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किसानों को मिल रही ६ से ८ घंटे बिजली, कैसे होगी खेतों में सिंचाई

locationहरदाPublished: Jan 13, 2019 11:33:06 pm

Submitted by:

pradeep sahu

किसानों को सिंचाई के लिए नहीं मिल रही पर्याप्त बिजली

किसानों को सिंचाई के लिए नहीं मिल रही पर्याप्त बिजली

किसानों को सिंचाई के लिए नहीं मिल रही पर्याप्त बिजली

हरदा. जिले में किसानों को रबी फसल की सिंचाई के लिए मांग अनुरूप बिजली नहीं मिल रही है। विद्युत वितरण कंपनी उन्हें 10 घंटे सप्लाई का दावा जरूर कर रही है, लेकिन यह खोखला ही नजर आता है। झूलते तार और पुराने ट्रांसफार्मर्स में आए दिन फाल्ट आता है। इसके चलते सप्लाई बंद हो जाती है। मोटर पंप से आधारित सिंचाई पर निर्भर किसानों के मुताबिक इस स्थिति में उन्हें फसल को पानी देने में दोगुना समय लगता है। बिजली कंपनी के पास स्टाफ और संसाधनों की कमी तथा पुराने खंभे और तार व ट्रांसफार्मर व्यवस्था संचालन में खासे बाधक बन रहे हैं। कंपनी द्वारा सिंचाई के लिए किसानों को दस घंटे बिजली देने की बात जरूर की जा रही है, लेकिन यह सही साबित नहीं हो रही। पत्रिका ने इस मुद्दे पर किसानों और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से चर्चा की तो सामने आया कि जिले में औसत 6 से 9 घंटे सप्लाई की जा रही है। इस दौरान भी लाइन ट्रिपिंग की समस्या रहती है। जिसके चलते कार्य प्रभावित होता है। इस संबंध में बिजली कंपनी के उप महाप्रबंधक वतन खाड़े से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि जहां 6 घंटे बिजली मिल रही है, वहां फाल्ट दूर कर अगले दिन इसे एडजस्ट किया जाता है। फाल्ट दूर करने के दौरान समय लगता है। कंपनी नियमानुसार सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली दे रही है। जहां किसानों को परेशानी आ रही है, वहां व्यवस्था में सुधार किया जाएगा। भारतीय किसान संघ के जिला कार्यकारिणी सदस्य हरिओम गौर ने बताया कि रहटगांव क्षेत्र में सिंचाई के लिए १० में से 7-8 घंटे बिजली मिल रही है। यह भी लगातार नहीं मिलती। गांव में भी कटौती रहती है। रात में फसल की सिंचाई करने वाले किसान ऐसे में तब ज्यादा परेशान होते हैं जब लाइन बार-बार ट्रिप होती है। उन्हें स्टार्टर के पास दौड़ लगाना पड़ता है। वोल्टेज की समस्या भी रहती है। ऐसे में मोटर पंप जलने का अंदेशा भी रहता है। छीपानेर के मंगल सिंह राजपूत ने बताया कि क्षेत्र में 8 से 9 घंटे बिजली मिल रही है। बीच में ट्रिपिंग की समस्या रहती है। इससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं सिराली क्षेत्र के जात्राखेड़ी के किसान जितेंद्र पस्टारिया के मुताबिक लाइन बीच में ट्रिप मार जाती है। इससे किसान को मोटर पंप स्टार्ट करने वापस जाना पड़ता है। इस स्थिति में उनका समय भी खराब होता है।
वहीं मोटर पंप जलने का अंदेशा भी बना रहता है। सामरधा के किसान उमाशंकर राजूपत, नकवाड़ा के राम कुशवाहा व बैरागढ़ के अनिल कुशवाह के मुताबिक रात में सप्लाई के दौरान यदि फाल्ट आ जाए तो उन्हें लंबे समय इंतजार करना पड़ता है। कई बार तो सुबह तक लाइन नहीं सुधरती। अनिल के मुताबिक बैरागढ़ क्षेत्र में शनिवार से सप्लाई बंद रही। रविवार को भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ।
समय से पहले बंद कर दी जाती है सप्लाई –भारतीय किसान संघ के नर्मदापुरम के संभागीय अध्यक्ष शैतान सिंह राजपूत ने बताया कि जिले के हंडिया और करताना क्षेत्र में खासी दिक्कत है। जहां फीडर सेपरेशन हो चुका वहां भी कटौती हो रही है। सिराली में करीब 9 घंटे दो पारी में बिजली मिल रही है। सब स्टेशन पर तैनात कर्मचारी तय समय से 20 मिनट पहले सप्लाई बंद करते हैं। वहींं 10 मिनट बाद चालू करते हैं। यही दूसरी शिफ्ट में भी करते हैं। ऐसे में 1 घंटा कटौती कर लेते हैं। इससे किसानों को दावे के अनुसार बिजली नहीं मिल रही। टिमरनी के कई गांवों में भी ऐसे ही हालात हैं।

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