जानकारी के मुताबिक जिले में 79520 परिवार हैं, जिसमें 3 लाख 60643 लोगों को राज्य सरकार की अन्नपूर्णायोजना अंतर्गत 3 किलो चावल और 2 किलो गेहूं मिल रहा है। अति गरीब की श्रेणी में आने वाले हितग्राहियों को अंत्योदय योजना के तहत 14 किलो गेहूं और 21 किलो चावल दिया जा रहा है। लेकिन कोरोना काल प्रारंभ होते ही परिवारों में राशन के संकट की स्थिति बनने लगी थी। इसी के चलते सरकार ने रूटीन मिलने वाले राशन के साथ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की थी। इसके अंतर्गत परिवार के प्रति सदस्य को 4 किलो चावल और एक किलो गेहूं दिया जाने लगा था। सितंबर में जिले के उपभोक्ताओं को 16 मेट्रिक टन गेहूं और चावल का वितरण किया जा चुका है।
उपभोक्ता संतोष उइके ने कहा उन्हें कभी काम मिलता है कभी नहीं। ऐसे में राज्य सरकार और पीएम योजना का राशन मिलने से काफी राहत थी। यदि सरकार इसे बंद कर देगी तो गरीबों को परेशानी होगी। हितग्राही सुशील अहिरवार ने कहा कि प्रति सदस्य को दो तरह के राशन मिलने से इसकी उपलब्धता अच्छी हो जाती थी। पीएम योजना का राशन जारी रखना चाहिए, ताकि गरीबों का सही ढंग से भरण-पोषण चलता रहे।
कोविड काल के तहत उपभोक्ताओं को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पांच किलो राशन दिया जा रहा है। इसकी अवधि शासन ने 30 सितंबर तक रखी है। योजना का विस्तार करने अथवा उपभोक्ताओं को आगे भी राशन देने के संबंध में शासन से अभी तक कोई लिखित निर्देश नहीं मिले हैं।
-सुरेश वर्मा, जिला आपूर्ति अधिकारी, हरदा