scriptगांव के पांव – मसनगांव में दलगत राजनीति से हटकर होती है विकास पर चर्चा | gaanv ke paanv | Patrika News

गांव के पांव – मसनगांव में दलगत राजनीति से हटकर होती है विकास पर चर्चा

locationहरदाPublished: Oct 12, 2020 10:09:44 pm

Submitted by:

gurudatt rajvaidya

– नई तकनीक का इस्तेमाल कर लेते हैं फसलों का भरपूर उत्पादन

गांव के पांव - मसनगांव में दलगत राजनीति से हटकर होती है विकास पर चर्चा

गांव के पांव – मसनगांव में दलगत राजनीति से हटकर होती है विकास पर चर्चा

मसनगांव. चुनाव में रंजीश होने की खबरें आमतौर सुनाई देती है, लेकिन मसनगांव ऐसा गांव है जहां दलगत राजनीति से ऊपर उठकर विकास पर चर्चा की जाती है। पंचायत चुनाव में कई उम्मीदवार गांव का प्रतिनित्व करने के लिए जोर अजमाईश करते हैं। जनता जिसके सिर सरपंची का ताज पहनाती है वह चुनाव के दौरान सामने आई सभी बातें भुलाकर केवल गांव विकास की बात करता है। इसी का परिणाम है कि सबसे पहली सीसी सड़क का निर्माण मसनगांव पंचायत में किया गया था। आज गांव की हर सड़क पक्की है। सड़क किनारे नालियां बनी होने से गंदे पानी की निकासी भी व्यवस्थित रहती है। शासन की मंशानुसार काम होने से ग्राम पंचायत को राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिल चुका। कलेक्टर के आदेश पर ग्रामीण क्षेत्र का पहला सुलभ शौचालय भी यहां बना हुआ है। गांव की विशेषता यह रही कि यहां पर 10 साल तक हायर सेकंडरी स्कूल जीरो बजट पर संचालित किया गया। इसके लिए ग्रामीणों द्वारा राशि एकत्रित कर 11वीं तथा 12वीं के बच्चों को सुविधाएं उपलब्ध कराई गई थी। जिसकी जानकारी मिलने पर शासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी अपना एक दिन का वेतन प्रदान किया। तत्समय यहां पर राष्ट्र कवि माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा अध्यापन का कार्य कराया गया था। इनके नाम से ग्राम की प्राथमिक शाला संचालित होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा शौच मुक्त ग्राम बनाने में ग्राम का पहला नंबर लगता है। जहां प्रधानमंत्री की इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए सरपंच के द्वारा दिन-रात मेहनत कर ग्राम को खुले शौच से मुक्ति दिलाई गई। इसके लिए सैकड़ों शौचालय निर्माण कराकर ग्राम को सन 2017 में ओडीएफ कराया गया।
गांव की मजबूती
– युवा कृषकों द्वारा एक-दूसरे की सलाह पर खेती करना।
– प्राकृतिक आपदा में क्षति पर ग्रामीण मिलकर पीडि़त की मदद करते हैं।
– हनुमान जयंती पर सहभोज में हर वर्ग व समुदाय के लोग शामिल होते हैं।
गांव की कमजोरी
– स्टाप डैम नहीं होने से गर्मी में नदी का पानी सूख जाता है। मवेशियों की फजीहत होती है।
– ग्राम में हल्का पटवारी का मुख्यालय पर निवास नहीं होना
– खेतों में जाने वाले गोहों पर अतिक्रमण होने से आवाजाही में परेशानी
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो