नपा ने कराई उद्घोषणा, नागरिक मदद को आएं
इधर, कर्मचारियों की हड़ताल से शहर की पेयजल व सफाई व्यवस्था लडख़ड़ा गई। शहर के कई क्षेत्रों में पानी नहीं बंटा। वहीं सफाई व्यवस्था भी चरमरा गई। इससे निपटने के लिए नपाध्यक्ष सुरेंद्र जैन ने शहर में उद्घोषणा कराके नागरिकों व स्वयंसेवी संगठनों को दोपहर 2 बजे पानी टंकी पहुंचने का आग्रह किया, ताकि अपने दम पर व्यवस्थाएं लागू की जा सकें। इससे पहले ही हड़ताल समाप्त होने से यह नौबत ही नहीं आई।
कांग्रेस ने प्रशासनिक व राजनीतिक विफलता बताया
इधर, कांग्रेस ने दैनिक वेतनभोगियों की हड़ताल को प्रशासनिक व राजनीतिक विफलता का नतीजा बताया। जिला प्रवक्ता आदित्य गार्गव के मुताबिक लंबे समय से तीनों निकायों के कर्मचारी अपनी न्यायसंगत मांगों को लेकर शासन एवं संबंधित निकाय के अध्यक्ष सहित सीएमओ को अवगत कराते रहें हैं। इसके बावजूद कर्मचारियों का नियमितीकरण एवं विनियमितीकरण नहीं हुआ। गार्गव ने नपाध्यक्ष सुरेन्द्र जैन एवं भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे नपा एवं जिले के प्रशासनिक कार्यों में खुली दखलंंदाजी करते हैं, लेकिन कर्मचारियों की इन वाजिब मांगों की जानकारी होने के बावजूद भी उन्हें पूरी न करा पाना संवेदनहीनता दर्शाता है।
टिमरनी में भी लडख़ड़ाई व्यवस्थाएं
टिमरनी. नगर परिषद में कार्यरत जल प्रदाय शाखा, निर्माण विभाग व उद्यान शाखा के समस्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से व्यवस्थाएं लडख़ड़ा गईं। कर्मचारियों ने आंदोलन संबंधी सूचना का पत्र नप कार्यालय में चस्पा कर दिया था। शनिवार को वे हड़ताल पर चले गए। दोपहर बाद उन्होंने हड़ताल स्थगित कर। सफाई कर्मचारियों ने बताया कि 31 जनवरी तक मांगों पर अमल नहीं हुआ तो दोबारा कामबंद हड़ताल शुरू करेंगे। सफाई कर्मचारियों की हड़ताल पर जाने से नगर में गंदगी के ढेर पड़े रहे, जिसे उठाने वाला कोई नहीं मिला।
सड़कों पर जमा रहे गंदगी के ढेर
खिरकिया. नगर परिषद के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से सड़कों पर गंदगी के ढेर जमा रहे। पेयजल व्यवस्था भी प्रभावित हुई। पंपों से पेयजल सप्लाई भी नहीं हुई। जिससे नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि नगर परिषद द्वारा दोपहर में कुछ क्षेत्रों सप्लाई शुरू की गई। गांधी चौक पर एकत्रित होकर नगर परिषद द्वारा नियमितीकरण नही किए जाने को लेकर धरना भी दिया गया।
इधर, कर्मचारियों की हड़ताल से शहर की पेयजल व सफाई व्यवस्था लडख़ड़ा गई। शहर के कई क्षेत्रों में पानी नहीं बंटा। वहीं सफाई व्यवस्था भी चरमरा गई। इससे निपटने के लिए नपाध्यक्ष सुरेंद्र जैन ने शहर में उद्घोषणा कराके नागरिकों व स्वयंसेवी संगठनों को दोपहर 2 बजे पानी टंकी पहुंचने का आग्रह किया, ताकि अपने दम पर व्यवस्थाएं लागू की जा सकें। इससे पहले ही हड़ताल समाप्त होने से यह नौबत ही नहीं आई।
कांग्रेस ने प्रशासनिक व राजनीतिक विफलता बताया
इधर, कांग्रेस ने दैनिक वेतनभोगियों की हड़ताल को प्रशासनिक व राजनीतिक विफलता का नतीजा बताया। जिला प्रवक्ता आदित्य गार्गव के मुताबिक लंबे समय से तीनों निकायों के कर्मचारी अपनी न्यायसंगत मांगों को लेकर शासन एवं संबंधित निकाय के अध्यक्ष सहित सीएमओ को अवगत कराते रहें हैं। इसके बावजूद कर्मचारियों का नियमितीकरण एवं विनियमितीकरण नहीं हुआ। गार्गव ने नपाध्यक्ष सुरेन्द्र जैन एवं भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे नपा एवं जिले के प्रशासनिक कार्यों में खुली दखलंंदाजी करते हैं, लेकिन कर्मचारियों की इन वाजिब मांगों की जानकारी होने के बावजूद भी उन्हें पूरी न करा पाना संवेदनहीनता दर्शाता है।
टिमरनी में भी लडख़ड़ाई व्यवस्थाएं
टिमरनी. नगर परिषद में कार्यरत जल प्रदाय शाखा, निर्माण विभाग व उद्यान शाखा के समस्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से व्यवस्थाएं लडख़ड़ा गईं। कर्मचारियों ने आंदोलन संबंधी सूचना का पत्र नप कार्यालय में चस्पा कर दिया था। शनिवार को वे हड़ताल पर चले गए। दोपहर बाद उन्होंने हड़ताल स्थगित कर। सफाई कर्मचारियों ने बताया कि 31 जनवरी तक मांगों पर अमल नहीं हुआ तो दोबारा कामबंद हड़ताल शुरू करेंगे। सफाई कर्मचारियों की हड़ताल पर जाने से नगर में गंदगी के ढेर पड़े रहे, जिसे उठाने वाला कोई नहीं मिला।
सड़कों पर जमा रहे गंदगी के ढेर
खिरकिया. नगर परिषद के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से सड़कों पर गंदगी के ढेर जमा रहे। पेयजल व्यवस्था भी प्रभावित हुई। पंपों से पेयजल सप्लाई भी नहीं हुई। जिससे नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि नगर परिषद द्वारा दोपहर में कुछ क्षेत्रों सप्लाई शुरू की गई। गांधी चौक पर एकत्रित होकर नगर परिषद द्वारा नियमितीकरण नही किए जाने को लेकर धरना भी दिया गया।