आजादी के ७० साल बाद पहुंची बिजली
टिमरनी. विकासखंड के खेड़ीटप्पर के 10 परिवारों को आजादी के 70 साल बाद बिजली नसीब हुई है। इन ंपरिवारों को प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत ट्रांसफार्मर, मीटर एवं बल्व लगाकर बिजली शुरू की गई। इससे ग्रामीणों खुश है। वर्षों से रात के अंधेरे में डूबे रहने वाला गांव अब रात में बिजली की रोशनी में चमक रहा है। यह आदिवासी परिवार नौसर एवं पुरा गांव के बीच स्थित खेड़ी टप्पर पर शासकीय भूमि पर रहते हैं। कुछ सालों पहले आदिवासी परिवारों के लिए हैंडपंप लगाया गया था। इससे पहले वे झिरी का पानी पीते थे। ग्रामीण सुखराम ने बताया कि पहले अंधेरा रहने से रतजगा कर सुरक्षा करनी पड़ती थी। चिमनी की रोशनी में ही खाना पकाना पड़ता था। इस संबंध में बिजली कंपनी के जेई बिहारीसिंह ने बताया कि सौभाग्य योजना के अंतर्गत बिजली सप्लाई शुरू कर दी गई है।
टिमरनी. विकासखंड के खेड़ीटप्पर के 10 परिवारों को आजादी के 70 साल बाद बिजली नसीब हुई है। इन ंपरिवारों को प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत ट्रांसफार्मर, मीटर एवं बल्व लगाकर बिजली शुरू की गई। इससे ग्रामीणों खुश है। वर्षों से रात के अंधेरे में डूबे रहने वाला गांव अब रात में बिजली की रोशनी में चमक रहा है। यह आदिवासी परिवार नौसर एवं पुरा गांव के बीच स्थित खेड़ी टप्पर पर शासकीय भूमि पर रहते हैं। कुछ सालों पहले आदिवासी परिवारों के लिए हैंडपंप लगाया गया था। इससे पहले वे झिरी का पानी पीते थे। ग्रामीण सुखराम ने बताया कि पहले अंधेरा रहने से रतजगा कर सुरक्षा करनी पड़ती थी। चिमनी की रोशनी में ही खाना पकाना पड़ता था। इस संबंध में बिजली कंपनी के जेई बिहारीसिंह ने बताया कि सौभाग्य योजना के अंतर्गत बिजली सप्लाई शुरू कर दी गई है।