ट्रेन आने के पहले जल उठती है लाइट, जाते ही बंद हो जाते हैं अधिकतर बल्ब
हरदाPublished: Jul 07, 2020 09:14:09 pm
– तीन साल से जारी व्यवस्था के तहत तकनीक के इस्तेमाल से स्टेशन पर बचाई जा रही बिजली- हर महीने औसत 660 यूनिट की बचत, अब तक बचा चुका 2 लाख 37 हजार 600 रुपए
ट्रेन आने के पहले जल उठती है लाइट, जाते ही बंद हो जाते हैं अधिकतर बल्ब
हरदा। रेलवे प्रबंधन द्वारा तकनीक के बेहतर इस्तेमाल से स्टेशन के तीनों प्लेटफार्म पर 70 प्रतिशत बिजली की बचत की जा रही है। यह बचत इसलिए हो रही है क्योंकि प्लेटफार्म पर लगे करीब 200 में से केवल 30 प्रतिशत एलईडी फीटिंग्स (बल्ब) ही पूरी रात जलते हैं। सौ प्रतिशत रोशनी केवल ट्रेन के आने पर की जाती है। ट्रेन आने के 15 सेकंट पहले तथा रवाना होने के इतने ही समय बाद बचे 70 प्रतिशत बल्ब स्वत: ही चालू-बंद होते हैं। शाम 6 से सुबह 6 बजे के बीच जारी इस व्यवस्था के तहत रोज औसत 30 यूनिट की खपत होती है। इस व्यवस्था से अब केवल 8 यूनिट ही बिजली खपत आ रही है। यानि औसत 22 यूनिट प्रतिदिन और 660 यूनिट मासिक बचत हो रही है। विद्युत वितरण कंपनी की दर 10 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से सालभर में यह राशि 79 हजार 200 रुपए होती है। वर्ष 2017 में शुरू हुई इस व्यवस्था के तहत रेलवे अब तक करीब 2 लाख 37 हजार 600 रुपए की बिजली बचा चुका।
्रट्रेन के होम सिग्नल पर आते ही जल उठती है लाइट
रेलवे के विद्युत (सामान्य) के जेई सुदर्शन कुमार ने बताया कि वर्ष 2017 में महाप्रबंधक के वार्षिक निरीक्षण के पहले मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में यह नवाचार किया गया था। इसके तहत ट्रेन के होम सिग्नल (स्टेशन आने के पहले लगे सिग्नल) पर पहुंचते ही प्लेटफार्म के 70 प्रतिशत बल्ब ऑटोमेशन से जल उठते हैं। ट्रेन रवाना होने पर आखिरी डिब्बा स्टार्टर सिग्नल (ट्रेन खड़ी रहने के दौरान इंजन के सामने का सिग्नल) क्रॉस करने के बाद यह बल्ब बंद हो जाते हैं।
रातभर केवल 30 प्रतिशत बल्ब ही जलते हैं
जेई कुमार ने बताया कि प्लेटफार्म पर रातभर केवल 30 प्रतिशत बल्ब ही जलते हैं। बचे 70 प्रतिशत केवल ट्रेन आने के दौरान ही रोशनी देते हैं। स्टेशन अधीक्षक के कक्ष के पास इस ऑटोमेटिक यूनिट का नियंत्रण पैनल लगाया गया है। कुमार ने बताया कि बिजली की बचत का यह प्रयोग हाल ही में भोपाल स्टेशन पर भी शुरू किया गया है। आने वाले दिनों में हरदा के आसपास के अन्य छोटे स्टेशनों पर भी यह व्यवस्था संचालित हो सकती है।