scriptपेयजल के लिए पहले नल-जल फिर निर्मल नीर योजना, बावजूद इसके अब तक प्यासे हंै गांव.. | For drinking water first tap-water and then Nirmal Neer scheme, | Patrika News

पेयजल के लिए पहले नल-जल फिर निर्मल नीर योजना, बावजूद इसके अब तक प्यासे हंै गांव..

locationहरदाPublished: Jan 27, 2020 08:43:53 pm

Submitted by:

Rahul Saran

-योजनाओं तक सीमित है गांव की व्यवस्था-कई गांवो में नही पेयजल की व्यवस्था

खिरकिया। ग्रामीणों को पेयजल की आपूर्ति के लिए पहले नल-जल योजना आई उसके बाद निर्मल नीर लाई गई और अब पानी का अधिकार अधिनियम लाने की कवायद की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था के नाम पर हुई ये सब कवायदें बेमानी ही साबित हुई हैं लेकिन अभी तक कई गांवों में पेयजल की समुचित व्यवस्था नही की जा सकी है। इसका बड़ा कारण स्थानीय स्तर पर योजनाओं का क्रियान्वयन सही तरीके से नहीं होना रहा है। जिसके चलते दर्जनों गांव अब भी प्यासे हैं।
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यह है गांवों मेंं स्थिति
जिन गांवो में पेयजल के लिए उचित संसाधन और सुविधाएं मौजूद हैं वहां घरों तक पानी नही पहुंच पा रहा है। गांव में लाखों की नल-जल योजना होने के बावजूद वह सुचारू नहीं है। कुछ गांवों में पानी सप्लाई के लिए पाइप लाइन का अभाव है तो कहीं पर पानी सप्लाई करने के लिए जलस्रोत की ही व्यवस्था नहीं है।
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इन गांवों में होती है समस्या
विकासखंड के गांव पटाल्दा, ज्ञापनादेह, इमलीढ़ाना, लफांगढाना, केवलारी, जादौपुरा, नीमढाना, भवरपानी सबसे ज्यादा पानी की किल्लत से परेशान रहते हैं। इन गांवों में प्रतिवर्ष जल समस्या रहती है। यहां पेयजल आपूर्ति के लिए शासन की कोई योजना नहीं है। ग्रामीणों को दूर से पानी लाना पड़ता है। जिन गांवों में पेयजल आपूर्ति के लिए परिवहन के साधन हैं लेकिन पंचायतों के पास आय नहीं होने से पेयजल परिवहन का बोझ नहीं उठा पाते हंै।
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5 ग्रामों में होना है पाइप लाइन विस्तार
विकासखंड के 5 ग्रामों में नल-जल योजना के तहत पाइप लाइन विस्तार सहित अन्य अतिरिक्त कार्य किया जाना है। जिसमें से केवल दो गांव में ही योजना सुचारू हो सकी है, जबकि तीन गांवों में स्थिति जस की तस बनी हुई है। इन पंचायतों में कार्यों में लेटलतीफी की जा रही है। गर्मी में सबसे अधिक जलसंकट का सामना करने वाली ग्राम पंचायत पोखरनी में स्वीकृत कार्य के अतिरिक्त सभी कार्य शेष रह गए हंै। वहीं गोपालपुरा में कार्य चल रहा है। कानपुरा में जल आपूर्ति के लिए विभाग को अभी तक स्रोत की तलाश है। वहीं धनवाड़ा एवं नीमसराय में कार्य पूर्ण होने की बात कही जा रही है।
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गर्मी में गहराएगा जलसंकट
कुछ ग्राम पंचायतों में कार्य स्वीकृत करीब 6 माह तो कुद में एक वर्ष का समय हो गया है बावजूद उसके अभी तक कार्य पूर्ण नही हुआ है। ऐसी स्थिति में गर्मी में ग्रामों में जलसंकट गहराएगा। पोखरनी में पिछले 4 माह से कार्य अटका हुआ है। विभाग द्वारा स्वीकृत कार्य होने की बात कही जा रही है वहीं आगे के कार्य के लिए अतिरिक्त प्रस्ताव बनाकर भेजने की बात कही जा रही है।
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काम में देरी बनेगी परेशानी
पेयजल व्यवस्था के कामों के लिए राशि स्वीकृत होने के बावजूद कार्य में गति नही लायी जा रही है। राशि की स्वीकृति और टेंडर होने के बावजूद काम में देरी हो रही है जो ग्रामीणों के लिए गर्मी में परेशानी बनेगी। ग्राम कानपुरा एवं गोपालपुरा में पाइप लाइन डाली जाना है। विभाग द्वारा इस ओर ध्यान नही दिया जा रहा है। प्रत्येक ग्राम में 20-20 लाख के भीतर राशि खर्च कर नल नल योजना की दशा सुधारने में देरी समस्या बनेगी।
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इनका कहना है
नीमसराय एवं धनवाड़ा में कार्य हो चुका है। पोखरनी में स्वीकृत कार्य हो चुका है केवल अतिरिक्त कार्य शेष है। पंचायत द्वारा पूरा कार्य करने की बात कही जा रही है। गोपालपुरा में कार्य प्रारंभ हो गया है। कानपुरा में जलस्रोत देखा जा रहा है। शीघ्र ही सभी पंचायतों में कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
जेएस ठाकुर, एसडीओ पीएचई
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