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नगर की जनसंख्या बढ़ी, लेकिन सुविधाएं नहीं, अब मुख्यमंत्री के नागरिक लगा रहे अपेक्षाएं

locationहरदाPublished: Sep 11, 2018 05:03:17 pm

Submitted by:

sanjeev dubey

नागरिकों को मुख्यमंत्री के आगमन से सौगात की दरकार

Lack of facilities in the city

नगर की जनसंख्या बढ़ी, लेकिन सुविधाएं नहीं, अब मुख्यमंत्री के नागरिक लगा रहे अपेक्षाएं

खिरकिया. मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान गुरुवार को अपनी जन आशीर्वाद यात्रा लेकर नगर पहुंच रहे है। ऐसे में वर्षों से नगर की लंबित समस्याओं का निराकरण को लेकर नागरिकों को कई अपेक्षाएं है। ग्राम पंचायत से नगर पंचायत बने खिरकिया को वर्षों बीत गए है। इसके बाद जनसंख्या में काफी वृद्धि हुई है। लेकिन सुविधाएं एवं व्यवस्थाएं जस की तस बनी है। इससे मौजूदा सुविधाओं में अब वृद्धि किए जाने की आवश्यकता है। जिले की सबसे बड़ी तहसील होने के बावजूद शासकीय सुविधाओं व संसाधनों के मामले में अन्य तहसीलों पिछड़ी हुई है, नागरिक अपेक्षाएं लगाए हुए है कि मुख्यमंत्री नगर में कुछ तो सौगात देकर जाएंगे। नगर में कई ऐसी बड़ी समस्याएं है, जिनकी मांग नागरिकों द्वारा वर्षों से की जा रही है, लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है।
शासकीय महाविद्यालय – घोषणा की, लेकिन नहीं हुई शुरूआत
नगर में सबसे बड़ी कमी शासकीय महाविद्यालय की है। यहां जमीन होने के बावजूद महाविद्यालय की स्थापना नहीं हो सकी है। मुख्यमंत्री द्वारा विगत माह टिमरनी में मंच से कॉलेज शुरू करने घोषणा तो कर दी थी, लेकिन अभी तक प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। इससे गरीब व निर्धन वर्ग के बच्चों को उच्च शिक्षा नहीं मिल पाती है। उन्हें 35 किमी दूर जिला मुख्यालय व अन्य शहर जाना पड़ता है। जिसमें सबसे अधिक समस्याओं का सामना छात्राओं को करना पड़ता है। उन्हें उच्च शिक्षा के लिए अपडाउन करना पड़ता है। अपडाउन के चलते ही कुछ परिजन छात्राओं की पढ़ाई छुड़वा देते है।
कोषालय एवं उप रजिस्ट्रार कार्यालय का अभाव-
नगर में उप रजिस्ट्रार एवं कोषालय कार्यालय खोले जाने की मांग भी नागरिकों की लंबित है। नागरिकों को अपने रजिस्ट्री संबंधी कार्यो के लिए जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। खिरकिया तहसील से करीब 56 गांव जुड़े है, जिन्हें अभी तक अपनी जमीन के क्रय विक्रय एवं बैंक चालान जमा करने के लिए हरदा जाना पड़ता है। नगर में 5 राष्ट्रीयकृत बैंक है। प्रथम व्यवहार न्यायालय भी स्थापित है। व्यवसायिक वर्ग तथा आमजन को इन कार्यो के लिए जिला मुख्यालय जाने पर परेशान होना पड़ता है। नागरिकों की समस्या को देखते हुए यह इनकी स्थापना की निहायत आवश्यकता है।
स्टेडियम – खेलने के लिए सुविधायुक्त मैदान तक नहीं-
नगर के कई खिलाड़ी राज्य, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभाओं का लोहा मनवा चुके है, लेकिन उनके लिए नगर में स्टेडियम नहीं है। स्टेडियम तो दूर खेलने के लिए सर्वसुविधायुक्त खेल मैदान ही नहीं है। खेल मैदान के नाम पर एक मात्र हाइस्कूल मैदान है, जहां पर स्टेडियम का निर्माण किया जा सकता है, लेकिन इसको लेकर कोई भी योजना नहीं बन रही है।
ओवर ब्रिज के लिए राज्य शासन की स्वीकृति की दरकार –
रेलवे एवं राज्य शासन की राशि से नगर एवं भिरंगी गेट पर ओवर ब्रिज का निर्माण होना है, लेकिन राज्य शासन के बजट में ओवर ब्रिज स्वीकृत नहीं हुआ है। ऐसी स्थिति में उसको लेकर राशि जारी नहीं होने से ओवर ब्रिज का निर्माण नहीं हो पा रहा है। नागरिकों द्वारा कयास लगाए जा रहे है, कि मुख्यमंत्री द्वारा इसकी स्वीकृति दी सकती है, मुख्यमंत्री यदि इसकी स्वीकृति देते है तो नागरिकों के लिए बहुत बड़ी सौगात होगी।
खिरकिया पोखरनी बायपास मार्ग –
नगर में यातायात का दबाव अधिक है। नगर का आवागमन मुख्य मार्ग से होने एवं मुख्य बाजार क्षेत्र भी इसी मार्ग पर होने से हमेशा यातायात का दबाव बना रहता है। ऐसे में नागरिकों द्वारा खिरकिया पोखरनी बायपास मार्ग के निर्माण की मांग की जा रही है। जिससे खिरकिया से सीधे पोखरनी होते हुए स्टेट हाइवे से जुड़ सकेगा। वर्तमान में यह मार्ग कच्चा है, लेकिन इसका व्यवस्थित निर्माण की स्वीकृति दी जाए तो नागरिकों सहित आसपास के कई गांवों की यातायात समस्या का हल हो सकेगा।
इनका कहना है-
नगर की लंबित समस्याओं एवं मांगों के निराकरण के लिए वरिष्ठ नेताओं के माध्यम से मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाएगा। नगर में सुविधाओं में वृद्धि करने की मांग की जाएगी।
शंकरसिंह राजपूत, अध्यक्ष, भाजपा मंडल खिरकिया
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