मेंटेनेंस के नाम पर बिजली कटौती केे बाद भी घंटों गुल रहती है बिजली
जरा सी हवा आंधी चलने पर बिजली गुल हो जाती है

पत्रिका टीम हरदा. विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मानसून से पूर्व बिजली व्यवस्था में सुधार लाने की मंशा से मेंटेनेंस किया जाता है। इसके लिए शेड्यूल बनाकर बकायदा घंटों बिजली प्रदाय बंद होने की घोषणा की जाती है। इसके बावजूद भी बारिश शुरू होते ही शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में घंटों बिजली गुल रहती है। ऐसे में उपभोक्ताओं को कई प्रकार की प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शुक्रवार रात को हुई बारिश के दौरान शहर सहित कई गांवों की बिजली गुल हो गई। जो घंटों तक नहीं आई। दिन में भी बिजली की आंख मिचौनी जारी रही।
बिजली कटौती से ग्रामीण परेशान
करताना. इन दिनों क्षेत्र में हो बिजली कटौती से ग्रामीण खासे परेशान है। शुक्रवार रात को क्षेत्र में न तो हवा आंधी चली और न ही बारिश हुई। इसके बाद भी दर्जनों गांवों के बिजली गुल हो गई। इससे ग्रामीणों को गर्मी एवं उमस के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा। ऐसे में ग्रामीण अपने घरों से बाहर निकलकर बिजली आने का इंतजार कर रहे। देर रात को बिजली आने पर ग्रामीणों को राहत मिली।
झूलते तारों के टकराने से हो रहे फाल्ट
बालागांव. विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मानसून से पहले मेंटेनेंस के नाम पर घंटों बिजली की कटौती की जाती है। इसके बावजूद जरा सी हवा आंधी चलने पर बिजली गुल हो जाती है, जो घंटों तक नहीं आती है। ऐसे में ग्रामीणों को गर्मी एवं उमस के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वर्तमान में कई गांवों में जगह जगह बिजली के तार झूल रहे हैं। तो कहीं पेड़ों से टकरा रहे। इस स्थिति में बिजली फाल्ट होने की आशंका बनी रहती है। ग्रामीणों का कहना है बिजली कंपनी द्वारा हर माह बिल का राशि वसूलने में तो सख्ती की जाती है, लेकिन व्यवस्थाएं सुचारू नहीं की जाती है। इन दिनों आंधी हवा के कारण तारों टकराने की घटनाएं हो रही है। इसके बाद भी कंपनी द्वार इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसका खामियाजा ग्रामीणों का भुगतना पड़ रहा है।
हवा आधी के साथ बारिश होते ही गुल हो जाती है बिजली
मसनगांव. गांव मेंं कांकरिया सब स्टेशन से मिलने वाली बिजली जरा सी हवा आंधी के साथ बारिश शुरू होते ही गुल हो जाती है। इससे ग्रामीणों को अंधेरे में रात गुजारना पड़ती है। विगत तीन दिनों से हो रही बारिश के बाद बिजली का बंद होना आम बात हो गई है। मेंटेनेंस करने के बावजूद बारिश के समय बिजली बंद होती है। दिन में भी अघोषित बिजली कटौती जारी है। इससे ग्रामीणों के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए हैंडपंप का सहारा लेना पड़ रहा है। आटा पीसने के लिए ग्रामीणों को बिजली आने का इंतजार करना पड़ता है। लंबे समय तक बिजली बंद रहने से इनवर्टर भी काम नहीं करते हैl
झूलते बिजली के तारों से हादसे की आशंका
छिदगांव मेल. करीबी गांव बघवाड के वार्ड नंबर 14 आवास कॉलोनी में झूलते बिजली के तारों के कारण हादसे की आशंका बनी रहती है। तारों के कारण हार्वेस्टर चालकों को जान जोखिम में डालकर फसल कटाने के लिए खेतों में जाना पड़ता है। हार्वेस्टर निकलते समय इन तारों को बांस से ऊंचा करना पड़ता है। यहां पर काफी कम ऊंचाई पर 8-10 मकानों में बिजली पहुंचाने के लिए तार डाल रखे है। इन तारों के नीचे से रोजाना वाहन भी गुजरते है। ग्रामीणों ने बताया की तेज हवा चलने पर तार जमीन पर गिर जाते हैं। इससे यहां खेलने वाले बच्चों एवं वाहन चालकों को दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
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