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परिवार के मुखिया की मौत के एक साल बाद भी नहीं मिली अनुग्रह राशि, जपं के चक्कर लगा रहे हितग्राही

locationहरदाPublished: Jul 02, 2020 08:01:22 pm

Submitted by:

gurudatt rajvaidya

संबल योजना के लाभ से वंचित हितग्राही

परिवार के मुखिया की मौत के एक साल बाद भी नहीं मिली अनुग्रह राशि, जपं के चक्कर लगा रहे हितग्राही

परिवार के मुखिया की मौत के एक साल बाद भी नहीं मिली अनुग्रह राशि, जपं के चक्कर लगा रहे हितग्राही

खिरकिया. असंगठित श्रमिकों एवं गरीबों के लिए शुरू की गई संबल योजना का लाभ हितग्राहियों को नहीं मिल रहा है। कांग्रेस सरकार द्वारा योजना का नाम बदलकर नया सबेरा कर दिया था। लेकिन पुन: मुख्यमंत्री बनने पर शिवराजसिंह चौहान द्वारा संबल योजना लागू कर दी गई है। इसके तहत योजना का लाभ दिया जाना है। लेकिन पिछले वर्ष के ही हितग्राहियों को अभी तक योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। जानकारी के अनुसार गरीब, निर्धन, निराश्रितों के परिवारों को आकस्मिक या दुर्घटना में मौत होने पर शासन द्वारा अंत्येष्टि व अनुग्रह सहायता राशि उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन योजना का लाभ मिलने की उम्मीद लगाए गरीब और पीडि़त परिवार बैठे हैं। संबल योजना के तहत अंत्येष्टि एवं अनुग्रह सहायता, सरल बिजली बिल योजना का लाभ, मुख्यमंत्री जनकल्याण शिक्षा प्रोत्साहन का लाभ मिलता है। जनपद पंचायत के माध्यम से प्रकरण बनाकर अनुग्रह राशि दी जानी है, लेकिन कई हितग्राही परिवार इसके लिए भटक रहे हैं।
41 में से 24 को मिला लाभ, 17 परिवार अभी भी वंचित-
संबल योजना के तहत वर्ष 2019-20 में 41 प्रकरण जनपद पंचायत के माध्यम से स्वीकृत हुए थे। इसमें से केवल 24 परिवारों को ही अनुग्रह राशि के रूप में 2-2 लाख रुपए मिले है, जबकि 17 परिवारों को अभी तक राशि का इंतजार है। राशि पाने के लिए हितग्राही परिवारों के परिजन भटक रहे हंै। कभी जनपद तो कभी पंचायत के चक्कर लगा रहे है। हितग्राहियों द्वारा योजना का लाभ दिए जाने के लिए कई बार अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। लेकिन लाभ दिए जाने में लेटलतीफी की जा रही है। अनुग्रह राशि के अलावा कई हितग्राही ऐसे भी है, जिन्हें अंत्येष्टि सहायता राशि भी नहीं मिल सकी है।
इन्हें नहीं मिली अनुग्रह राशि-
अनुग्रह राशि के लिए उत्तराधिकारी हितग्राही सागरबाई धनवाड़ा, कल्पनाबाई मांदला, शांतिलाल बावडिय़ा, अशोक नीमसराय, नबाव खां मक्तापुर, शशिकला जादौपुरा, कृष्णाबाई खुदिया, रामसिंह रतनपुर, गजराज छुरीखाल, पंडरी अंजरूदमाल, शिवप्रसाद विक्रमपुर कला, नन्हू बावडिय़ा, त्रिलोकचंद चारूवा, रहमान खान बम्हनगांव, रामेश्वर प्रतापपुरा सहित अन्य हितग्राही जपं के चक्कर लगा रहे है, लेकिन उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा। सभी हितग्राहियों के परिवार के सदस्यों की मृत्यु 2019 में हुई थी। लेकिन 2020 भी आधा बीतने के बाद भी उन्हें लाभ नहीं मिल सका है।
योजना के तहत मिलना है यह लाभ-
श्रमिक परिवार के मुखिया की मौत होने पर अंत्येष्टि एवं अनुग्रह सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसमें मौत होने के तुरंत बाद 5 हजार रुपए अंत्येष्टि के लिए इसके बाद 2 लाख रुपए अनुग्रह राशि मिलना था। योजना के तहत वाहन, सर्पदंश व अन्य दुर्घटना में मौत होने पर 4 लाख रुपए और स्थाई विकलांगता होने पर भी लाभ दिया जाता है।
इनका कहना है-
हमारी और से प्रक्रिया पूर्ण हो गई है। सभी के इपीओ जारी किए जा चुके हैं। शासन स्तर से हितग्राहियों के खातों में राशि डाली जानी है।
शिवजी सोलंकी, सीइओ, जपं खिरकिया
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