script

कम में सामग्री खरीदकर बता रहे बजट का पूरा खर्च, जमकर हो रही अनियमितता

locationहरदाPublished: Feb 03, 2020 07:59:37 pm

Submitted by:

Rahul Saran

-खेल सामग्री खरीदने स्कूलों में आवंटित किया गया है बजट

hoshangabad, khirkiya, school, sport items, school,students

hoshangabad, khirkiya, school, sport items, school,students

खिरकिया। खेलेगा भारत तो खिलेगा भारत, खेलो इंडिया जैसे नारों से विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ ही खेल की ओर भी ध्यान खींचने का प्रयास शासन द्वारा किया जा रहा है। स्कूलों में शिक्षा के अतिरिक्त खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए शासन द्वारा विद्यालय स्तर पर बजट की व्यवस्था की गई है लेकिन विद्यालय प्रबंधन द्वारा इसमें केवल रस्म अदायगी की जा रही है। कई विद्यालयों ने अभी तक खेल सामग्री की खरीदी नहीं की है तो कहीं पर सामग्री खरीदी में अनियमितता की भी शिकायतें मिल रही हैं।
——-
प्रायमरी में 5 हजार, मिडिल में 10 हजार आवंटित
शासकीय विद्यालयों में खेल गतिविधियां संचालित करने शासन ने फिट इंडिया मूवमेंट मिशन के तहत प्राथमिक स्तर पर ५ हजार और मिडिल स्कूल के लिए १० हजार रुपए आवंटित किए गए हंैै। खेल सामग्री खरीदने पहली बार विद्यालयों को अलग से राशि उपलब्ध करायी गई है। खेल सामग्री खरीदने का अधिकार शाला प्रबंधन समिति को दिया गया है लेकिन अधिकांश विद्यालयों से यह खेल सामग्री अभी तक नदारद है। कुछ स्थानों पर सामग्री खरीदी तो गई है लेकिन उसमेंं भी जांच की आवष्यकता है।
—————–
यह सामग्री होना है क्रय
विकासखंड में 189 प्राथमिक एवं 97 माध्यमिक शालाएं हंै। प्राथमिक शालाओं के लिए करीब ९ लाख 45 हजार एवं माध्यमिक शालाओं को 9 लाख 70 हजार रुपए आवंटित किए गए हंै। इससे विद्यार्थियों के लिए इंडोर एवं आउटडोर खेल के लिए खेल सामग्री खरीदना है। कई स्कूलों में अब तक खेल सामग्री नहीं खरीदी गई है। गत वर्ष भी विद्यालयों को 1-1 हजार रुपए उपलब्ध कराए गए थे उसकी भी सामग्री नहीं खरीदी गई। खेल सामग्री के लिए रुपए जारी होने के बावजूद विद्यालय प्रबंधन इसमें रुचि नहीं ले रहे हंै। कई विद्यालयों में राशि को लेकर अनियमितता करने की शिकायतें भी मिल रही है।
————–
2 माह पहले जारी हुआ है बजट
स्कूलों में आउटडोर और इंडोर खेल के लिए बैट-बॉल, बैडमिंटन, फुटबॉल, शतरंज, कैरम आदि की खरीदी होना है। करीब दो माह पहले विद्यालयों को राशि मिल चुकी है। खेलों को बढ़ावा देने के लिए बजट जारी होने के बाद उसकी निगरानी नहीं हो रही है।
कहीं गुणवत्ताहीन खेल सामग्री बुलाई गई है तो कहीं पर कम राशि की सामग्री खरीदकर ज्यादा का बिल तैयार कराया जा रहा है। गत वर्ष की राशि का खर्च भी वर्तमान में क्रय की गई सामग्री में बताया जा रहा है जिस पर विभागीय अधिकारियों का ध्यान नहीं है।
—————–
प्रतिभाओं को नहीं मिल रही सुविधा
स्कूलों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम हर साल चलाए जाते हैं। विद्यालय, जिला और राज्य स्तर पर तरंग मीट प्रतियोगिता के अलावा जिला स्तरीय शालेय खेलकूद प्रतियोगिता सहित कई गतिविधियां होती हैं मगर ब्लॉक के कई स्कूलों में खेल सामग्री क्रय नहीं किए जाने से नन्हीं प्रतिभाओं को अभ्यास करने का अवसर नहीं मिल रहा है।
——————
इनका कहना है
खेल सामग्री को लेकर डीपीसी के निर्देशानुसार विद्यालयों के बिल वाउचर और कैशबुक की क्रास चेकिंग करायी जा रही है। वहीं उपयोगिता प्रमाण पत्र भी विद्यालयों से लिया जा रहा है। क्रय की गई खेल सामग्री की गुणवत्ता की जांच की जा रही है। अनियमितता पाए जाने पर कार्यवाही भी की जाएगी।
जीआर चौरसिया, बीआरसी खिरकिया

ट्रेंडिंग वीडियो