scriptरेलवे स्टेशन पर न धूप से बचने की व्यवस्था है, न ही मिलता है पीने का पानी | Lack of facilities at railway station | Patrika News

रेलवे स्टेशन पर न धूप से बचने की व्यवस्था है, न ही मिलता है पीने का पानी

locationहरदाPublished: Apr 17, 2018 08:36:11 pm

Submitted by:

sanjeev dubey

रेलवे स्टेशन पर बढ़ी यात्रियों की भीड़, सुविधाओं के अभाव में परेशान हो रहे यात्री

Lack of facilities at railway station

Lack of facilities at railway station

खिरकिया. अक्षय तृतीया पर वैवाहिक व मांगलिक कार्यक्रमों के साथ ही ग्रीष्मकालीन अवकाश के चलते इन दिनों टे्रनों एवं बसों में जमकर भीड़ चल रही है। प्रतिदिन हजारों यात्री सफर करने के लिए रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर पहुंच रहे है, जहां पर उन्हें मूलभूत सुविधाओं के लिए भटकना पड ऱहा है। टे्रन स्टापेज की कमी, पेयजल, हवा, शौचालय की कमी तो अपनी जगह है, लेकिन रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को धूप में सिर छिपाने के लिए यहां वहां भटकना पड़ रहा है। स्थानीय रेलवे स्टेशन पर तीन तहसीलों का यात्री दबाब है। खिरकिया, सिराली एवं किल्लौद तहसील के यात्री रेलवे स्टेशन पहुंचते है। जहां से वे विभिन्न शहरों के लिए रेल से यात्रा करते है। रेलवे स्टेशन मौजूद अव्यवस्थाएं यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है।
धूप से बचने के लिए पेड़ों के नीचे खड़े हो रहे यात्री –
टे्रनों से यात्रा करने के लिए बड़ी संख्या में यात्रियों के पहुंचने से रेलवे स्टेशन के दोनों प्लेटफार्म पर मौजूद शेड कम पड़ रहे है। ऐेस में यात्रियों को स्टेशन पर यहां वहां सिर छिपाना पड़ रहा है। टे्रनों के घंटों देरी से चलने के कारण यात्रियों की परेशानियां काफी बढ़ जाती है, ऐसे में यात्री पेड़ों के नीचे बैठे नजर आते है। वहीं शेड की कमी के कारण यात्री फुट ब्रिज पर व उसके नीचे बैठने पर भी मजबूर हो रहे है। नागरिकों द्वारा शेडो की लंबाई बढ़ाने की मांग की जाती रही है, लेकिन अधिकारियों द्वारा केवल आश्वासन दिया जाता है, जबकि शेड की लंबाई नहीं बढ़ाईजा रही है। इसमे सबसे अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचने वाले यात्री पैसेंजर सवारी गाड़ी के रहते है। जिसके घंटों देरी से चलने के कारण यात्रियों का रोजाना दिक्कते होती है।
बोतल लेकर पानी के लिए यहां वहां भटकते है यात्री-
रेलवे स्टेशन पर पहुंचने वाले यात्रियों को पानी के लिए यहां वहां भटकना पड़ रहा है। पेयजल व्यवस्था के लिए रेलवे स्टेशन के दोनों प्लेटफार्म पर कई जल स्टैंड लगाए गए है, लेकिन एक भी स्टैंड से यात्रियों को पानी नहीं मिल रहा है। पानी के लिए प्लेटफार्म 2 में एक मात्र बड़ी पानी की टंकी रखी हुई है। यह टंकी भी धूप में रखी होने व नियमित साफ सफाई नहीं होने के कारण यात्री इसका पानी पीने से कतराते है। एक छोटा वाटर कूलर भी रेलवे स्टेशन कार्यालय के बाजू से लगाया गया है। इसके अलावा रेलवे स्टेशन पर और कही भी पेयजल व्यवस्था नहीं है। ऐसे में यात्रियों को पानी नहीं मिलने पर महंगे मोल का बोतल का पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है। इसके अलावा कई अव्यवस्थाएं रेलवे स्टेशन पर पसरी हुई है। जिस ओर न तो रेल विभाग का ध्यान है और न ही स्टेशन प्रबंधन का। प्रतिदिन औसतन 1400 यात्री करते है रेल का सफर –
रेलवे स्टेशन पर 8 जोड़ी नियमित व 2 साप्ताहिक टे्रनों का स्टापेज है, जिससे प्रतिदिन हजारों यात्रीयात्रा करने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचते है। प्रतिदिन 50 से 70 हजार का राजस्व देने वाले इस रेलवे स्टेशन से औसतन 1400 यात्री प्रतिदिन आना जाना करते है। लेकिन समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है। रेलवे स्टेशन भले ही भारतीय रेल की दृष्टि से महत्वपूर्ण और राजस्व देने वाला हो, लेकिन यहां पर सुविधा न मिलने से यात्रियों को निराश ही होना पड़ता है।
इनका कहना
जल व्यवस्था को दुरूस्त किए जाने के लिए संबंधित अधिकारी को सूचना देकर सुधार कार्य कराया जाएगा। टीन शेड की वृद्धि के लिए वरिष्ठ अधिकारियो को अवगत कराया जाएगा।
दीपक रघुवंशी, सहायक स्टेशन अधीक्षक, खिरकिया
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