 2017 10:59:51 am

Submitted by:

sanjeev dubey

जिला अस्पताल के ओटी के पीछे नालियां नहीं, खुले में पड़ी सामग्रियों से डायलिसिस मरीजों को खतरा

clutter in harda hospital

clutter in harda hospital

हरदा. जिला अस्पताल में इलाज कराने आने वाले मरीजों के साथ अस्पताल में खिलवाड़ किया जा रहा है। बमुश्किल डायलिसिस के भरोसे जिंदगी जी रहे रोगियों के वार्ड के सामने ऑपरेशन थियेटर से निकलने वाले खून और गंदगी को बहाया जा रहा है, जिससे फैलने वाले वायरस से डायलिसिस मरीजों की जान पर खतरा बढऩे लगा है। इसके अलावा नालियों के जमा पानी में डेंगू, मलेरिया के लार्वा पैदा हो गए हैं। इस लापरवाही का खामियाजा चाइल्ड वार्ड, डायलिसिस और एसएनसीयू के बच्चों को भुगतना पड़ सकता है।
दीवार में छेद कर निकाल रहे हैं गंदगी
ऑपरेशन थियेटर में प्रतिदिन करीब १२ डिलेवरी सीजर और अन्य रोगों से संबंधित मरीजों के ऑपरेशन होते हैं। ओटी के पीछे अभी तक नालियां नहीं बनाई गईं। इसके चलते ओटी के कर्मचारियों ने दीवार में आर-पार छेद कर रखा है।ऑपरेशन के बाद खून और अन्य गंदगी को दीवार के छेद में से बाहर बहाया जा रहा है। दीवार के पास खून के अलावा और ऑपरेशन में उपयोग आने वाले इंजेक्शन, निडिल और हाथ के दस्ताने फेंके जा रहे हैं। इस अव्यवस्था की तरफकोईध्यान देने को तैयार नहीं है।
डायलिसिस के रोगियों पर खतरा
ओटी के पिछले कमरे से निकल रही गंदगी के ठीक सामने डायलिसिस वार्ड और उसका आरओ प्लांट बना हुआ है। यहां पर प्रतिदिन मरीजों की डायलिसिस होती है।डायलिसिस होने के चलते आरओ प्लांट का दरवाजा खुला रहता है। ओटी की इस गंदगी के कीटाणु प्लांट तक पहुंच रहे हैं, जिससे उनकी जान पर खतरा बढ़ रहा है। इस गंदगी से डॉक्टरों एवं कर्मचारियों को भी आगाह कराया गया था, लेकिन इसके बावजूद अनदेखी की जा रही है।
नालियां भरी पड़ी, पनप रहे हैं मच्छर
मरीजों को साफ-सफाई का संदेश देने वाला अस्पताल प्रबंधन जहां ओटी के पीछे की दीवार में छेद करके गंदगी बाहर निकलवा रहा है, वहीं दूसरी तरफ नालियों की भी सफाई नहीं हो रही है। ओटी और एसएनसीयू (बच्चों की गहन चिकित्सा ईकाई) के पीछे बनी नाली का पानी आगे नहीं बह रहा है, जिससे इसमें मलेरिया और डेंगू के मच्छर पैदा हो गए हैं। नाली के सामने ही अस्पताल कर्मचारियों के घर हैं। उन्हें भी ऑपरेशन थियेटर और नालियों की गंदगी से रोजाना सामना करना पड़ रहा है।
वार्ड के पाइपों का पानी जमीन पर गिरता
ओटी के उपरी हिस्से में कुपोषित बच्चों का पोषण पुनर्वास केंद्र बना हुआ है।जहां पर कुपोषित बच्चों का भर्तीरखा गया है। वार्ड के शौचालयों के पाइपों को ओटी के पीछे की तरफ निकाला गया है, जिसका गंदा पानी जमीन पर गिर रहा है। वहीं वार्ड के बाजू से बनाए गए एक नए वार्ड का मलबा भी यहां पर महीनों से पड़ा हुआ है।अस्पताल का पीछे का हिस्सा गंदगी से भरा पड़ा है।
स्वच्छता देखने आती है भोपाल की टीम
हर तीन महीने में भोपाल के अधिकारियों की टीम जिला अस्पताल की स्वच्छता का सर्वेक्षण करने के लिए आती है। उनके द्वारा प्रत्येक वार्ड, परिसरों में भ्रमण किया जाता है। इसके बाद रिपोर्टबनाईजाती है। गत तीन माह पहले आए अधिकारी ने यहां की गंदगी को देखकर अस्पताल प्रबंधन पर नाराजगी जताई। उन्होंने प्रबंधन की लापरवाही की रिपोर्टभोपाल में भी दी थी। इन सबके बावजूद अस्पताल में अव्यवस्थाएं बनी हुई हैं।
इनका कहना है
ओटी से निकली गंदगी को जमीन पर बहाया जा रहा है तो यह बड़ी लापरवाही है। सिविल सर्जन इस तरफध्यान क्यों नहीं दे रहे हैं, मैं कल ही दिखवाता हूं। डायलिसिस के आरओ के पास ऐसी गंदगी नहीं होना चाहिए। ओटी की गंदगी के वायरस मरीजों के लिए घातक बन सकते हैं।
आरके धुर्वे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला अस्पताल, हरदा
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