scriptकिल्लौद में मौजूद है सिक्खों के दसवें गुरु गोविंद सिंह के अमृत छकाने वाले पात्र | Guru Govind Singh's elixir characters in Killaud | Patrika News

किल्लौद में मौजूद है सिक्खों के दसवें गुरु गोविंद सिंह के अमृत छकाने वाले पात्र

locationहरदाPublished: Aug 09, 2020 08:46:07 pm

Submitted by:

gurudatt rajvaidya

सिंगाजी में खुदाई के दौरान मिले थे पात्र, सिक्ख समाज ने पहुंचकर किए दर्शन

किल्लौद में मौजूद है सिक्खों के दसवें गुरु गोविंद सिंह के अमृत छकाने वाले पात्र

किल्लौद में मौजूद है सिक्खों के दसवें गुरु गोविंद सिंह के अमृत छकाने वाले पात्र

खिरकिया. सिक्खों के दसवें गुरु गुरुगोविंद के अमृत छकाने वाले पात्र आज भी करीबी गांव किल्लौद में मौजूद है। जो समाज व अन्य वर्गों के लिए आस्था का केन्द्र है। किल्लौद में विजय सिंघ खालसा के निवास पर स्थित गुरुद्वारे में खंडे-बाटे (अमृत छकाने वाला पात्र) वर्तमान में सुशोभित है। पवित्र खंडे का इतिहास भी अनूठा है। सिक्ख धर्म के दसवें गुरु गुरु गोविन्द सिंघ नांदेड़ साहिब की ओर जाते समय सिंगाजी गांव में कुछ दिन रुके थे। 1780 में सिंगाजी गांव में अग्निकांड हुआ था। जहां बहुत की नुकसान हुआ था, लेकिन जिस स्थान पर गुरु ग्रन्थ साहिब विद्यमान थे। उस स्थान पर कुछ भी क्षति नहीं हुई थी। उसके कुछ दिन बाद तत्कालीन ज्ञानी चतर सिंघ को स्वप्न आया कि गुरुद्वारा स्थल में स्थित संदूक के नीचे खुदाई की जाए। जब खुदाई की गई तो वहां गुरु गोविंदसिंह के पवित्र खंडे बाटे मिले थे। सिंगाजी के डूब में आने के बाद उस परिवार के विजयसिंघ खालसा किल्लौद में आकर बस गए। जहां उन्होंने अपने घर में गुरुद्वारा बनाकर गुरुग्रंथ साहिब का प्रकाश प्रारंभ किया। गुरु गोविन्द सिंघ की ऐतिहासिक निशानी खंडे बाटे दर्शनार्थ रखे है। गौरतलब है सिक्ख समाज में अमृत छकाने का खास महत्व है। एक ऐसा सिक्ख जिसने गुरु गोविंदसिंह द्वारा दिए गए खंडे बाटे का अमृत पान करने वाला सिक्ख हमेशा पांच ककार जो कि कंघा, कड़ा, कच्छा, कृपाण, केस धारण करता है।
कई वर्षों तक राजपूत समाज के चौनसिंह रहे गुरुसिंघ सभा के प्रधान-
सिंगाजी में राजपूत समाज के चौनसिंह दरबार गुरुसिंघ सभा के कई्र वर्षों तक प्रधान भी रहे। दूसरे समाज वर्ग से आने के बावजूद सिक्ख समुदाय की बीच आपसी प्रेम और सौहाद्र्र बनाते हुए उन्होंने समाज का प्रतिनिधित्व किया। स्थानीय समाज के सदस्यों द्वारा चौनसिंह के साथ लोगों को एकत्रित कर गुरुनानक के दर्शन कराने अमृतसर भी लेे जाया गया था।
दर्शन के लिए नगर लाने का किया आग्रह-
गुरुद्वारा श्री गुरुसिंघ सभा खिरकिया के सदस्यों ने किल्लौद पहुंचकर खंडे बाटे के दर्शन किए। सभा के ज्ञानी प्रताप सिंघ ने गुरुग्रन्थ साहिब के सम्मुख मानव कल्याण, शांति तथा महामारी से बचाने की अरदास की। इस दौरान सिक्ख समाज के अध्यक्ष महेंद्रसिंघ खनूजा ने किल्लौद में गुरुद्वारा निर्माण एवं संगत के लिए हरसंभव मदद किए जाने की बात कही। साथ ही ऐतिहासिक धरोहर को खिरकिया गुरुद्वारे में संगत के दर्शनों के लिए लाने के लिए किल्लोद सभा से आग्रह किया, ताकि अधिक से अधिक संगत और नागरिक इस पवित्र धरोहर के दर्शन कर सके। इस दौरान हरभजन सिंघ भटिया, अजीत सिंघ राजपाल, सुरजीत सलूजा आदि मौजूद थे।
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