स्थानीय शिकायत केंद्र में रखा लेंडलाइन नंबर लंबे अर्से से बंद पड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि करीब दो साल से यह नंबर बंद है। बिजली विभाग के अधिकारी-कर्मचारी बताते हैं कि इस संबंध में वे कई बार बीएसएनएल के अधिकारियों को बता चुके हैं पर उनका यह लेंडलाइन नंबर चालू ही नहीं किया जा रहा है। बीएसएनएल के अमले के अनुसार यह केबल कट की प्राब्लम है पर जरा सी यह दिक्कत दो साल में भी दूर नहीं की गई है।
बिजली समस्या की शिकायत करने की सुविधा खत्म होने से लोग परेशान हैं। इससे सबसे ज्यादा दिक्कत बुजुग उपभोक्ताओं को होती है। उन्हें जरा सी समस्या आने पर शिकायत के लिए कई किमी का फेर लगाकर सब स्टेशन जाना पड़ता है। यहां भी जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी बेरुखी से जवाब देते हैं। उपभोक्ता राघवेंद्र बताते हैं कि इन्हीं कारणों से बिजली कंपनी के प्रति लोगों की नाराजगी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अधिकारी-कर्मचारी उपभोक्ताओं की समस्याएं सुलझाने की कोशिश करें।
बिजली संबंधी सभी समस्याओं के निराकरण की जिम्मेदारी बिजली कंपनी की है। आम उपभोक्ता को इस मामले में जागरूक होना चाहिए। आप अपने क्षेत्र में बिजली की समस्या के संबंध में कंट्रोल रूम, शिकायत केंद्र आदि में फोन लगाएं। यदि समस्या का समाधान नहीं होता है तो इस संबंध में जिम्मेदार कर्मचारी-अधिकारी को मोबाइल करें । यदि वे मोबाइल रिसीव नहीं करते तो वरिष्ठ अधिकारी या प्रशासन को शिकायत करें। इस संबंध में सीएम कमलनाथ ने भी कड़ा रवैया अख्तियार किया है और ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों को सस्पेंड करने की चेतावनी दी है।
– स्थानीय शिकायत केंद्र का फोन नंबर – ०७५७१-२५१७४६ – बंद
– राज्यस्तरीय कंट्रोल रूम का नंबर – टोल फ्री- १९१२- कई बार नहीं लगता, बुजुर्गों को दिक्कत आती है। सीधी बात- सौरभ शर्मा, प्रभारी एई बिजली कं पनी खिरकि या
? स्थानीय शिकायत केंद्र का लेंडलाइन फोन बंद पड़ा है?
– हां. इसमें केबल कट की प्राब्लम है। बीएसएनएल वाले इसे चालू नहीं कर रहे हैं।
? इससे उपभोक्ताओं को दिक्कत हो रही है?
– उपभोक्ताओं की शिकायत दर्ज करने के लिए सबस्टेशन पर कंप्लेंट रजिस्टर रखा हुआ है। अपना बिल लेकर जाएं और शिकायत दर्ज कराएं। शिकायत दर्ज कराते ही आधा-पौन घंटे में शिकायत का निराकरण का प्रयास करते हैं।
और कहां शिकायत कर सकते हैं?
– 1912 पर राज्यस्तरीय कंट्रोल रूम पर शिकायत कर सकते हैं। इस नंबर पर शिकायत दर्ज कराते ही वे आपको एक नंबर देंगे। इधर संबंधित अधिकारी के पास भी तुरंत उपभोक्ता के मोबाइल नंबर सहित मैसेज आ जाता है।