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डॉक्टर बने संकटमोचक हनुमान, संजीवनी बूटी की जगह ली वेंटीलेटर ने

locationहरदाPublished: Apr 07, 2020 08:34:13 pm

Submitted by:

gurudatt rajvaidya

कोरोना वायरस को लेकर स्थानीय कलाकार ने बनाई शानदार कलाकृति

डॉक्टर बने संकटमोचक हनुमान, संजीवनी बूटी की जगह ली वेंटीलेटर ने

कोरोना वायरस को लेकर स्थानीय कलाकार ने बनाई शानदार कलाकृति

राजेश मेहता
खिरकिया. भगवान श्रीराम के भ्राता लक्ष्मण पर जब संकट आया तो हनुमानजी संजीवनी बूटी के लिए समूचा पहाड़ हाथों पर रखकर उठा लाए और लक्ष्मण को जीवनदान मिला। वर्तमान में पूरा विश्व कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहा है, ऐसे में हनुमानजी द्वारा किए गए चमत्कार की वर्तमान में भी आवश्यकता है। इस बीमारी से निपटने के लिए अब तक न तो कोई दवा बन सकी है, और ना ही कोई संजीवनी बूटी पहाड़ों पर उपलब्ध है। पीडि़त को बचाने के लिए वेंटीलेटर प्रमुख संसाधन और वैज्ञानिक उपाय है। लेकिन समस्या यह है कि देश में वेंटीलेटर की कमी है। हनुमान जयंती पर देशवासी इस संकट को टालने की प्रार्थना करेंगे।
संकटमोचक हनुमान बने डॉक्टर-
नगर के कलाकार ने कोरोना वायरस से जूझ रहे विश्व की स्थिति को ध्यान में रखते हुए हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में चित्रकला के माध्यम से उम्दा प्रस्तुति दी है। पेंटर सुभाष गढ़वाल ने पेंटिंग बनाते हुए रामायण के उस दौर का चित्रण किया है जब हनुमानजी संजीवनी बूटी के लिए समूचा पहाड़ उठाकर ले आए थे। चित्रकाल में वही भाव रखते हुए वर्तमान आवश्यकता बताई है। इसमें एक ओर पृथ्वी पर कोरोना वायरस का प्रकोप बताया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर हनुमानजी के हाथों में पहाड़ है, इसके उपर बहुत सारे वेंटीलेटर रखे है। हनुमानजी को डॉक्टर के रूप में बताया है। पेंटिंग का एक रूप यह भी है कि वर्तमान समय में चिकित्सक लोगों के लिए संकटमोचक बने हैं। कलाकर ने बताया कि वर्तमान में वेंटीलेटर ही संजीवनी बूटी है, इसकी देश को आवश्यकता है। ऐसी स्थिति में भगवान से प्रार्थना स्वरूप यह कलाकारी की गई है। जिस प्रकार लक्ष्मण को उन्होंने बचाया था, उसी प्रकार देश व विश्व को भी वे बचाएंगे।
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