बायपास न होने से इंदौर-बैतूल राष्ट्रीय राजमार्ग व होशंगाबाद-खंडवा स्टेट हाईवे का ट्रैफिक शहरी क्षेत्र से गुजरता है। इस दौरान बस और डंपरों की रफ्तार पर नियंत्रण नहीं रहता। टाइम मिलाने के फेर में बस चालक रिहायशी क्षेत्र में भी तेज गति से वाहन दौड़ाते हैं। इसके चलते आए दिन छुटपुट हादसे होते रहते हैं। चौराहे पर तैनात पुलिस जवान भी मूकदर्शक बने रहते हैं।
सड़कों पर कंडम वाहन भी बेरोकटोक दौड़ रहे हैं। ग्रामीण रूटों पर चलने वाली बसों की हालत भी बेहद खराब है। इसमें सवार यात्रियों की जान पर खतरा मंडराता रहता है। वहीं सड़क पर निर्माण सामग्री ढोने वाले वाहन के चालक भी रोत यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं। इन पर कड़ी कार्रवाई नहीं किए जाने से जरा सी चूक से छोटे वाहन चालकों की जान पर बन आती है।
स्कूली ऑटो व अन्य वाहनों में भी यातायात नियमों का पालन नहीं हो रहा। इनमें क्षमता से अधिक बच्चे बैठाए जा रहे हैं। बच्चों को पीछे की ओर इस तरह बैठाया जाता है कि दचका लगते ही वे धड़ाम से गिरें। यातायात पुलिस की इस दिशा में अनदेखी हादसे का कारण बन सकती है।
यातायात पुलिस और परिवहन विभाग रोज जांच अभियान चला रहे है। इसके बावजूद शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार नहीं दिखता। अमला वाहनों के दस्तावेजों की जांच तो करता है, लेकिन तेज रफ्तार वाहनों के गति नियंत्रण को लेकर कार्रवाई नहीं की जाती। प्रतिबंधित क्षेत्र में भारी वाहनों के प्रवेश व प्रेशर हॉर्न के उपयोग को रोकने को लेकर भी नरम रुख अपनाया जाता है।
पुलिस के संयुक्त अभियान के तहत तेज रफ्तार वाहनों सहित अन्य पर कार्रवाई की गई। चालकों के लाइसेंस भी निलंबित किए गए। दुर्घटना वाले स्थान चिह्नित करने सहित इस दिशा में अन्य कार्रवाई भविष्य में भी की जाएंगी।
– राकेश अहाके, जिला परिवहन अधिकारी हरदा