इसी असमंजस के कारण दावेदारों ने नामांकन तो ले लिए, लेकिन हरी झंडी नहीं मिलने के कारण जमा नहीं किए। नपा चुनाव के लिए 18 जून तक नामांकन जमा होंगे। दावेदार फॉर्म ले रहे हैं,लेकिन पार्टी से नाम घोषित होने की आस में जमा नहीं कर पा रहे हैं। भाजपा कांग्रेस दोनों को करीब 450 में से से 70 नाम फाइनल करना है। अध्यक्ष ओबीसी महिला बनना है। ऐसे में संगठन व अनुषांगिक इकाइयों के प्रमुख व नपाध्यक्ष का चुनाव लड़ चुके पदाधिकारी ही परिवार के लिए टिकट चाहते हैं। इससे पेंच फंसा हुआ है। यदि ये जिम्मेदार अपनी अपनी टिकट लेकर चुप हो गए तो 5 साल काम दरी उठाने, झंडे बैनर बांधने और नारे लगाने वाले कार्यकर्ता नाराज होकर घर बैठ सकते हैं, जिससे पार्टियों को नुकसान होने की चर्चा है।
भाजपा और कांग्रेस दोनों की दलों में गुटबाजी
सार्वजनिक मंचों पर भले ही नेता एक दूसरे का पूरे मान सम्मान के साथ संबोधित करते हों, लेकिन सच्चाई यह है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों की दलों में गुटबाजी तो है। चर्चा है कि भाजपा में एक गुट के नेता के करीबी रहे पार्षदों की टिकट खतरे में है। टिकट पाने की जुगत में लगे कुछ दावेदार अपने नेता की ताकत पर भरोसे रखते हुए तटस्थ हैं तो कुछ दूसरे गुट के नेता की शरण में जा पहुंचे हैं। वहीं कांग्रेस के कुछ प्रबल दावेदार टिकट पक्की करने के लिए भोपाल के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क कर रहे हैं।
नगरपालिका में विपक्ष की भूमिका में कांग्रेस
कांग्रेस नगरपालिका में विपक्ष की भूमिका में है। वह सत्ता में आने के लिए छटपटा रही है। इसके अलावा संगठन ने भी नेतृत्व बदला है। ऐसे में नई टीम व नई उर्जा के साथ कांग्रेस को खुद को साबित करने व सत्ता में आने के लिए पुरानी गलतियों से सबक लेकर चुनाव लड़ेगी। कुछ वार्डों में उन पुराने चेहरों को मौका देने की तैयारी है,जो बीते चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे थे। जिन वार्डों में कांग्रेस के परंपरागत वोटर हैं वहां, दमदार कैंडीडेट उतारा जाएगा,भले ही वह दूसरे वार्ड का हो। इसके लिए परिस्थिति बताते पूर्व सीएम कमलनाथ से चर्चा करेंगे।
12 साल से भाजपा के हाथ रही नपा की बागडोर
नपा की बागडोर 12 साल से भाजपा के हाथ रही। वह अभी भी इसे अपने पास रखने की रणनीति बनाकर चुनाव लड़ेगी। पिछली बार 31 पार्षद भाजपा के 4 कांग्रेस के थे। कुछ पार्षदों के वीडियो रुपए मांगने को लेकर वायरल हुए। मंत्री तक शिकायत पहुंची। ऐसे कई चेहरे फिर मौका मांग रहे हैं। जनता के बीच अपनी व पार्टी की छवि खराब कर चुके ऐसे दावेदारों पर पार्टी दांव लगाने के मूड में नहीं दिख रही है। 75 फीसदी नए चेहरे उतारने की चर्चा है। अध्यक्ष पद ओबीसी महिला के लिए है। ऐसे में वार्ड 16,17,6,4 में 8-8 से ज्यादा दावेदार होने से घमासान ज्यादा है।
यह भी पढ़ें : 1 ग्रुप ने बचाई 800 लोगों की जिदंगी, आप शुरू करें ऐसी पहल
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के द्वारा आगामी नगरीय निकाय चुनाव-2022 हेतु विभिन्न स्थानों पर महापौर पद हेतु निम्नलिखित उम्मीदवारों का चयन किया गया है• ग्वालियर – श्रीमती शोभा सिकरवार
• सागर – श्रीमती निधि जैन
• भोपाल – श्रीमती विभा पटेल
• इंदौर – संजय शुक्ला
• कटनी – श्रीमती श्रेहा खंडेलवाल
• जबलपुर – जगत बहादुर सिंह अन्नु
• सिंगरौली – अरविंद सिंह चंदेल
• बुरहानपुर – श्रीमती शहनाज़ अंसारी
• छिंदवाड़ा – विक्रम अहाके
• रीवा – अजय मिश्रा बाबा
• सतना – सिद्धार्थ कुशवाह
• देवास – श्रीमती कविता रमेश व्यास
• खंडवा – श्रीमती आशा मिश्रा
• उज्जैन – महेश परमार