हरदा

बारिश नहीं होने से किसानों ने बुआई को बखरा

क्षेत्र में 6 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन, 1500 हेक्टेयर में मक्का की बोवनी हो चुकी, तीन दिन में बारिश नहीं हुई तो फसल चौपट होगी

हरदाJun 24, 2018 / 01:11 pm

sanjeev dubey

बारिश नहीं होने से किसानों ने बुआईको बखरा

हरदा/बालागांव. प्री मानसून के चलते गत 10 और 11 जून की रात में तेज बारिश हुई थी। इसके बाद हजारों किसानों ने सोयाबीन और मक्का बुआईकर दी थी, लेकिन अब बारिश की लंबी खेंच होने से बुआई खतरे में आ गई है। कुछजगहों पर बीज का अंकुरण ठीक ढंग से नहीं हो पाया तो कहीं पर बीजों को कीटों ने चट कर लिया। वहीं कईस्थानों पर उग आई फसल के पौधे धूप के कारण मुरझाने लगे हैं। इधर, कृषि विभाग का कहना हैकि यदि तीन दिनों के अंदर बारिश नहीं होती है तो किसानों की बुआई खराब हो जाएगी। वैसे तो 100 मिमी बारिश के बाद ही बुआई की जानी चाहिए थी। इस बार जिले में 1 लाख 83 हजार 915 हेक्टेयर में विभिन्न फसलों की बोवनी का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें सोयाबीन 1 लाख 45 हजार हेक्टेयर में बोईजाएगी।
15 गांवों में हो चुकी बुआई
कृषि विभाग के अनुसार पिछले दिनों हुई बारिश के बाद मगरधा क्षेत्र के लगभग 15 गांवों के किसानों ने करीब 6 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन, 1500 मक्का की बोवनी की है। किंतु बारिश नहीं होने के कारण जमीन में दबा बीज अंकुरित तो हुआ है, किंतु पौधे की वृद्धि नहीं हो रही है। खेतों में कुछ-कुछ जगहों पर पौधे दिख रहे हैं तो बाकी की जगह खाली है। इससे फसल चौपट होने के आसार दिख रहे हैं।
किसानों ने बोई फसल को बखर दिया
बालागांव के किसान सुरेश रामनारायण गौर ने बताया उन्होंने गत 13 जून को 14 एकड़ में सोयाबीन फसल की बुआई की गई थी, लेकिन बारिश नही होने के कारण बीज का अंकुरण ठीक नहीं हो पाया, जिससे विगत दिवस खेत को बखर दिया। कृषक ने बताया कि उन्होंने खंडवा जिले के खालवा गांव से 5 हजार रुपए प्रति क्विंटल के भाव से 7 क्विंटल सोयाबीज खरीदकर बुआई की थी। इसमें करीब 35 हजार रुपए खर्च हुए थे। वहीं पहली और दूसरी बार जुताई कराने में लगभग 15 हजार रुपए का खर्च आया है। कृषक ने बताया कि उसके द्वारा खोट लेकर खेती की जा रही है।इस तरह उन्हें 50 हजार रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। इसी तरह उक्त गांव के किसान आदित्य गौर ने बताया कि उन्होंने 6 एकड़ में सोयाबीन बोई है, लेकिन अंकुरण सही नहीं होने के कारण रविवार को पुन: खेत की जुताई कर की जाएगी। कृषक गौर ने कहा कि उन्हें 20 हजार का नुकसान होगा।
स्प्रिंकलर से बचाईफसल
कृषक मित्र नन्हेलाल भाटी ने बताया कि गत 13 जून को सोयाबीन की किस्म 2098 , किस्म 206 9 एवं किस्म आरबीएस की बुआई की गई थी, लेकिन 10 दिवस बीतने के बाद भी बारिश नहीं हुई है और ना ही आसार दिखाई दे रहे हैं। पौधे को बचाने के लिए स्प्रिंकलर लगाकर सिंचाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि फसल को पानी नहीं मिलता तो खराब हो जाती। पानी मिलने के बाद फसल की वृद्धि हो रही है।
इनका कहना है
पिछले दिनों हुई बारिश के बाद किसानों ने 6 हजार हेक्टेयर सोयाबीन, 1500 मक्का बोई थी। किंतु बारिश नहीं होने से उग आए पौधे मुरझाने लगे हैं। तीन-चार दिन में यदि बारिश नहीं हुई तो बुआई खराब हो सकती है।
एमपीएस चंद्रावत, उप संचालक, कृषि विभाग, हरदा
23 जून को बारिश होने की संभावना थी, लेकिन मौसम में बदलाव की वजह से नहीं हो पाई। किंतु अब 25 जून से मध्यप्रदेश में बारिश प्रारंभ होने की संभावना है।
आरआर त्रिपाठी, मौसम विभाग, भोपाल

ज्योतिष शास्त्री ने कहा
इस वर्ष आदरा नक्षत्र शुक्रवार 22 जून को रात्रि 8 बजे से लग चुका है। इसमें स्त्री-स्त्री एवं सूर्य चंद्र योग है तथा इसका वाहन गज है। अत:गज वाहन के कारण ही कहीं-कहीं बारिश हो रही, कहीं पर नहीं हो रही है। आज शनिवार से शुक्र का अश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश हो चुका है। अत: एक, दो दिन में बारिश प्रारंभ हो जाएगी। इस वर्ष बारिश योग अच्छे हैं, क्योंकि दुर्गेश शुक्र है एवं रशेष गुरू और मेघेश शुक्र है। इस कारण बारिश अच्छी होगी।
-पंडित मुरलीधर व्यास, ज्योतिष शास्त्री, हरदा
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