उल्लेखनीय है कि उक्त घटनाक्रम के अगले दिन विधायक कमल पटेल ने पत्रकारवार्ता में प्रभारी मंत्री शर्मा व कलेक्टर एस. विश्वनाथन को जमकर आड़े हाथ लिया था। इसके दो दिन बाद पूर्व विधायक डॉ. आरके दोगने व जिला कांग्रेस अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पंवार ने अलग-अलग बयान जारी कर विधायक पर पलटवार किया। डॉ. दोगने ने कहा कि पटेल झूठी वाहवाही लूटने के लिए जनता को गुमराह कर रहे हंै। जिला प्रशासन द्वारा उनके पुत्र सुदीप पटेल को जिलाबदर किया गया। भाजपा शासन में भी यह कार्रवाई हुई थी। विधायक को कांग्रेस पर आरोप लागने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से सवाल पूछने चाहिए। पटेल व भाजपा के सभी जनप्रतिनिधियों द्वारा जिस तरह से जिला योजना समिति की बैठक का बहिष्कार किया गया उससे प्रतीत होता है कि वे जिले में कांग्रेस सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों से बौखला गए हैं। उन्होंने पटेल द्वारा लगाए गए अन्य आरोपों का भी सिलसिलेवार जवाब दिया। उधर, जिला कांग्रेस अध्यक्ष पंवार ने अलग से बयान जारी कर प्रभारी मंत्री को जिले में घुसने नहीं देने संबंधी विधायक के बयान पर कहा कि शर्मा हरदा जिले के मूल निवासी हैं। उन्हें जिले में घुसने न देने की खुली धमकी देकर विधायक ने अपनी गुंडागर्दी का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि पटेल प्रभारी मंत्री के खिलाफ गलत बयानबाजी कर जनता का ध्यान आकर्षण करने की नाकाम कोशिश करने के बजाय अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास पर ध्यान दें तो ज्यादा बेहतर होगा।