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Ganga Dashami – इस घाट पर नहाने का है सबसे ज्यादा महत्व

locationहरदाPublished: Jun 11, 2019 10:03:13 am

इस घाट पर नहाने का है सबसे ज्यादा महत्व

Ganga Dashami -

Ganga Dashami –

हरदा
12 जून को गंगा दशहरा मनाया जाएगा। जिन योगों में गंगा अवतरित हुई उन्हीं 10 योगों में इस बार गंगा दशहरा आ रहा है। मान्यता के अनुसार ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी पर गंगाजी पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। मान्यता है कि गंगा माता की पूजा मनोवांछित फल प्रदान करने वाली मानी गयी है। विशिष्ठ योग में गंगा मैया की पूजा पितरों को तारने तथा पुत्र-पौत्र की सुखसमृद्धि दायक सिद्ध होगी।

देवी गंगा जिन दस दिव्य योगों में पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं वैसे ही योग इस बार 12 जून को पड़ रहे हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित महेश शांडिल्य ने बताया कि इस बार 12 जून को गंगा दशहरे पर दिव्य संयोग बन रहा है। जिन 10 दिव्य महायोगों में गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं उनमें ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, बुधवार का दिन, हस्थ नक्षत्र, व्यतिपात योग, गर करण, आनंद योग, कन्या राशि का चंद्रमा व वृषभ राशि का सूर्य शामिल है। 12 जून को 75 साल बाद ये दस महायोग बन रहे हैं। बीते 75 साल में इस प्रकार का संयोग नहीं बना है।
पुराणों के अनुसार गंगा दशहरे पर देवी गंगा की पूजा के कई फल बताए गए हैं। हेमाद्री कल्प में शृंगी ऋषि ने गंगा पूजन करने से मनुष्य को मनोवांछित फल की प्राप्ति की बात कही है।
इस मौके पर काशी के वासियों को दशाश्वमेघ घाट पर गंगा का पूजन करने तथा अन्य तीर्थ के लोगों को समीपस्थ तीर्थ पर गंगा पूजन करने को कहा है। इस दिन नर्मदा स्नान और पूजन का भी महत्व है। नर्मदा घाटों में हंडिया और नेमावर घाट विश्वप्रसिद्ध हैं। नर्मदा के नाभिस्थल के रूप में जाने जाते इन घाटों का महत्व है इसलिए गंगा दशहरा पर यहां लाखों लोग स्नान के लिए आते हैं। कई पैदल यात्रियों का आना भी शुरू हो गया है। ये श्रद्धालु रात को घाटों पर सोएंगे और सुबह ब्रह्ममुहुर्त में ही स्नान और पूजन करेंगे।
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