डेढ़ वर्ष पूर्व नपं को मिल चुकी है भूमि –
हाट बाजार के लिए राजस्व विभाग द्वारा नगर परिषद को भूमि का हस्तांतरण जून 2016 में ही किया जा चुका है। इसके करीब डेढ़ वर्ष बीतने के बाद आज भी बाजार की स्थिति जस की तस है। नपं द्वारा राजस्व विभाग से पुलिस चौकी के सामने एवं गौमुख मार्ग के बाजू से खाली पड़ी जगह में से हाट बजार के लिए भूमि हस्तांतरित किए जाने की मांग की गई थी। जिस पर राजस्व विभाग द्वारा ख.नं. 191/1 रकबा 4.047 हेक्टेयर भूमि छोटाघास मद में दर्ज भूमि नगर परिषद को दी गई है। वर्तमान में इस खसरा नं. 0.8 2 तथा 0.29 एकड़ भूमि शेष है। जो दो भागों मे विभक्त है। इस भूमि पर प्रति मंगलवार हाट बाजार लगता है। जिसमे से 0.8 2 एकड भूमि हाट बजार के लिए नगर परिषद को नि:शुल्क आवंटित की जा चुकी है।
नगर परिषद भी ले चुकी है प्रस्ताव-
नगर पंचायत के साधारण सम्मेलनों में हाट बाजार निर्माण के लिए कई बार प्रस्ताव लिए जा चुके है। लेकिन बाजार का विकास तो दूर उसमें सुविधाएं भी मुहैया नहीं कराई गई है। नगर पंचायत द्वारा दुकानदारों से दुकानें लगाने पर राशि वसूली जाती है। लेकिन बाजार का विकास नहीं कराया जाता है। यह विकासखंड का प्रमुख बाजार है। जहां नगर सहित आसपास के ग्रामवासी बड़ी संख्या में साप्ताहिक खरीददारी के लिए पहुंचते है। लाखों रूपए का व्यवसाय इस बाजार में किया जाता है। लेकिन सुविधाओं और व्यवस्थाओं के अभाव में बाजार अपनी पहचान खोता जा रहा है।
इनका कहना है-
हाट बाजार विकास के लिए राजस्व विभाग से स्वीकृति मिली है। कार्य योजना बनाकर स्वीकृति हेतु भेजी गई है ।
एआर सावरे, सीएमओ, खिरकिया
हाट बाजार के लिए राजस्व विभाग द्वारा नगर परिषद को भूमि का हस्तांतरण जून 2016 में ही किया जा चुका है। इसके करीब डेढ़ वर्ष बीतने के बाद आज भी बाजार की स्थिति जस की तस है। नपं द्वारा राजस्व विभाग से पुलिस चौकी के सामने एवं गौमुख मार्ग के बाजू से खाली पड़ी जगह में से हाट बजार के लिए भूमि हस्तांतरित किए जाने की मांग की गई थी। जिस पर राजस्व विभाग द्वारा ख.नं. 191/1 रकबा 4.047 हेक्टेयर भूमि छोटाघास मद में दर्ज भूमि नगर परिषद को दी गई है। वर्तमान में इस खसरा नं. 0.8 2 तथा 0.29 एकड़ भूमि शेष है। जो दो भागों मे विभक्त है। इस भूमि पर प्रति मंगलवार हाट बाजार लगता है। जिसमे से 0.8 2 एकड भूमि हाट बजार के लिए नगर परिषद को नि:शुल्क आवंटित की जा चुकी है।
नगर परिषद भी ले चुकी है प्रस्ताव-
नगर पंचायत के साधारण सम्मेलनों में हाट बाजार निर्माण के लिए कई बार प्रस्ताव लिए जा चुके है। लेकिन बाजार का विकास तो दूर उसमें सुविधाएं भी मुहैया नहीं कराई गई है। नगर पंचायत द्वारा दुकानदारों से दुकानें लगाने पर राशि वसूली जाती है। लेकिन बाजार का विकास नहीं कराया जाता है। यह विकासखंड का प्रमुख बाजार है। जहां नगर सहित आसपास के ग्रामवासी बड़ी संख्या में साप्ताहिक खरीददारी के लिए पहुंचते है। लाखों रूपए का व्यवसाय इस बाजार में किया जाता है। लेकिन सुविधाओं और व्यवस्थाओं के अभाव में बाजार अपनी पहचान खोता जा रहा है।
इनका कहना है-
हाट बाजार विकास के लिए राजस्व विभाग से स्वीकृति मिली है। कार्य योजना बनाकर स्वीकृति हेतु भेजी गई है ।
एआर सावरे, सीएमओ, खिरकिया