तय मेडिकल की लिखते हैं दवाएं:
शहर में बाहर से आने वाले डॉक्टरों की लिखी दवाएं उन चैंबरों की मेडिकल स्टोर्स पर ही मिलती है,जहां वे आकर इलाज व परामर्श देते हैं। जिले की किसी भी अन्य मेडिकल स्टोर्स पर वे दवाएं मिलती ही नहीं हैं।जिला बनने के करीब 25 साल बाद भी स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में हरदा काफी पिछड़ा हुआ है। यही कारण कि कई तरह की बीमारियों के विशेषज्ञ अब यहां बड़ी संख्या में आने लगे हैं,जो अपनी मुंह मांगी फीस के अलावा कई महंगी दवाएं लिखते हैं। इन दवाओं से आराम न लगने पर अगली बार दवाएं बदल दी जाती हैं। सूत्र बताते हैं कि एक बार में परामर्श शुल्क के अलावा 700 से 1000 रुपए की दवाएं लिखना आम बात है।
जाने जाेखिम में: बाहर से आने वाले डॉक्टर अपने पर्चों और बाजार में बंटवाए जाने वाले पंपलेट में उल्लेखित डिग्रियों के वास्तव में धारक हैं या नहीं यह कोई रोगी नहीं पूछ सकता है,लेकिन नियमानुसार ऐसे डॉक्टरों की सीएमएचओ में डॉक्टर चैंबर्स चलाने वालों को या खुद डॉक्टर को जानकारी दर्ज कराना चाहिए। नियमानुसार सीएमएचओ आफिस में ऐसे डॉक्टरों के अनिवार्य पंजीयन का भी नियम है। पूर्व में हाेटलों,लॉज व धर्मशालाओं से ऐसे झोलाछाप दवाओं के साथ पकड़े गए हैं। अभी भी कई बिना किसी डिग्री वाले डॉक्टर न केवल इलाज कर रहे हैं बल्कि दवाएं भी अपने मेडिकल से बीच बाजार में बेखौफ बेच रहे हैं।
अभी तक ऐसे किसी बाहरी डॉक्टर का रिकार्ड या जानकारी पंजीयन आदि नहीं है। आप मुझे ऐसे डॉक्टरों और डॉक्टर चैंबर्स चलाने वाले की सूची दीजिए, मैं उन्हें नोटिस जारी करूंगा।
-डॉ.एचपी सिंह,सीएमएचओ,शास.अस्पताल हरदा