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हम जब भी दुआ करें देश के जवानों को रखें याद, उन्हें भी दुआ की जरूरत

locationहरदाPublished: Aug 14, 2020 08:32:16 pm

Submitted by:

gurudatt rajvaidya

देश की जवानों के लिए प्रार्थना करने के लिए कार्यक्रम चला रही शहर की बेटी

हम जब भी दुआ करें देश के जवानों को रखें याद, उन्हें भी दुआ की जरूरत

देश की जवानों के लिए प्रार्थना करने के लिए कार्यक्रम चला रही शहर की बेटी

राजेश मेहता/खिरकिया. हम जब भी दुआ या प्रार्थना करते है तो अपने घर परिवार व सदस्यों की खुशहाली और सलामती तक ही सीमिति रखते है। हमने कभी नहीं सोचा कि देश की सीमाओं पर देशवासियों की सुरक्षा का भार उठाने वाले सैनिकों को भी दुआ की जरूरत है। ऐसे में देश के जवानों को भी अपनी दुआओं व प्रार्थनाओं में शामिल करने के लिए शहर की एक बेटी लोगों को प्रेरणा दे रही है। नगर के व्यवसायी अनोकचंद मेहता की बेटी वंदना राकेश जैन ध्यान और साधना के माध्यम से देश के जवानों के लिए ब्लेसिंग्स (दुआएं) किए जाने की अलख नागरिकों में जगा रही हैं।
मेडिटेशन ट्रेन आरो एवं रेकी मास्टर वंदना जैन पॉजिटिव एफर्मेशंस एंड ब्लेसिंग फॉर अवर सोल्जर कार्यक्रम चला रही हैं। इसमें देश के जवानों के लिए दुआ और प्रार्थना करने की प्रेरणा दी जा रही है। इसके लिए वंदना ने अपने यूट्यूब चैनल पर 15 अगस्त को दोपहर 3 से 4 बजे तक मेडिटेशन के माध्यम से पॉजिटिव एफर्मेशंस एंड ब्लेसिंग फॉर अवर सोल्जर कार्यक्रम के तहत देश के जवानों की सुरक्षा व सलामती के लिए प्रार्थना की जाएगी। इससे आमजन भी जुड़ सकते है।
जो हमें बहुत कुछ देते है, क्या हम उनको दुआएं भी नहीं दे सकते-
वंदना पिछले 12 साल से ध्यान और साधना कर रही हैं। लोगों को इससे जोड़ रही है। ऑनलाइन प्रशिक्षण भी प्रदान कर रही हैं। वंदना ने बताया कि देश के वीर जवानों के लिए ध्यान साधना के माध्यम से सकारात्मक दुआएं करेंगे। यह हमारे उन वीर जवानों तक पहुंचेगी, जो देश की सुरक्षा, हमारी सुरक्षा के लिए देश की सीमाओं पर डटे हुए है। उनका ध्यान तब तक अधूरा है, जब तक ध्यान में जवानों के लिए दुआ और पूजा में प्रार्थना ना करूं। हम अपनी दुआएं और प्रार्थना अपने और अपने परिवार तक ही सीमित रखते है। लेकिन हम सैनिकों की जिंदगी के बारे में पढ़े, इनके वीडियो देखे। यह देखे की वह कितना और क्या-क्या हमारे के लिए बलिदान करतेे है। फिर अपने आप से वादा करें कि जब भी प्रार्थना या दुआए करेंगे जवानों के लिए जरूर करेंगे। जो हमें बहुत कुछ देते है, क्या हम उनको दुआएं भी नहीं दे सकते।
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