इजरायल ने खेती का स्मार्ट तरीका अपनाया है। 1. टपकन सिंचाई (ड्रिप इरिगेशन) तकनीक : इस तकनीक के इस्तेमाल से पानी और पैसा दोनों का बचाया जा सकता है। इस तकनीक में ड्रिप को धीमा और संतुलित किया जाता है जिससे उत्पादन क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है। इजराइल की ये टपका सिंचाई विधि अब कई देशों में इस्तेमाल की जा रही है। इस विधि से इजरायल से बाहर लगभग 700 ऐसे किसान परिवार हैं जो साल में अब तीन फसलें पैदा कर रहे हैं जो कि पहले एक बार ही होता।
2. अन्न कोष : इजराइल ने एक ऐसे अन्न कोष का निर्माण किया है जिसमें किसान कम खर्चों में ही अपनी फसल को ताजा और सुरक्षित रख सकते हैं। इंटरनेशनल फूड टेक्नोलॉजी कंसलटेंट प्रोफेसर श्लोमो नवार्रो ने इस बड़े बैग को बनाया है। ये बैग हवा और पानी, दोनों से सुरक्षित रहेगा। ये बैग उपज की सुरक्षा के लिए कारगार साबित हो रहा है। भीषण गर्मी और सीलने होने के बाद भी इस बैग में रखी फसलें सुरक्षित रहती हैं।
3. जैविक कीट निंयत्रण: इजराइल की बायो-बी नामक कंपनी ने ऐसे कीट नियंत्रक दवा का निर्माण किया है जिसके छिडक़ाव से कीड़े तो दूर रहते हैं लेकिन इससे मक्खी और भौरों को कोई नुकसान नहीं होता। और इसके प्रयोग के बाद से पैदावार में 75 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। बायो बी की दवा और भौरों का प्रयोग इस समय 32 देशों में किया जा रहा है, जिसमें जापान शामिल हैं।
4. डेयरी फार्मिंग : इजराइल में तीन तरह के डेयरी फार्म हैं। होफ हैशरेन डेयरी फार्म, एसएई एफिकिम और एससीआर प्रीसाइज डेयरी फार्म। इनके प्रतिदिन तीन लाख लीटर दूध की सप्लाई की जा रही है।
5. गर्मी में भी आलू पैदा करने की तकनीक : लगभग 30 साल के शोध के बाद हिब्रू विश्वविद्यालस के प्रोफेसर डेविड लेवी ने आलू की एक ऐसी प्रजाति ईजाद की जो कि भीषण गर्मी में भी पैदा होती है। आलू दुनिया में खाई जाने वाली प्रमुख खाद्य फसलों में से एक है लेकिन गर्मी में इसकी पैदावार नहीं हो पाती।