जानकारी के अुनसार मसनगांव रेलवे स्टेशन पर सालों से कटनी-भुसावल, भुसावल-कटनी, इटारसी-भुसावल और भुसावल-इटारसी पैसेंजर ट्रेन का स्टॉपेज हो रहा था। किंतु कोरोना काल में ये ट्रेनें बंद हो गई थीं। इन ट्रेनों से मसनगांव के अलावा ग्राम गांगला, गाड़गी टप्पर, कांकरिया, कमताड़ा, बीड़, कमताड़ी, रोलगांव, सिराली, रहटा, बंदीमुहाडिय़ा, कालकुंड, धूपकरण तक के लोग मसनगांव रेलवे स्टेशन पर आकर पैसेंजर ट्रेन से यात्रा करते थे, लेकिन यात्रियों की संख्या बहुत कम थी।
एक माह में रेलवे स्टेशन से लगभग 7 हजार 500 रुपए की टिकटों का ही विक्रय होता था। जबकि रेलवे स्टेशन संचालन के लिए रेलवे को तीन स्टेशन मास्टर, दो पाइंट्समैन, एसएनटी के दो स्टॉफ को 24 घंटे के लिए रखना पड़ रहा था। रेलवे को उक्त कर्मचारियों को प्रतिमाह 5 लाख से अधिक का वेतन देना पड़ रहा था। इसे देखते हुए रेलवे ने मसनगांव स्टेशन को बंद कर दिया।
मसनगांव रेलवे स्टेशन बंद करने के साथ ही रेलवे ने यहां पर आइबीएस सिस्टम लगाया है। इसके जरिए यहां से गुजरने वाली ट्रेनों को ऑटोमैटिक सिग्नल मिलेगा, जिससे बिना कर्मचारियों के ट्रेनों का संचालन होता रहेगा। इसके साथ ही रेलवे स्टेशनों के बीच की दूरियां 13 से 14 किमी होने के कारण एक ट्रेन निकलने पर उसके अगले स्टेशन पर पहुंचने के बाद ही पीछे खड़ी ट्रेन को रवाना किया जाता था। इस दौरान ट्रेन को 10-12 मिनट का समय लगता था। किंतु आइबीएस सिस्टम वाले स्टेशन से ट्र्रेन गुजरते ही पीछे आने वाली ट्रेन को तुरंत सिग्नल मिल जाएगा । इस तरह एक सेक्शन में दो ट्रेनें बिना स्टेशनों पर रुके चलती रहेंगी।
यह भी पढ़ें : 1200 करोड़ में बन रहे 6 मेडिकल कॉलेज, हजारों स्टूडेंट बनेंगे डॉक्टर, देखें लिस्ट
रेलवे प्रशासन ने मसनगांव रेलवे स्टेशन को बुधवार से बंद कर दिया है। इस संबंध में महाप्रबंधक कार्यालय वाणिज्य विभाग जबलपुर से पत्र प्राप्त हुआ है। रेलवे स्टेशन पर अब कोई यात्री ट्रेनों का स्टॉपेज नहीं होगा। कार्यरत् स्टॉफ को दूसरी जगह पर लगाया जा रहा है।