scriptतीन साल में हत्या व लूट के मामलों में आई कमी, अपहरण भी हुए कम | Lack of cases of murder and robbery in three years, even abduction | Patrika News

तीन साल में हत्या व लूट के मामलों में आई कमी, अपहरण भी हुए कम

locationहरदाPublished: Jan 05, 2019 11:20:53 am

Submitted by:

sanjeev dubey

अपराध का लेखाजोखा में सामने आई रिपोर्ट

crime

तीन साल में हत्या व लूट के मामलों में आई कमी, अपहरण भी हुए कम

हरदा. जिले में तीन साल की अपेक्षा हत्या व लूट के मामलों में कमी आई है। बीते हत्या के प्रयास के प्रकरण भी कम दर्ज हुए। वहीं बलात्कार के प्रकरण न बढ़े ना ही कम हुए। एसपी राजेश कुमार सिंह ने शुक्रवार को जिले का पिछले तीन सालों (१ जनवरी से ३१ दिसंबर तक) का क्राइम रिपोर्ट कार्ड जारी किया। इसके अनुसार वर्ष २०१६ व २०१७ में हत्या के क्रमश: १५ तथा १६ प्रकरण दर्ज हुए थे। वहीं वर्ष २०१८ में इनकी संख्या १४ रही। इसी तरह इन्हीं वर्षों में लूट के प्रकरण क्रमश: १६, ८ तथा ७ दर्ज हुए। हत्या के प्रयास के मामलों में बेजा कमी आई है। वर्ष २०१६ में इस अपराध के ११ व वर्ष २०१७ में २० प्रकरण दर्ज हुए। इसके उलट वर्ष २०१८ में यह आंकड़ा ४ रहा। बीते साल डकैती के प्रयास का एक भी प्रकरण दर्ज नहीं हुआ। इसके पहले के सालों में यह आंकड़ा क्रमश: २ व १ रहा था। वर्ष २०१६ में जिले में जहां बलात्कार के ६४ प्रकरण दर्ज हुए। वहीं वर्ष २०१७ व २०१८ में यह आंकड़ा ७१ रहा। इन सालों में बलात्कार के प्रयास के क्रमश: शून्य, शून्य तथा २ प्रकरण दर्ज हुए। बीते साल अपहरण के ८१ मामले दर्ज हुए। इसके पहले के सालों में यह आंकड़ा क्रमश: ८८ और ८२ रहा। बलवा के प्रकरण भी २०१६ व २०१७ के १४-१४ के मुकाबले ११ ही दर्ज हुए। भादंवि की अन्य धाराओं के दर्ज प्रकरणों में भ कमी आई है। यह आंकड़ा क्रमश: १५१०, १७४१ व १४२३ रहा।
गृहभेदन के मामले बढ़े, साधारण चोरियां कम – उक्त तीन सालों में जिले में गृहभेदन के क्रमश: ५६, ७८ व ६७ प्रकरण दर्ज हुए। वहीं साधारण चोरियों के प्रकरण का आंकड़ा क्रमश: ५०, ५५ व ४५ रहा। वाहन चोरी के मामलों में भी कमी आई। यह आंकड़ा क्रमश: ९९, १२५ व ९३ रहा। पशु चोरी के मामले बढ़े हैं। वर्ष २०१६ व २०१७ में इसके 1 व 6 प्रकरण दर्ज हुए। वहीं २०१८ में इनकी संख्या ८ रही।
मोटर व्हीकल एक्ट के प्रकरण बढ़ेे-बीते तीन साल के दौरान वर्ष २०१८ में मोटर व्हीकल एक्ट के ७८४३ प्रकरण दर्ज किए गए। वर्ष २०१६ व २०१७ में यह आंकड़ा ५५७२ व ४५७५ रहा था। इस अवधि में आम्र्स एक्ट के मामलों में कमी आई। यह आंकड़ा क्रमश: ६२, ६२ व ३५ रहा। जिलाबदर के मामले भी बढ़े। वर्षवार यह २३, १५ और २९ रहे।
७२६६ पर हुई प्रतिबंधात्मक कार्रवाई- बीते साल जिले में ७२६६ लोगों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई। वर्ष २०१६ में यह आंकड़ा ६४१८ व वर्ष २०१७ में ६८८६ था।
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