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सवा करोड़ का बहुउद्देश्यीय केन्द्र किसानों के लिए अनुपयोगी

locationहरदाPublished: Feb 09, 2020 05:48:49 pm

Submitted by:

sanjeev dubey

1 करोड़ 25 लाख की लागत से बना था बहुउद्देश्यीय केन्द्र, 2 वर्ष बाद भी किसानों को नही मिल रही है सुविधा

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खिरकिया. किसानों की सुविधाओं के लिए शासन द्वारा योजनाएं बनाकर उनका क्रियान्वयन ग्रामीण क्षेत्रों तक किया जा रहा है लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते उनका लाभ किसानों को नहीं मिल पाता है। कुछ ऐसी ही स्थिति किसानों के लिए बने बहुउद्देश्यीय केन्द्र की भी बनी हुई है। करीब सवा करोड़ की लागत का यह बहुउद्देश्यीय केंद्र फिलहाल सफेद हाथी साबित हो रहा है।
1.२५ करोड़ से बना है केन्द्र
बहुउद्देश्यीय केन्द्र के निर्माण के लिए मंडी बोर्ड द्वारा 1 करोड़ 25 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी। इस राशि से यह केंद्र बनाया गय है। बड़े भूखंड में इस केन्द्र का निर्माण किया गया है। किसानों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न जरुरतों को पूरा करने के लिए केन्द्र का निर्माण किया गया है। जिसमें दुकानें, टीन शेड, कार्यालय, गोदाम, बाउंड्रीवॉल, पेयजल, किसानों के विश्राम गृह सहित अन्य निर्माण किए गए हैं। बावजूद उसके किसानों को इस केंद्र का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

महीनों पहले हुआ हस्तांतरण
किसानों के विभिन्न कार्यों के लिए बहुउद्देश्यीय केन्द्र का निर्माण किया गया है। मप्र मंडी विपणन बोर्ड द्वारा इस केन्द्र का निर्माण कराया गया है लेकिन निर्माण के बाद भी यह अनुपयोगी पड़ा हुआ है। सेवा सहकारी समिति को हस्तांतरित कर इस केन्द्र का संचालन किया जाना है, समिति को भवन हस्तांतरित हुए कई महीने हो गए हैं मगर हस्तांतरण के बाद भी केन्द्र का उपयोग नहीं हो रहा है।

दो वर्ष से भवन है बंद
बहुउद्देश्यीय केन्द्र का निर्माण करीब दो वर्ष पहले पूर्ण हो गया था। निर्माण के बाद करीब 6 माह की देरी के बाद भवन का हस्तांतरण मंडी बोर्ड द्वारा सेवा सहकारी समिति मुहालकलां को कर दिया था। दो वर्ष से अधिक समय बीतने पर भी समिति ने इसे किसान हित में चालू नहीं किया है।

निजी वेयरहाउस पर होती है खरीदी
बहु उद्देश्यीय केन्द्र को सेवा सहकारी समिति मुहालकलां के खरीदी कार्य की मंशा से तैयार किया गया है। अभी समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन कार्य निजी वेयर हाउस पर किया जाता है। यहां से नीमसराय, पीपल्या सहित समिति से लगे अन्य ग्रामों के कृषकों को उपज बेचने 6 किमी की दूरी तय करना पड़ती है। जबकि बहु उद्देश्यीय केन्द्र की समिति से दूरी महज 2 किमी है। ऐसे में किसानों को अपनी उपज बेचने 4 किमी अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है। वही उपार्जन केन्द्र पर उपज के रखरखाव व अन्य मूलभूत सुविधाओं की भी व्यवस्था करनी पड़ रही है जबकि निर्मित केन्द्र पर यह सुविधाएं मौजूद हैं।

इनका कहना है
बहु उद्देश्यीय केन्द्र का उपयोग क्यों नही किया जा रहा है, इस संबंध में जानकारी ली जाएगी। किसानों की सुविधा के लिए निर्मित केन्द्र को चालू करने निर्देशित किया जाएगा।
व्हीपी यादव, एसडीएम खिरकिया
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