scriptकागजों तक ही सीमित नपा का जैविक खाद और पेवर ब्लॉक बनाने का संयंत्र | Napa organic fertilizer plant limited to paper | Patrika News

कागजों तक ही सीमित नपा का जैविक खाद और पेवर ब्लॉक बनाने का संयंत्र

locationहरदाPublished: Feb 27, 2020 01:13:47 pm

Submitted by:

poonam soni

मुक्तिधाम के सामने दो एकड़ में प्लांट स्थापित करने की योजना, लाखों रुपए का टीन शेड, लोहे के बॉक्स बनाकर छोड़ दिए
 

कागजों तक ही सीमित नपा का जैविक खाद और पेवर ब्लॉक बनाने का संयंत्र

कागजों तक ही सीमित नपा का जैविक खाद और पेवर ब्लॉक बनाने का संयंत्र

हरदा. शहर के लोगों को कचरे के प्रदूषण से बचाने के लिए नगर पालिका ने मुक्तिधाम के बाजू से ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण एवं एमआरएफ केंद्र स्थापित किए हुए दो महीने हो गए हैं। पर अब तक इसका उपयोग शुरू नहीं हो पाया है।
यह योजना बनाई थी
कचरा निपटान के साथ-साथ नपा ने जैविक खाद और प्लास्टिक से पैबर ब्लाक बनाने की योजना बनाईथी, किंतु दोनों ही योजनाएं अधर में लटकी हैं। आज भी कचरा मुक्तिधाम के सामने खुले में फेंका जा रहा है। जहां से उठती दुर्गंध से खेड़ीपुरा के नागरिकों एवं राहगीरों को परेशान होना पड़ रहा है। मुक्तिधाम के बाजू से कचरा छंटनी के लिए तैयार किया गया शेड और लोहे के बॉक्स बेकार पड़े। इनसेट में मुक्तिधाम के सामने इस गड्ढे को भरकर संयंत्र लगाया जाना था।
कचरे की दुर्गंध के बीच जीवनयापन करने को मजबूर लोग
शहर के 35 वार्डों से नगर पालिका द्वारा घर-घर वाहन भेजकर और सार्वजनिक स्थलों से कचरा उठाती है। पूरे शहर से प्रतिदिन 25 टन कचरा निकलता है। इस कचरे को मुक्तिधाम के सामने खाली पड़ी जगह पर फेंका जा रहा है। कचरे और मरे हुए मवेशियों के सडऩे पर खेड़ीपुरा क्षेत्र का वातावरण प्रदूषित हो गया है। हवा चलने के दौरान कचरे की दुर्गंध घरों तक पहुंच रही है। बदबू के कारण लोगों का घरों में रहना मुहाल हो गया है। इसके अलावा कई बार कचरा बीनने वाले लोग कचरे में आग लगा देते हैं, जिससे उठता धुआं भी लोगों के लिए परेशानी बन जाता है। सालों से लोग कचरे की दुर्गंध के बीच जीवनयापन करने को मजबूर हो रहे हैं।
दो एकड़ में संयंत्र लगाने की योजना
2 दिसंबर को नगर पालिका अध्यक्ष एवं सीएमओ ने मुक्तिधाम क्षेत्र का निरीक्षण किया था। उन्होंने कहा था कि मुक्तिधाम के सामने नपा स्वामित्व की 2 एकड़ जमीन पर कचरा निपटान के लिए संयंत्र बनाया जाएगा। इसके लिए जमीन पर सालों पुराने तालाबनुमे गड्ढे को कचरे और मुरुम से भरकर उसे समतल किया जाएगा। इसके बाद पर इस जमीन पर संयंत्र स्थापित लगाएंगे। नपा के कर्मचारी गीला, सूखा कचरा अलग करेगा, जिससे जैविक खाद तैयार की जाएगी। किंतु दो महीने बाद भी संयंत्र लगाने के लिए गड्ढे को नहीं भरा गया। वहीं संयंत्र योजना कागजों में ही अटकी पड़ी है।
देखरेख करने वाला भी कोई नहीं
नगर पालिका ने शहर के वार्ड 31 के अंतर्गत आने वाले मुक्तिधाम के बाजू से लाखों रुपए खर्च करके खाद प्रसंस्करण ईकाई तैयार की है। यहां पर शहर से निकलने वाले कचरे को मैदान में डालकर उसकी छटनी की जाना थी। कचरे में से निकलने वाले कांच, घरेलू कचरा, लकड़ी, लोहा, टीन एवं तार को लोहे के अलग-अलग बॉक्सों में रखा जाएगा। इसके अलावा अन्य व्यवस्थाएं की गई हैं। जिन हजारों रुपए खर्चकिए गए हैं। पर इस केंद्र को बनाकर नपा भूल गई। केंद्र पर हर समय ताला लटका रहता है। कोई मजदूर अथवा इसकी देखरेख करने वाला नहीं है। केंद्र को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया।
प्लॉस्टिक और पॉलिथीन से पेवर ब्लॉक बनाने की योजना बनाई
नगर पालिका ने आनन-फानन में मुक्तिधाम क्षेत्र का निरीक्षण करके संयंत्र स्थापित करने की कार्य योजना बनाई थी। इसके लिए नगरपालिका द्वारा बाहर से मजदूरों को बुलाकर उनसे आधुनिक मशीनों के जरिए जैविक खाद तैयार करने और प्लॉस्टिक, पॉलिथीन से पेबर ब्लॉक बनाने की योजना बनाई गई। इन पेवर ब्लॉकों का उपयोग शहर के उद्यानों में पॉथवे एवं सार्वजनिक स्थलों पर लगाने किया जाना था। लेकिन योजना दम तोड़ती नजर आ रही है।
संयंत्र स्थापित करने को कार्ययोजना बनाई
मुक्तिधाम केे बाजू से बनाए गए ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण एवं एमआरएफ केंद्र को जल्द ही शुरू किया जाएगा। संयंत्र स्थापित करने के लिए भी कार्ययोजना बनाई गई है। मैदान को समतल करने की तैयारी की जा रही है।
ज्ञानेंद्र कुमार यादव, सीएमओ नगर पालिका, हरदा
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो