जल संसाधन विभाग द्वारा हरदा सब डिवीजन के अंतर्गत लगभग २०५ गांवों के करीब ३५ हजार किसानों की ५२ हजार ३७० हेक्टेयर भूमि में बीते 30 सालों से रबी सीजन में नहर के माध्यम से सिंचाई के लिए पानी दिया जा रहा है। इनमें से छोटे किसानों द्वारा तो हर साल सिंचाईकर जमा किया जा रहा है, लेकिन कुछ गांवों के दबंग किसानों और राजनीतिक दलों से जुड़े किसानों द्वारा राशि जमा नहीं की जाती है। स्थिति यह है कि एक-एक किसान पर लगभग तीन-तीन लाख रुपए का सिंचाई कर हो गया है। वहीं विभाग भी अभी तक सुस्त बना हुआ था। अब वरिष्ठ अधिकारियों से वसूली का अल्टीमेटम मिलने के बाद विभाग ने सख्त रूख अपना लिया है। संभवत: एक, दो दिन में गांवों में विभाग के अधिकारी, कर्मचारी कार्रवाई शुरू कर देंगे।
जल संसाधन विभाग ने बकायादार किसानों से सिंचाई कर वसूलने के लिए टीम बना दी है। सब डिवीजन के अंतर्गत 4 अनुविभाग आते हैं, जिसमें सामरधा अनुविभाग टिमरनी, रेवापुर अनुविभाग, सोनतलाई अनुविभाग हरदा और माचक अनुविभाग खिरकिया शामिल है। विभाग ने डिफाल्टर किसानों से वसूली के लिए मैदानी कर्मचारी उपयंत्री 11, अमीन 12 और 4 अनुविभागीय अधिकारियों सहित २६ को जिम्मेदारी दी है। जबकि २०५ गांवों में इतने कम कर्मचारियों द्वारा लक्ष्य को पाना मुश्किल है।
पिछले कईसालों से सिंचाई कर वसूली में विभाग द्वारा सुस्ती दिखाए जाने से बकाया की राशि 3 करोड़ से बढ़कर ६ करोड़ ३७ लाख हो गई। वहीं इस बार विभाग को २ करोड़ ९५ लाख रुपए वसूली का लक्ष्य दिया गया है। विभाग ने फिलहाल उक्त राशि में से 111 लाख रुपए वसूल किए हैं। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने गत दिवस डिवीजनों के अधिकारियों की बैठक लेकर सुस्त कार्यप्रणाली से छोड़कर तेजी से वसूली करने के निर्देश दिए।
विभाग के मुताबिक दबंग किसानों से वसूली करने के लिए टीम उनके घर जाएगी। उनके साथ पुलिस बल भी रहेगा। यदि बकायादार किसानों द्वारा समय पर राशि जमा नहीं की जाएगी तो उनकी चल-अचल संपत्ति को जब्त कर सिंचाई कर की राशि में समायोजित की जाएगी। ऐसे किसानों को विभाग द्वारा नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
हरदा सब डिवीजन के ३५ हजार बकायादार किसानों से लगभग ६ करोड़ ३७ लाख रुपए का सिंचाई कर वसूलना है। वरिष्ठअधिकारियों के निर्देश पर दबंग बकायादार कृषकों के नाम गांवों के चौक-चौराहों पर चस्पा किए जाएंगे। इन किसानों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इस पर भी यदि किसान राशि नहीं जमा करते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाईकी जाएगी।
आरपी त्रिपाठी, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग, हरदा