पुलिस के डंडे खाकर भी ग्रामीणों को उपलब्ध कराया सामान
मसनगांव के छोटे दुकानदारों ने ग्रामीणों को नहीं आने दी सामान की कमी

अनिल दीपावरे
मसनगांव. कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू किए गए लॉकडाउन का असर शहर के साथ गांवों में भी दिखाई दिया। इसका सबसे अधिक असर गांव के मजदूरों एवं छोटे किसानों पर पड़ रहा हंै। वे रोजाना जरूरत का सामान लेकर अपना गुजारा करते हैं। गांव में एक दिन लगने वाला हाट बाजार बंद होने से सप्ताह भर की खरीदी करने वाले लोगों को सामान के लिए तरसना पड़ा। लॉकडाउन के वे शहर जाकर भी सामान नहीं ले पा रहे हैं। ऐसे में सामान की आपूर्ति के गांव में छोटी दुकानें होने के बावजूद दुकानदारों ने ग्रामीणों एवं मजदूरों को सामान उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके लिए उन्हें पुलिस के डंडे भी खाए। लेकिन किसी भी मजदूर को भूखा नहीं सोने दिया। गांव के दुकानदार मुकेश पटवारे, शमीम शाह, दिनेश चौधरी, रोहित भायरे, अनिल राठौर ने बताया कि इस दौरान कुछ परेशानियां भी आईं। लेकिन बुजुर्गों की सीख के अनुसार गरीबों को सामान मुहैया कराया जा रहा है।
जरूरतमंदों को उधारी में दे रहे सामान-
शमीम शाह ने बताया कि उनके पिता ने गांव में जब किराना दुकान खुल गई थी तब सड़कें नहीं थी। ग्रामीण गांव की दुकानों से ही खरीदारी करते हैं। लेकिन साधन होने के बाद लोग शहरों में जाने लगे। कोरोना संक्रमण की वजह से कई ग्रामीण शहरों में नहीं जा सके जिन्हें सामान के लिए गांव की दुकानों पर आना पड़ा। इस स्थिति से निपटने के लिए शहरों से आपूर्ति बनाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। बावजूद इसके ग्रामीणों को सामान उपलब्ध कराया जा रहा हैं। जो लोग अभी नगद नहीं दे पा रहे हैं उन्हें उधार सामान देकर व्यवस्था बनाई गई।
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