scriptतीन साल में दूध के 105 सैंपल लिए , इनमें से 23 मिले अमानक | Milk and Milk Production Mix | Patrika News

तीन साल में दूध के 105 सैंपल लिए , इनमें से 23 मिले अमानक

locationहरदाPublished: Jul 23, 2019 11:31:53 pm

Submitted by:

sanjeev dubey

कुछ साल पहले दूध को गाढ़ा करने के लिए मिलाते थे अरारोट

Milk

Milk

मसनगांव. जब प्र्रदेशभर में सिंथेटिक दूध की जांच के लिए ताबड़तोड़ कार्रवाई चल रही है तब जिले इस क्षेत्र में इस संबंध में कोई हलचल नहीं है। इसका सबसे अहम कारण यह है कि जिले में दूध न केवल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है बल्कि यहां का दूध भोपाल जैसे शहरों में भी जाता है।
मसनगांव में कई डेयरी चल रहीं हैं। खुले दूध में पानी की मात्रा अधिक होने से ग्रामीण क्षेत्रों में पैकेट का दूध भी बिक रहा है। क्षेत्र के अधिकांश किसान तथा पशु पालक ग्राम में बने पीएमसी सेंटरंो पर दूध देते हैं वहीं कुछ लोग हरदा जाकर सीधे ग्राहकों को दूध का विक्रय करते हंैं। दूध में मिलावट की शिकायत को देखते हुए खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा बीते 5 सालों में 60 से अधिक दूध के सैंपल लिए गए जिनमें पानी की मात्रा अधिक पाई गई। दूध में फैट एवं एसएनएफ की मात्रा कम होने से दूध के कई सेंपल फेल हो गए।
पहले मिलाते थे अरारोट
एक समय जब दूध की भारी कमी रहती थी तब दूध में अरारोट पाउडर मिलाकर उसे गाढ़ा बनाया जाता था। वहीं एक दिन पुराने दूध को खराब होने से बचाने के लिए सोडियम बाइकार्बोनेट का इस्तेमाल किया जाता था। बाद में इस प्रवृत्ति पर भी लगाम लग गई। खाद्य विभाग द्वारा दूध के सेंपल लेने तथा क्षेत्र में दूध की मात्रा बढऩे से इस मिलावट पर रोक लग गई।
इनका कहना
– क्षेत्र में सिंथेटिक अथवा नकली दूध का कोई भी प्रकरण सामने नहीं आया है लेकिन पानी की मिलावट के कई केस हुए हैं। पनीर के सैंपल भी अभी तक फेल नहीं हुए हैं वहीं मावे के कुछ सैंपल फेल हुए है जिन पर कार्यवाही की गई है।
जेपी लोवंशी
खाद्य निरीक्षक, हरदा

दूध के हर पांचवे सेंपल में मिल रहा भरपूर पानी
टिमरनी. दूध के पर्याप्त उत्पादन के बाद भी खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा लिए जा रहे दूध के सेंपल्स फेल हो रहे हैं। कभी भरपूर और गाढ़ा-शुद्ध दूध के लिए जाने जाते क्षेत्र में अब दूध में मिलावट आम बात हो गई है। हाल ये है कि दूध के हर पांचवे सेंपल में निर्धारित मानकों के अनुसार दूध नहीं मिल पा रहा है।
दूध में मिला रहे पानी
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के आंकड़ों में इस बात की पुष्टि हो रही है कि दूध में खूब पानी मिलाया जा रहा है। जिला कार्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार तीन साल में दूध के 105 सेंपल लिए थे, इनमें से 23 सेंपल अमानक मिले। अच्छी बात यह है कि दूध या मावा में कोई केमिकल पदार्थ या सिंथेथिक पदार्थ नहीं पाए गए। दूध के सभी नमूने पानी मिलने से ही अमानक पाए गए हैं।
नकली घी बनाते हुए पकड़ाया
दो साल पहले जिला मुख्यालय पर दूग्ध उत्पादों के नाम पर नकली और घटिया उत्पाद बेचने की एक के बाद एक कई शिकायतें सामने आई। सबसे ज्यादा शिकायत घटिया गुणवत्ता के देशी घी की थी। इस पर विभाग सक्रिय हुआ। खेड़ीपुरा में नकली घी बनाते हुए पकड़ाया था। जिले के एक गांव में भी नकली घी बनाने का ऐसा प्रकरण सामने आया था। यह प्रकरण अभी कोर्ट में चल रहा है।
दूध और दुग्ध उत्पादनों की सेंपलिंग
– 1-1-16 से 23-7-19 तक – कुल 105
– अमानक मिले – 23
– 19 प्रकरणों में कोर्ट में हुआ फैसला
– 194000 रुपए का जुर्माना
– 4 प्रकरण कोर्ट में विवेचनाधीन
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो