हरदा

दुकानदारों से वसूली करने के बाद भी हाट बाजार में सुविधाओं का अभाव

राजस्व विभाग डेढ़ साल पहले नपं को कर चुका है भूमि हस्तांतरण

हरदाFeb 08, 2018 / 06:01 pm

sanjeev dubey

Dislocation in the weekly market

खिरकिया. नगर में हर मंगलवार लगने वाले साप्ताहिक बाजार में विकास शुल्क के नाम पर दुकानदारों से राशि तो वसूल की जाती है, लेकिन बाजार का विकास नहीं किया जा रहा है। जबकि बाजार के विकास के लिए भूमि संबंधी समस्या भी दूर गई है। तहसील स्तरीय साप्ताहिक हाट बाजार में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है। बाजार में न दुकानदारों के लिए शेड बने न ही ओटले। इससे दुकानदारों को जमीन पर तंबू लगाकर या खुले आसमान के नीचे दुकानें लगानी पड़ती है। यह मैदान चारों ओर खुला होने से मवेशियों का जमबड़ा लगने से भी दुकानदारों एवं ग्राहकों को परेशानी होती है। आवश्यक सुविधाओं से वंचित इस हाट बाजार में दुकानदार एवं ग्राहक दोनों ही अव्यवस्थाओं से जूझ रहे है। नगर परिषद द्वारा पूर्व में राजस्व विभाग की भूमि होने के चलते व्यवस्था या निर्माण नहीं कर पाने बात कही जाती थी, लेकिन राजस्व विभाग द्वारा बाजार के लिए भूमि का हस्तांतरण करने के बाद भी नपं विकास को लेकर गंभीर नहीं है। हाट बाजार में लगभग 200 से अधिक दुकानें लगती है। जिसमें सैकड़ों लोग खरीददारी के लिए पहुंचते है।
डेढ़ वर्ष पूर्व नपं को मिल चुकी है भूमि –
हाट बाजार के लिए राजस्व विभाग द्वारा नगर परिषद को भूमि का हस्तांतरण जून 2016 में ही किया जा चुका है। इसके करीब डेढ़ वर्ष बीतने के बाद आज भी बाजार की स्थिति जस की तस है। नपं द्वारा राजस्व विभाग से पुलिस चौकी के सामने एवं गौमुख मार्ग के बाजू से खाली पड़ी जगह में से हाट बजार के लिए भूमि हस्तांतरित किए जाने की मांग की गई थी। जिस पर राजस्व विभाग द्वारा ख.नं. 191/1 रकबा 4.047 हेक्टेयर भूमि छोटाघास मद में दर्ज भूमि नगर परिषद को दी गई है। वर्तमान में इस खसरा नं. 0.8 2 तथा 0.29 एकड़ भूमि शेष है। जो दो भागों मे विभक्त है। इस भूमि पर प्रति मंगलवार हाट बाजार लगता है। जिसमे से 0.8 2 एकड भूमि हाट बजार के लिए नगर परिषद को नि:शुल्क आवंटित की जा चुकी है।
नगर परिषद भी ले चुकी है प्रस्ताव-
नगर पंचायत के साधारण सम्मेलनों में हाट बाजार निर्माण के लिए कई बार प्रस्ताव लिए जा चुके है। लेकिन बाजार का विकास तो दूर उसमें सुविधाएं भी मुहैया नहीं कराई गई है। नगर पंचायत द्वारा दुकानदारों से दुकानें लगाने पर राशि वसूली जाती है। लेकिन बाजार का विकास नहीं कराया जाता है। यह विकासखंड का प्रमुख बाजार है। जहां नगर सहित आसपास के ग्रामवासी बड़ी संख्या में साप्ताहिक खरीददारी के लिए पहुंचते है। लाखों रूपए का व्यवसाय इस बाजार में किया जाता है। लेकिन सुविधाओं और व्यवस्थाओं के अभाव में बाजार अपनी पहचान खोता जा रहा है।
इनका कहना है-
हाट बाजार विकास के लिए राजस्व विभाग से स्वीकृति मिली है। कार्य योजना बनाकर स्वीकृति हेतु भेजी गई है ।
एआर सावरे, सीएमओ, खिरकिया

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