गोंदागांव मठ के सामने से निकाली जा रही बजरी
गोदागाव गंगेश्वरी में स्थित प्राचीन मठ के सामने से अवैध उत्खनन कर बजरी निकाली जा रही है। गांव के ही एक ग्रामीण ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि तड़के 3 बजे से ही अवैध कारोबार शुरू हो जाता है। नदी में पानी के अंदर से मजदूरों दारा बजरी निकाल कर टै्रक्टर ट्रॉलियों में भरी जाती है। रेत माफिया द्वारा सुबह 7 बजे तक अवैध बजरी ढोने का कार्य किया जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि अवैध बजरी के उत्खनन के चलते नर्मदा नदी के अंदर गड्ढे हो गए हैं। घाट पर नहाते समय गड्ढे में पैर उतर जाने से किसी दिन बड़ा हादसा भी हो सकता है। नदियों में लगातार हो रहे रेत-बजरी के अवैध उत्खनन के चलते जलीय जीव जंतुओं एवं किनारे लगे पेड़ पौधों पर खतरा मंडराता रहता है।
गोदागाव गंगेश्वरी में स्थित प्राचीन मठ के सामने से अवैध उत्खनन कर बजरी निकाली जा रही है। गांव के ही एक ग्रामीण ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि तड़के 3 बजे से ही अवैध कारोबार शुरू हो जाता है। नदी में पानी के अंदर से मजदूरों दारा बजरी निकाल कर टै्रक्टर ट्रॉलियों में भरी जाती है। रेत माफिया द्वारा सुबह 7 बजे तक अवैध बजरी ढोने का कार्य किया जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि अवैध बजरी के उत्खनन के चलते नर्मदा नदी के अंदर गड्ढे हो गए हैं। घाट पर नहाते समय गड्ढे में पैर उतर जाने से किसी दिन बड़ा हादसा भी हो सकता है। नदियों में लगातार हो रहे रेत-बजरी के अवैध उत्खनन के चलते जलीय जीव जंतुओं एवं किनारे लगे पेड़ पौधों पर खतरा मंडराता रहता है।
इनका कहना है
मुझे आपसे जानकारी मिली है। टै्रक्टर ट्रॉली जहां से निकलती है वहां औचक निरीक्षण कर धरपकड़ की कार्रवाई करेंगे। पुलिस को भी इसकी सूचना दी जाएगी।
– अलका एक्का, तहसीलदार टिमरनी
मुझे आपसे जानकारी मिली है। टै्रक्टर ट्रॉली जहां से निकलती है वहां औचक निरीक्षण कर धरपकड़ की कार्रवाई करेंगे। पुलिस को भी इसकी सूचना दी जाएगी।
– अलका एक्का, तहसीलदार टिमरनी