कोर्ट के लिए प्रस्तावित भूमि से हटेगा अतिक्रमण
उच्च न्यायालय ने हटाया स्टे , कोर्ट भवन निर्माण की राह हुई आसान

खिरकिया. नागरिकों को सस्ता और सुलभ न्याय दिए जाने के लिए संचालित सिविल न्यायालय के स्थाई भवन के निर्माण की राह अब आसान होती नजर आ रही है। कोर्ट के लिए प्रस्तावित भूमि पर अतिक्रमणकारियों द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के विरूद्ध लगाए गए स्टे से अब रोक हटा दी गई है, जिससे अब शीघ्र ही भूमि से अतिक्रमण हटाया जाएगा। जानकारी के अनुसार प्रस्तावित भूमि पर वर्तमान में कई परिवारों द्वारा अतिक्रमण कर रखा था, लेकिन प्रशासन की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के पूर्व अतिक्रमणकारियों द्वारा हाईकोर्ट से स्टे लाकर कार्रवाईपर रोक लगा दी गई थी, लेकिन अब हाईकोर्ट द्वारा स्टे हटा दिया गया है। भूमि से अतिक्रमण हटाकर सिविल कोर्ट के स्थाई भवन निर्माण को हरी झंडी दे दी है।
डूब प्रभावितों के लिए आरक्षित थी भूमि-
वार्ड क्रमांक 15 छीपाबड़ खेड़ा की डूब प्रभावितों के विस्थापन के लिए आरक्षित भूमि को न्यायालय के स्थाईभवन के लिए प्रस्तावित किया गया था। जिस पर कलेक्टर की स्वीकृति भी प्राप्त हो चुकी थी, लेकिन भूमि चयन के समय से ही यहां पर निवास कर रहे रहवासियों व अतिक्रमणकर्ताओं द्वारा आपत्तियां उठायी जा रही थी। स्टे के बाद भवन के निर्माण को लेकर पेंच फंसता नजर आ रहा था, लेकिन कोर्ट द्वारा स्टे खारिज किए जाने के बाद अब स्थाई रूप से कोर्ट भवन का निर्माण हो सकेगा।
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में लाना होगा गति -
छीपाबड़ के खसरा नंबर 319 के अंतर्गत मौजूद इस भूमि का राजस्व विभाग द्वारा पूर्व में सर्वे कर मौजूदा अतिक्रमण को चिन्हित किया गया था। जिसको लेकर अतिक्रमणकर्ताओं को अपने अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी गई थी। प्रशासन द्वारा भूमि पर से अतिक्रमणकर्ताओं को हटाने की तैयारियांकी जा रही थी, लेकिन अतिक्रमणकता कार्रवाईके विरूद्ध कोर्ट से स्टे ले आए थे। लेकिन अब अतिक्रमण हटाने की अनुमति मिल चुकी है, तो अतिक्रमण में गति लाना होगा। जिसकी प्रशासन द्वारा तैयारियां भी प्रारंभ कर दी है। संबंधितों को नोटिस दिए जा चुके है। आगामी कुछ दिनों में अतिक्रमणकर्ताओं के स्थाईव अस्थाई अतिक्रमण को हटाकर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराए जाने की बाते कही जा रही है।
वैकल्पिक भवन में संचालित हो रहा कोर्ट -
वर्तमान में वैकल्पिक भवन में सिविल कोर्ट का संचालन हो रहा है। कृषि विभाग के भवन में संचालित कोर्ट को शीघ्र ही जनपद पंचायत के बड़े भवन में स्थानांतरित किए जाने की योजना है, जिसको लेकर भवन का जीर्णोद्धार भी कराया गया है, लेकिन कोर्ट के लिए स्थाईभवन की आवश्यकता है। जिसमें अधिवक्ताओं व पक्षकारों के बैठने की व्यवस्था सहित अन्य सुविधाएं हो। ऐसे में भूमि से अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर भवन निर्माण के कार्य को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। गौरतलब है कि भूमि पर अतिक्रमणकर्ता कमलसिंह, रामनिवास, मांगीलाल, प्रतापसिंह, भगवानसिंह, रामसिंह, सोहन सिंह, प्रमोद सिंह, संतलाल, रवि, महेन्द्र सिंह, नागेश, शैतान सिंह, बलराम, बलवंत, श्रीराम, कन्हैया , विजय सहित अन्य ने याचिका लगायी थी, लेकिन कोर्ट ने अब स्टे हटा दिया है।
इनका कहना है-
मामले को लेकर न्यायालय ने स्टे हटा दिया है। शीघ्र ही भूमि से अतिक्र्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
वीपी यादव, एसडीएम, खिरकिया
अब पाइए अपने शहर ( Harda News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज