16 करोड़ से बनेगी सीसीयू: अस्पताल परिसर में संचालित वर्तमान कैंटीन व सामाजिक न्याय विभाग आफिस के पीछे खाली पड़ी जमीन पर नई क्रिटिकल केयर यूनिट बनेगी। इसका चार मंजिला भवन बनेगा।जिसमें लिफ्ट भी होगी। इसके लिए करीब 6 हजार वर्गफीट जगह लगेगी। इस प्रोजेक्ट पर16 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें महानगरों की अस्पतालों जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी वाली नई मशीनें रहेंगी। आईसीयू होगा। इसमें एक्सीडेंट में गंभीर रुप से घायल रोगियों,हार्ट अटैक,पैरालेसिस जैसी अन्य बीमारियां सहित इमरजेंसी सुविधाएं मिलेंगी,जिससे यहां से दूसरे शहर रोगियों को रेफर करने के मामलों में कमी आएगी।
बुजुर्गों को राहत देगा जेरिएटिक वार्ड:
अस्पताल में कम से कम 10 बेड वाला नया जेरिएटिक वार्ड बनेगा। इसके निर्माण पर 40 लाख रुपए खर्च होंगे। पूरी तरह से बुजुर्गों के लिए तैयार किए जाने वाले इस वार्ड में लगाई जाने वाली फर्श,टाइल्स,पेवर ब्लॉक भी उनकी उम्र और सुविधा को देखते हुए लगाए जाएंगे। कमोड वाले टाॅयलेट,आराम से चलने फिरने में मदद के लिए रैलिंग सुविधा रहेगी। इसके अलावा इस वार्ड में वे जरुरी आधुनिक उपकरण और मशीनें भी रहेंगी,जिनकी बुजुर्गों की बीमारी में इलाज व जांच के लिए संभावित जरुरत होगी। जेरिएटिक वार्ड के लिए राशि मिल चुकी है।
आज से डिजिटल एक्स-रे की सुविधा शुुरु: शुक्रवार से जिला अस्पताल में रोगियों को डिजिटल एक्स रे की सुविधा भी मिलने लगेगी। गुरुवार को जनप्रतिनिधियों ने 56 लाख रुपए कीमत की नई मशीन का लोकार्पण किया। बाजार में करीब 500 से 700 रुपए में होने वाले डिजिटल एक्स रे अस्पताल में निशुल्क हो सकेगा। किसी तकनीकी खामी के आने पर रोगियों को एक्स रे के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। यहां पहले से संचालित मैन्युअल एक्स रे मशीन विकल्प के तौर पर उपलब्ध रहेगी।
हॉस्टल और पार्किंग रहेगी चुनौती:
जिला अस्पताल में 17 करोड़ की लागत से 100 बेड का नया भवन बन रहा है। सीसीयू,जेरिएटिक वार्ड भी बनना है। इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ने के साथ ही खाली पद भरने के बाद स्टाफ भी बढ़ेगा। इनमें बाहर से आने वाला नर्सिंग स्टाफ भी शामिल रहेगा। ऐसे में अस्पताल के स्टाफ सहित रोज अस्पताल आने वाले लोगों के वाहनों की पार्किंग के लिए जगह की कमी होगी। इसके लिए महानगरीय तर्ज पर मल्टीलेवल पार्किंग जरुरी होगी। इसके अलावा बारह से 3-3 माह के प्रोबेशन पर आने वाले मेडिकल और नर्सिंग स्टाफ के लिए हॉस्टल की व्यवस्था भी जरुरी होगी। अभी बाहर से आए ऐसे मेडिकल स्टाफ को रुम के लिए परेशान होना पड़ रहा है। रुम अस्पताल से दूर हैं,जहां से नाइट डयूटी में आते जाते समय असुरक्षा का भाव रहता है। कई बार इमरजेंसी में आने जाने में काफी समय बेकार जाता है।
इनका कहना है
जेरिएटिक वार्ड के लिए 40 लाख रुपए मिल चुके हैं। इसमें 10 बेड और जांच के लिए जरुरी मशीनें होंगी। 16 करोड़ की लागत से 4 मंजिला सीसीयू बनेगा। जिससे रेफर होने वाले मामलों में कमी आएगी। डिजिटल एक्स रे की सुविधा भी शुरु हो गई है।