पहले मिलाते थे अरारोट
एक समय जब दूध की भारी कमी रहती थी तब दूध में अरारोट पाउडर मिलाकर उसे गाढ़ा बनाया जाता था। वहीं एक दिन पुराने दूध को खराब होने से बचाने के लिए सोडियम बाइकार्बोनेट का इस्तेमाल किया जाता था। बाद में इस प्रवृत्ति पर भी लगाम लग गई। खाद्य विभाग द्वारा दूध के सेंपल लेने तथा क्षेत्र में दूध की मात्रा बढऩे से इस मिलावट पर रोक लग गई।
एक समय जब दूध की भारी कमी रहती थी तब दूध में अरारोट पाउडर मिलाकर उसे गाढ़ा बनाया जाता था। वहीं एक दिन पुराने दूध को खराब होने से बचाने के लिए सोडियम बाइकार्बोनेट का इस्तेमाल किया जाता था। बाद में इस प्रवृत्ति पर भी लगाम लग गई। खाद्य विभाग द्वारा दूध के सेंपल लेने तथा क्षेत्र में दूध की मात्रा बढऩे से इस मिलावट पर रोक लग गई।
इनका कहना
– क्षेत्र में सिंथेटिक अथवा नकली दूध का कोई भी प्रकरण सामने नहीं आया है लेकिन पानी की मिलावट के कई केस हुए हैं। पनीर के सैंपल भी अभी तक फेल नहीं हुए हैं वहीं मावे के कुछ सैंपल फेल हुए है जिन पर कार्यवाही की गई है।
जेपी लोवंशी
खाद्य निरीक्षक, हरदा
—
दूध के हर पांचवे सेंपल में मिल रहा भरपूर पानी
टिमरनी. दूध के पर्याप्त उत्पादन के बाद भी खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा लिए जा रहे दूध के सेंपल्स फेल हो रहे हैं। कभी भरपूर और गाढ़ा-शुद्ध दूध के लिए जाने जाते क्षेत्र में अब दूध में मिलावट आम बात हो गई है। हाल ये है कि दूध के हर पांचवे सेंपल में निर्धारित मानकों के अनुसार दूध नहीं मिल पा रहा है।
– क्षेत्र में सिंथेटिक अथवा नकली दूध का कोई भी प्रकरण सामने नहीं आया है लेकिन पानी की मिलावट के कई केस हुए हैं। पनीर के सैंपल भी अभी तक फेल नहीं हुए हैं वहीं मावे के कुछ सैंपल फेल हुए है जिन पर कार्यवाही की गई है।
जेपी लोवंशी
खाद्य निरीक्षक, हरदा
—
दूध के हर पांचवे सेंपल में मिल रहा भरपूर पानी
टिमरनी. दूध के पर्याप्त उत्पादन के बाद भी खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा लिए जा रहे दूध के सेंपल्स फेल हो रहे हैं। कभी भरपूर और गाढ़ा-शुद्ध दूध के लिए जाने जाते क्षेत्र में अब दूध में मिलावट आम बात हो गई है। हाल ये है कि दूध के हर पांचवे सेंपल में निर्धारित मानकों के अनुसार दूध नहीं मिल पा रहा है।
दूध में मिला रहे पानी
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के आंकड़ों में इस बात की पुष्टि हो रही है कि दूध में खूब पानी मिलाया जा रहा है। जिला कार्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार तीन साल में दूध के 105 सेंपल लिए थे, इनमें से 23 सेंपल अमानक मिले। अच्छी बात यह है कि दूध या मावा में कोई केमिकल पदार्थ या सिंथेथिक पदार्थ नहीं पाए गए। दूध के सभी नमूने पानी मिलने से ही अमानक पाए गए हैं।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के आंकड़ों में इस बात की पुष्टि हो रही है कि दूध में खूब पानी मिलाया जा रहा है। जिला कार्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार तीन साल में दूध के 105 सेंपल लिए थे, इनमें से 23 सेंपल अमानक मिले। अच्छी बात यह है कि दूध या मावा में कोई केमिकल पदार्थ या सिंथेथिक पदार्थ नहीं पाए गए। दूध के सभी नमूने पानी मिलने से ही अमानक पाए गए हैं।
नकली घी बनाते हुए पकड़ाया
दो साल पहले जिला मुख्यालय पर दूग्ध उत्पादों के नाम पर नकली और घटिया उत्पाद बेचने की एक के बाद एक कई शिकायतें सामने आई। सबसे ज्यादा शिकायत घटिया गुणवत्ता के देशी घी की थी। इस पर विभाग सक्रिय हुआ। खेड़ीपुरा में नकली घी बनाते हुए पकड़ाया था। जिले के एक गांव में भी नकली घी बनाने का ऐसा प्रकरण सामने आया था। यह प्रकरण अभी कोर्ट में चल रहा है।
दो साल पहले जिला मुख्यालय पर दूग्ध उत्पादों के नाम पर नकली और घटिया उत्पाद बेचने की एक के बाद एक कई शिकायतें सामने आई। सबसे ज्यादा शिकायत घटिया गुणवत्ता के देशी घी की थी। इस पर विभाग सक्रिय हुआ। खेड़ीपुरा में नकली घी बनाते हुए पकड़ाया था। जिले के एक गांव में भी नकली घी बनाने का ऐसा प्रकरण सामने आया था। यह प्रकरण अभी कोर्ट में चल रहा है।
दूध और दुग्ध उत्पादनों की सेंपलिंग
– 1-1-16 से 23-7-19 तक – कुल 105
– अमानक मिले – 23
– 19 प्रकरणों में कोर्ट में हुआ फैसला
– 194000 रुपए का जुर्माना
– 4 प्रकरण कोर्ट में विवेचनाधीन
– 1-1-16 से 23-7-19 तक – कुल 105
– अमानक मिले – 23
– 19 प्रकरणों में कोर्ट में हुआ फैसला
– 194000 रुपए का जुर्माना
– 4 प्रकरण कोर्ट में विवेचनाधीन