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खिरकिया को 33 साल पहले मिली थी तहसील की सौगात, फिर भी बच्चों के लिए नहीं कॉलेज

locationहरदाPublished: Feb 26, 2020 12:22:30 pm

Submitted by:

poonam soni

नगर में शासकीय कॉलेज की मांग को लेकर 9 दिन में हुए 5 हजार हस्ताक्षर
 

खिरकिया को 33 साल पहले मिली थी तहसील की सौगात, फिर भी बच्चों के लिए नहीं कॉलेज

खिरकिया को 33 साल पहले मिली थी तहसील की सौगात, फिर भी बच्चों के लिए नहीं कॉलेज

खिरकिया। नगर में शासकीय महाविद्यालय की स्थापना करने की मांग पुरजोर तरीके से उठाई जा रही है। इसके लिए नगर सहित आसपास के गांवों में 9 दिन से चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान का मंगलवार को समापन किया गया। इस दौरान नगर के शासकीय, अशासकीय विद्यालयों, कोचिंग संस्थानों, सामाजिक संगठनों व नागरिकों ने महाविद्यालय की मांग को लेकर करीब 5 हजार हस्ताक्षर किए। जिसमें खिरकिया तहसील के अतिरिक्त किल्लौद तहसील के भी गांवों के विद्यार्थी व नागरिक शामिल है। नगर में शासकीय महाविद्यालय नहीं है, इसके लिए वर्षो से मांग उठ रही है। नगर के युवाओं द्वारा राजनीतिक दृष्टिकोण से दूर रहते हुए हस्ताक्षर अभियान प्रारंभ किया, जिसमें समूचे नगर का समर्थन
प्राप्त हुआ।
तहसील बने हुए 33 साल
खिरकिया को तहसील बने लगभग 33 वर्ष हो चुके है। खिरकिया जिले की एकमात्र ऐसी तहसील है, जो दो जिलों की चार तहसीलों को आपस में जोड़ती है, फिर भी अभी तक यहां पर शासकीय कालेज नहीं है। नगर के साथ बड़ा ग्रामीण क्षैत्र जुड़ा हुआ है, जहां से प्रतिवर्ष हजारों विद्यार्थी उच्च शिक्षा के लिए खिरकिया पर आश्रित है। जिन्हें हमेशा की तरह अभी तक दूसरे शहरों पर निर्भर रहना पड़ रहा है, जिससे पालकों पर आर्थिक बोझ व विद्यार्थियों को मानसिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है।
9 वर्ष पहले दान की थी भूमि
कालेज की स्थापना के लिए खिरकिया में करीब 9 वर्ष कुछ दानदाता अपनी जमीन दान कर चुके हैं। उन्होंने मांग कि है कि छात्र हित में निर्णय लेते हुए शीघ्र ही शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति दिलाई जाए। ज्ञापन देते समय अभियान के संयोजक अनुरूप बायवार, देवेन्द्र दरबार, अनिल जैन, संजय चौहान, योगेश नागड़ा, प्रवीण अग्रवाल, महेन्द्रसिंह खनूजा, संजय मिश्रा, विजय सोमानी, रीतेश मूंदड़ा, आशीष अग्रवाल, शशिकांत ढाकरिया, सुनील निलोसे, रिंकू तिवारी, आनंद दरगड़, छोटू ठाकुर, कमालुद्दीन सांकला, राजू महिवाल सहित बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे। इस महाविद्यालय में निर्धारित सीट होने के चलते केवल 200 बच्चे ही प्रतिवर्ष प्रवेश ले पाते है। महाविद्यालय अद्र्धशासकीय होने के कारण यहां नियुक्त प्राध्यापकों को शासन द्वारा प्रतिमाह लगभग 7 से 8 लाख रुपए वेतन दिया जाता है। अद्र्धशासकीय होने के बावजूद इस महाविद्यालय का संचालन विशुद्ध रूप से विष्णु राजौरिया एवं उनके परिवार द्वारा किया जा रहा है। महाविद्यालय के संचालन के लिए इस समिति को नगर के दानदाता द्वारा क्षैत्र में शिक्षण के सर्वांगीण विकास के लिए महाविद्यालय की स्थापना हेतु 10 एकड़ जमीन शहर के बीचों-बीच दान दी गई थी। जिसका उपयोग क्षेत्र के हित में होने के बजाय एक परिवार के हित में हो रहा है। नागरिकों ने मांग की है कि विष्णु राजौरिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय को शासकीय महाविद्यालय घोषित कर उसका संचालन समिति के हाथों से लेकर उच्च शिक्षा विभाग को सौंपा जाए। सभी विषय यहां पर प्रारंभ किया जाए। खिरकिया, किल्लौद एवं हरसूद विकासखंड से प्रतिवर्ष लगभग 1500 बच्चे महाविद्यालय में प्रवेश लेतेे है, लेकिन इस महाविद्यालय में केवल कला एवं वाणिज्य संकाय होने एवं शिक्षा का स्तर निम्न होने के कारण यहां सिर्फ लगभग 200 बच्चे ही शिक्षा प्राप्त कर पाते हैं।
मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
हस्ताक्षर अभियान से जुड़े युवाओं सहित बड़ी संख्या में लोगों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एसडीएम वीपी यादव को सौंपा। ज्ञापन के साथ अभियान के दौरान कराए गए हस्ताक्षरों की सैकड़ों प्रतियां भी सौंपी गई। इसमें बताया कि तहसील मुख्यालय की जनसंख्या लगभग 30 हजार है। नगर से सैकड़ों ग्राम जुड़े हैं। जिसमें खंडवा जिले के किल्लौद एवं नया हरसूद विकासखंड के गांव भी शामिल है। तहसील मुख्यालय पर शासकीय कॉलेज नहीं होने से गांवों एवं खिरकिया के छात्र-छात्राओं को हरदा, खंडवा, इंदौर, भोपाल अध्ययन करने के लिए बाध्य होना पड़ता है। शासकीय कॉलेज के अभाव में विशेषकर छात्राओं को ना चाहते हुए भी अपना संकाय बदलकर बीए अथवा बीकॉम करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। गरीब, निर्धन वर्ग के विद्यार्थियों को आर्थिक परेशानियों के चलते उच्च शिक्षा से वंचित भी रहना पड़ता है।
अद्र्धशासकीय विद्यालय को शासकीय घोषित किए जाए
नगर में एक मात्र विश्वविद्यालय से अनुदान प्राप्त निजी महाविद्यालय है, जहां पर न तो उच्च शिक्षा विषयों की सुविधा है और ना ही ज्यादा सीटें है। इसके अतिरिक्त स्वाध्यायी परीक्षा देने की सुविधा भी नहीं है। शिक्षण विकास समिति द्वारा विष्णु राजौरिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय का पूर्व से संचालन हो रहा है, जो कि अद्र्धशासकीय है। इस महाविद्यालय को शासकीय घोषित किया जाने के लिए भी मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
शासकीय कॉलेज की स्थापना शासन स्तर का मामला है। शासकीय कालेज की मांग को लेकर ज्ञापन एवं हस्ताक्षर अभियान की प्रतियां प्राप्त हुई है। इस संबंध में शासन को अवगत कराया जाएगा।
वीपी यादव, एसडीएम, खिरकिया
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