कृषि मंत्री की चेतावनी:
नर्मदा से अवैध रेत खनन रोकने सीएम के निर्देश के 28 दिन बाद भी अफसरों ने कोई उल्लेखनीय कार्रवाई नहीं की। जिले में कलेक्टर,एसपी के बंगलो,आरटीओ आफिस सहित चौकी और थानों के सामने से रोज निकलने वाले ओवरलोड डंपरों पर रोक लगाने कृषि मंत्री कमल पटेल ने अफसरों की बैठक ली। इसमें खनिज अफसर से कहा कि यदि सीएम का निर्देश भी नहीं मानोगे तो आप नौकरी कैसे करोगे। उन्होंने अधिकारियों को 3 दिन का समय दिया था। इन तीन दिनों भी न तो नर्मदा से रेत चोरी रोकी जा सकी और न ही बीच शहर ओर अफसरों के बंगलों थानों के सामने से गुजरने एक्सेस बॉडी वाले ओवरलोड डंपरों पर नकेल कसी जा सकी।
जिले में रेत चोरी में और अवैध खनन में लगा माफिया के तार राजधानी तक जुड़े होने की राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा है। सूत्र बताते हैं कि इस काम में मालवा के किसी रसूखदार पूर्व मंत्री के परिजन का भी हिस्सा है। राजनीतिक एप्रोच के कारण अधिकारी भी बहुत ज्यादा बवाल मचने पर रस्म अदायगी के लिए थोड़ी बहुत कार्रवाई कर देते हैं। चर्चा है कि कृषि मंत्री की कड़ी फटकार के बाद भी रेत माफिया ने पूर्व मंत्री का हवाला लेकर राजधानी तक दौड़ लगाई और सख्ती से हो रहे नुकसान का दुखड़ा सुनाया था,हालांकि इसकी कोई पुष्टि नहीं है।
यहां भी नहीं रुका अवैध खनन: जिले में अवैध खनन हर जगह जारी है। हीरापुर की पहाड़ी पर मुरम खुदाई से बारिश में बिजली के खंभों को नुकसान की आशंका है। अंधेरीखेड़ा में खेत लेवल करने के नाम पर की गई मिटटी खुदाई ने गंजाल के किनारे को भी नहीं छोड़ा। अफसरों ने जांच के नाम पर खानापूर्ति कर दी। ग्रामीणों को45 दिन के धरने के बाद भी न्याय नहीं मिला,अब मामला एनजीटी में है।
केस-1 जिले में रेत माफिया की खुली मनमानी चल रही है। अफसरों व विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ के कारण अब उसने दिन के बजाय रात में हंडिया से छीपानेर के बीच खनन तेज कर दिया है। ग्रामीण विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि छीपानेर में रोज रात को पोकलेन उतार दी जाती हैं,जो रातभर पानी से रेत निकालती हैं। मशीनों के पंजों ने नर्मदा में मौत के गहरे गडढे कर दिए है। नर्मदा का सीना छलनी करने का गोरखधंधा बेखौफ जारी है। माफिया स्टॉक में लगा है। जिससे बारिश में इसे महंगे दाम में बेचकर मुनाफा कमा सके।
केस-2 नर्मदा किनारे भी प्रतिबंधित खदानों से दिन में रेत का खनन पहले की तरह ही जारी है। वहीं रात में इस काम की गति बढ़ जाती है। रात में नर्मदा में रेत तलाशने व निकालने के लिए बड़ी बड़ी मशीनों की हेडलाइट की राेशनी और रात के सन्नाटे को चीरती हुई इनकी आवाज आसपास से गुजरने वालों का ध्यान अपनी ओर खींच लेती है। रात के अंधेरे में नर्मदा के बीच के पत्थरों से मशीनों के पंजों के टकराने की आवाज रेत खनन की पुष्टि करती है। लेकिन रात में अफसर दबिश या कार्रवाई के लिए नहीं निकलते,जिससे माफिया यह काम बेखौफ करता है।
इनका कहना है जनप्रतिनिधि और अधिकारी इस मामले को लेकर बेहद गंभीर है। फिर भी यदि माफिया चोरी छिपे ऐसा कर रहा है तो इस पर भी सख्ती से नकेल कसी जाएगी।
-तुलसी सिलावट,प्रभारी मंत्री,हरदा